रूही जैसे ही अपने हॉस्टल के कमरे में घुसी,उसने देखा उसकी रूम मेट सीमा अभी तक जाग रही थी,सोई नही तुम सीमा?
कैसे सोती तेरी चिंता जो लगी हुई थी,जानती है तेरी मां का दो बार फोन आचुके है ,आज तो मैंने झूठ बोल दिया कि यूं किसी सहेली थी बर्थ डे पार्टी में गई है परन्तु हर बार मैं ऐसा नहीं कर पाऊंगी।तूने अपना फोन भी स्विच ऑफ कर रखा था ।इसलिए तेरी बहुत चिन्ता कर रही थी।हां वो मैं समीर के साथ मूवी देखने चली गई थी।
क्या,समीर के साथ, परंतु वो तुझे कहां मिल गया,वो तो हम लोगों से सीनियर है न।हां तो सीनियर है तो क्या सीनियर्स के साथ मिलना जुलना मना है। मुझे तो वह बहुत ही सुलझा हुआ लगा,उसने तो यहां तक कहा कि रूही जब भी तुम्हें किसी चीज की जरूरत हो मुझसे कहना,यहां हॉस्टल में परेशान मत होना।मै हूं न।
बस आगई न तू भी उसके झांसे में,तू जानती ही कितना है उसके बारे में।उसकी चिकनी चुपड़ी बातों में आकर कोई #गुल न खिला बैठना#
देख हम लोग मिडिल क्लास परिवार से ताल्लुक रखते हैं, साथ ही तू और मैं छोटे शहरों से यहां पहुंचे हैं आगे की पढ़ाई करने।छोटे शहरों में एक दूसरे से लिए अपनापन होता है वहां इतनी जल्दी कोई किसी के साथ गलत कर ने का सोच भी नही पाता। यहां दिल्ली जैसी मेट्रो सिटी में सब अपने मतलवसे मतलव रखते हैं।कभी कभी तो अपने मतलव के लिए सामने बाले को यूज करने में भी पीछे नहीं रहते।
हमारे मां बाप ने अपनी इच्छाओं में कटौती करके यहां पढ़ने के लिए भेजा है तो बस अपनी पढ़ाई पर फोकस कर।
अच्छा तू मेरी रूम मेट है तो वही रह गार्जियन बनने की कोशिश मत कर। मैं अपना भला-बुरा सोच सकतीं हूं।इतनी मुश्किल से तो घर की टोका टाकी से आजादी मिली है, वर्ना तो घर में हमेशा मम्मी का भाषण चालू रहता था कि ये मत करो वो मत करो इससे मत मिलेो वगैरह वगैरह।और अब यहां तू चालू हो गई । थोड़ा तो चिल करने के दे कॉलिज लाइफ को।आजादी था मतलव सीमा लांघना नहीं होता है।
देख रूही ,मैं तो बस तुझे अपनी छोटी बहन जैसा समझती हूं , इसीलिए इतनी बात करली तेरे साथ।बाद में यदि कुछ गलत हो जाय तो मुझे मत कहना।
हां फिर भी इतना सचेत तो तुझे जरूर करना चाहूंगी कि समीर अमीर बाप का बिगड़ैल बेटा है।बह यहां पढ़ाई करने नही बस लड़कियों के साथ टाइम पास करने या मस्ती करने ही आता है। पढ़ाई से तो उसका दूर दूर तक कोई नाता नहीं है। पिछले साल उसने किसी लड़की के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की थी।बस इसी तरह पहले उसको मूवी दिखाई ,मंहगे गिफ्ट दिए जव वह लड़की इसके चंगुल में फस गई तो इसने उसका रेप करने की कोशिश की।
जब उस लड़की ने प्रशासन से जाकर शिकायत दर्ज की तो केस उल्टा उस लड़की के अगेंस्ट बना दिया।
क्योंकि समीर के पापा इस कॉलिज के ट्रस्टी हैं हर साल ढेर सारा पैसा कॉलिज में दान बतौर देते हैं,तो भला कोई उनके बेटे को कैसे टारगेट कर सकता है।
ओह सॉरी सीमा मैंने तुमको न जाने क्या कया उल्टा सीधा कह दिया,आगे से मैं तुम्हारी बातों का ध्यान रखूंगी और उस समीर से तो कोसों दूर रहूंगी। थैंक्यू सीमा दीदी और दोनों खिलखिलाकर हंस पड़ी।
स्वरचित व मौलिक
माधुरी गुप्ता
नई दिल्ली
एक बात पुछना चाहता हूं लेखिकाजी, सविनय निवेदन
अमिर लोगोकी औलादे बिगडीही होती है ये कहांका परसेप्शन है?