सास ने गम को ख़ुशी में बदल दिया – मीनाक्षी सिंह

सविता जी – नीता ,,तू फिर रोने लगी ! कितनी बार समझाया हैं तुझे कि जाने वाले वापस नहीं आते! पर तू हर वक़्त रोती रहती हैं ! मुझसे तेरा ये उदास चेहरा देखा नहीं जाता ! तेरा  पहला करवाचौथ हैं ! सब औरतें कितनी खरीदारी कर रही हैं ! बाजार में कितनी रौनक हैं ! जा सोनू( सविता जी का  बेटा ) के साथ जाकर मेहंदी लगवाय़ा !

नीता – मम्मी जी ,बहुत कोशिश करती हूँ पापा की य़ादों को भूलने की पर पल पल उनके साथ बिताये हुए य़ादगार लम्हे मुझे रोने पर मजबूर कर देते हैं !

नीता के विवाह से 8 दिन पहले उसके फौजी पिता की ट्रैन हादसे में मृत्यु हो गयी थी ! सब तैयारी करके गए थे उसके पिता ! ससुराल वाले सरल और अच्छे लोग थे ! उन्होने नियत तिथि पर विवाह करने के लिए कहा की समधी जी के पहली बेटी की शादी को लेकर बहुत अरमान थे ! अगर ये विवाह नहीं हुआ तो उनकी आत्मा दुखी होगी ! जिस कारण विवाह तो हो गया पर नीता शादी में होते भी किसी और ही दुनिया में खोयी थी ! उसकी मानसिक स्थिति ऐसी  थी कि वो विवाह के समय होने वाले रीति रिवाज भी नहीं समझ पा रही थी ! पिता की पहली संतान थी इसलिये उनकी आँखों का तारा थी ! ससुराल में आने के बाद भी ऐसा एक भी दिन नहीं जाता था जब वो अपने पिता को याद करके सिस्कियां ना भरती हो !

सविता जी – बेटा ,मैने ये नहीं कहा कि तू अपने पिता को याद मत कर ! तू खुश रहेगी तो उन्हे भी ख़ुशी मिलेगी ! क्या वो तुझे इस तरह देखने के लिए हमारे यहाँ  लाना चाहते थे ! शंभू ( नीता के पिता ) थे ही ऐसे स्वभाव के उन्हे भूलना हम लोगों के लिए भी नामुमकिन हैं ! जब तेरा रिश्ता लेकर आये तेरे पिता तो कहते अपने घर की रौनक दे रहा हूँ आपको ! आपके घर में  पूरे दिन चिड़िय़ां की तरह चहकेगी मेरी नीता ! इतनी खुश मिजाज हैं ,,उदासी तो उसके चेहरे पर कभी छाती ही नहीं ! किसी भी रोते हुए को हंसा दे वो ! हमारे घर का सबसे कीमती हीरा दे रहा हूँ आपको ! क्या तू वही हीरा हैं ज़िसकी बात तेरे पिताजी करते थे ! मुझे तो नहीं लगता !




नीता ( आंसू पोंछते हुए ) – अच्छा मम्मी जी ,पापा ने आपसे मेरी इतनी बातें बतायी ! पता हैं आपको एक बार पापा बहुत थके हुए आये थे ! मैने कहा पापा आज मेरा जन्मदिन हैं ,,क्या डांस नहीं करोगे ! इतना थके होने के बाद भी मैने और पापा ने मिलकर 3 घंटे तक डांस किया ! नीता के चेहरे पर एक मुस्कान तैर गयी !

सविता जी – अच्छा तो हमारी बहू डांस भी कर लेती हैं ,,हमें तो पता ही नहीं था ! नीता,, वैसे मैं तेरी  सास हूँ,, बहू बेटे के निजी मामलों में दखल देने  का कोई हक़ नहीं मुझे ! अगर तूने कभी भी मुझे अपनी माँ की नजरों से देखा हैं तो एक बात कहूँ ??

नीता – जी मम्मी जी क्यूँ नहीं !

सविता जी – मुझे पता हैं तेरे और सोनू के विवाह को एक साल होने को आया ,,तुम दोनों में अभी भी पति पत्नी वाला रिश्ता नहीं हैं ! मैने सोनू को रोज रात में बाहर बैठक में सोते हुए देखा हैं ! मुझे पता हैं मेरा  बेटा बहुत समझदार हैं ! वो तुझसे किसी चीज के लिए नहीं कहेगा जब तक तू सहज महसूस ना करें ! आज तक उसने किसी लड़की की तरह आँख उठाकर भी नहीं देखा ! बस पढ़ाई में रमा रहता ! जब बैंक में पीओ बन गया,, तब मैने कहा कोई लड़की पसंद हो तो बता दे ! कहता माँ आप लोग मेरे सब कुछ हो ,,ज़िसे भी मेरे लिए चुनोगे उसको पूरे जीवन ख़ुशी से रखूँगा ! उसकी आँखों में कभी आंसू नहीं आने दूँगा ! आपसे वादा करता हूँ ! तू ही बता क्या एक पति के अपनी पत्नी से कोई अरमान नहीं होते !मैं  ये बिल्कुल नहीं कह रही कि शारीरिक संबंध ही सब कुछ होता हैं पर तेरा हर वक़्त उदास रहना ,रोते रहना ,,सोनू को भी अंदर तक तोड़ रहा हैं ! उसके भी कुछ अरमान थे जीवनसाथी को लेकर ! कहता था मम्मी नीता को  मलेशिया लेकर जाऊँगा घुमाने ! तू अगर खुश भी रहने लग जाये तो सोनू के चेहरे की भी ख़ुशी लौट आयेगी !  हम भी तेरा हंसता खिलखिलाता हुआ चेहरा देखना चाहते हैं नीता ! हमारे घर की ख़ुशी लौटायेगी ना हमारी बहू !

नीता फफ़ककर रोने लगी !




नीता- मम्मी जी ,,आज आपने मुझे मेरा पत्नीधर्म याद दिला दिया ! मैने कभी सोचा ही नहीं कि अब मैं शादीशुदा हूँ ! कोई और भी हैं ,,जो मेरी ख़ुशी में खुश होना चाहता हैं ! आज आपने मेरी सोयी हुई आत्मा को झकझोर दिया मम्मी जी !आप बहुत अच्छी हो मम्मी जी ! नीता ने कस्के सविता जी को अपने गले से लगा लिया ! आज नीता एक नादान बच्ची सी लग रही थी ! काफी देर तक उनके सीने से लगकर रोती रही ! मम्मी जी आज के बाद आपकी नीता नहीं रोयेगी ! रोये तो आप एक चपत लगा देना,, जैसे मेरी मम्मी लगाती थी ! पापा थैंक यू सो मच ,,ऐसी सासू माँ देने के लिए अपनी नीता को !

सविता जी – बस कर ,बस कर ,,अपनी तरह मुझे भी रोंदू बनायेंगी क्या ! जा ,,सोनू को मैने फ़ोन कर दिया हैं ! तेरा  दीवाना पागलों की तरह आता ही होगा तुझे घुमाने के लिए ! आज तो उसकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं होगा ! उसकी नीता पहली बार उसके साथ घुमने जो जा रही हैं !

नीता – आप भी ना मम्मी जी ! नीता झेंप गयी !

सविता जी – अच्छा जा अब यहाँ से ,तैयार हो जा ! करवाचौथ का  सारा सामान ले आना ! मैने लिस्ट बना दी हैं !

नीता के बूद्धू राम बाहर ही खड़े नीता का बेसबरी से इंतजार कर रहे थे ! नीता गुलाबी रंग की साड़ी में बला की खूबसूरत लग रही थी ! पतिदेव को देखते ही अपने हाथों से चेहरे को छुपा  लिया !

आज सोनू  को अपनी नीता सही मायनों में मिल चुकी थी !

सविता जी की समझदारी की वजह से नीता के गम खुशियों में तब्दिल हो गए ! काश सभी सासे ऐसी होती तो शायद किसी के घर ना टूटते !!

#कभी_खुशी_कभी_ग़म 

स्वरचित

मौलिक अप्रकाशित

मीनाक्षी सिंह

आगरा

 

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