रिया का रिश्ता-मुकेश कुमार

रिया अपने मां बाप की इकलौती संतान थी.  लंबाई में थोड़ी छोटी थी और देखने मे भी कोई ज्यादा खूबसूरत नहीं थी। इस वजह से उसकी माँ सरिता जी बहुत परेशान रहती थीं कि कौन मेरी बेटी से शादी करेगा।

आजकल सुंदर लड़कियो के शादी के लड़के ढूँढने मे तो हालत खराब हो जाती है और  ये तो फिर भी देखने मे अजीब सी थी ।

अनीता जी सोच रहीं थी कि आज शाम को दुकान से जैसे ही रिया के पापा घर आएंगे सबसे पहले रिया कि शादी के बारे मे बात करेगी। रिया के पापा के कपड़े कि होलसेल दुकान थी। पैसा ठीक ठाक कमा ले ते थे।  तो उन्हे लगता था कि पैसे से सब कुछ खरीदा जा सकता है जो कि उनका भ्रम था।

शाम को रिया के पापा यानि कि सुरेश जी जैसे ही घर आए सरिता जी चाय देने के बाद बेटी कि शादी की बात छेड़ दी। उन्होने बोला की आपको थोड़ी सी भी बेटी की चिंता नहीं है इस साल हमारी बेटी 25 साल की होने वाली है अब कब करेंगे शादी ।

सुरेश जी बोले अरे भाग्यवान 25 की हुई है कोई 50 की नहीं फिर आज जमाना बदल गया है अब वो समय नहीं रहा जब लड़कियो की शादी 12 वर्ष मे ही हो जाती थी ।



आपको याद है आपकी जब शादी हुई थी आप सिर्फ 13 साल की थी। सरिता जी ने बोला मुझे इससे प्रोब्लेम नहीं है की मेरी बेटी 25 साल की हो गई है। आपको तो पता ही है कि आजकल लड़कियो कि शादी करना कितना मुश्किल हो गया है।  

फिर हमारी बेटी कोई ज्यादा खूबसूरत भी नहीं है। आप देखना शुरू करेंगे तभी तो होगा अब किसी ऐरे गैरे से तो नहीं कर देंगे न । सुरेश जी बोले ठीक है सरिता जी कल ही मैं रिया के मामा से बात करूंगा वो एक लड़का बता रहे थे एक दिन लेकिन मैंने ही कोई ज्यादा इन्टरेस्ट नहीं लिया।

सरिता जी बोली कल क्यो आज ही बात कर लीजिये। सुरेश जी बोले ठीक है भाई लगाओ फोन। सरिता जी ने फोन लगाकर दे दिया था। फोन लगते ही रिया के मामा ने बोला नमस्ते जीजा जी कैसे हैं सब खैरियत तो है न। सुरेश जी बोले हाँ साले साहब आप बताइये ठीक हैं,

हाँ जीजाजी रिया के मामा  का नाम महेंद्र था। महेंद्र याद है तुमने एक दिन रिया के लिए एक लड़के के बारे मे बता रहे थे। ठीक है जीजाजी मैं बात करके  बताता हूँ। रिया कि शादी की बात महेंद्र ने कर ली। लड़के वाले राजी हो गए। फिर बारी आई लड़की देखने की तो सबसे पहले उन्होने फोटो मांगा।

फोटो दिखाया गया पर लड़के वालों को रिया पसंद नहीं  आई। ऐसे करके कई जगह पर रिया की शादी की बात चलती और फोटो देखते ही रिजैक्ट कर देते।



अब तो रिया के माँ बाप बहुत परेशान रहने लगे। उन्हे लगता था की मेरी बेटी की शादी होगी भी या नहीं। एक दिन रिया के मामा का फोन बजा उन्होने बोला एक एक जगह रिया की रिश्ते की बात करी है लड़का प्राइवेट जॉब करता है। पर वो शादी के लिए तैयार हैं आप बोलो तो बात आगे बढ़ाऊ।

सरिता जी ने बिना कुछ सोचे हाँ कह दिया था। रिया क मामा ने बोला तो फिर मैं कल ही लड़के वालों को देखने के लिए बुला लेता हूँ।  सरिता जी बहुत खुश थीं की बेटी का रिश्ता पक्का हो गया है और रहें भी खुश क्यो नहीं हर माँ यही तो चाहती है की उसकी बेटी की शादी समय पर और अच्छे घर मे हो जाए। वो दौड़ के रिया के कमरे मे गई और रिया को खुशखबरी दी की बेटी कल लड़के वाले देखेंने आएंगे।

रिया यह सुन ज्यादा खुश नहीं हुई। लेकिन सरिता जी ने बोला बेटी वो तुम्हें फोटो मे ही पसंद कर लिए हैं । देखने आना तो सिर्फ एक रस्म जैसा है। रिया के दिमाग मे एक सवाल घूमने लगा की ये लोग बिना देखे मुझे कैसे पसंद कर लिया। और ये सच भी था लड़के वाले रिया को इसलिए ही पसंद किए थे की रिया अपने माँ बाप की एकलौती बेटी थी तो खूब सारा दहेज मिलेगा। फिर रिया के माँ बाप का धन-संपती भी उनही का हो जाएगा।

घर मे सब खुश थे घर को अच्छी तरह से सजाया जा रहा था कितने दिनों के बाद तो इस घर मे खुशियाँ आने वाली थी। थोड़ी देर के बाद लड़के वालों को फोन आया की हम 10 मिनट मे पहुँचने वाले है। सब लोग लड़के वाले के इंतजार कर रहे थे थोड़े देर बाद उनकी गाड़ी दरवाजे पर रुकी।



सास-ससुर, जेठ-जेठानी। ननद, देवर सब आए थे। सबको  अच्छे से खातिरदारी की गई। रिया भी आकर कुछ देर मे बैठ गई। किसी को भी रिया पसंद नहीं आई पर दहेज के लालच ने सबको अंधा कर दिया था । रिया की माँ ने जब पूछा रिया के होने वाली सास से की रिया कैसी लगी । तो रिया की होने वाली सास ने बोला आपकी बेटी तो लाखो मे एक है हमे तो ये रिश्ता पसंद है जी।

कुछ देर बाद रिया की सास ने बातो बातों  मे अपनी दहेज की फरमाइश कर ही दी। उन्होने बोला सरिता जी आपको पता मेरे पड़ोस मे एक लड़के की शादी हुई उसकी वाइफ़ को दहेज मे हर चीज मिला। सरिता जी उनकी बात समझ गईं थी उन्होने बीच मे ही बोला हम अपनी लड़की को खाली हांथ थोड़ी न भेजेंगे। ये सब इसी का तो है।

तभी रिया की होने वाली ननद ने रिया से बोला भाभी मैं ये फोन कब से लेने को सोच रही हूँ भैया खरीदते ही नहीं हैं  इससे सेलफ़ी बहुत अच्छा आता है।

रिया ने अपना सिम निकालकर बोली ये लो। उसकी ननद बोली मैं आपका फोन कैसे ले सकती हूँ। उसका मन तो था पर ऐसे ही दिखावा कर रही थी नही लेने का। सब लोग अब  जाने को तैयार हो गए। रिया के घर वालों ने सबको कीमती तोहफा देकर विदा किया।

रास्ते मे जाते वक़्त सब यही बात कर रहे थे। की अच्छा सोने की अंडे देने वाली मुर्गी मिली है। अब तो हमे कमाने की भी जरूरत नहीं है। सब बहुत खुश हो रहे थे।



कुछ देर बाद सब घर  पहुंच जाते हैं। घर पर रिया का होने वाला पति रमेश इंतजार कर रहा था सब लोगों को आने का। घर पहुंचते ही रिया की आने वाली  ननद ने अपने भाई को बधाई दें और बोली आप बहुत लकी हो की आपको ऐसे बीवी मिली अब तो आपको कमाने की भी जरूरत नहीं है।

यह देखो भाभी मुझे अपना मोबाइल गिफ्ट कर दिया है अरे यह तो iPhone है कब से मैं इसे खरीदने को सोच रहा था पैसे ना होने की वजह से खरीद नहीं पा रहा था चल मुझे दे दे मेरा फोन तू रख ले रिया की ननंद बोली नहीं तुम भाभी से गिफ्ट ले लेना।

रिया के ससुराल मे सब बहुत खुश थे। कुछ दिन के बाद रिया की शादी हो गई रिया के पापा ने रिया को सब कुछ दहेज मे दिया घर का एक एक चीज खरीद के दिया और एक नया फ्लॅट भी खरीद के गिफ्ट किया। अब तो रिया के ससुराल वाले अपने किराए के मकान को छोड़ फ्लॅट मे रहने लगे।

घरवाले रिया को ऐसे रखते जैसे वो कोई महारानी हो घर का कोई कम उसे नहीं करने देते। लेकिन कुछ दिनो के बाद इनका असली चेहरा सामने आने लगा था। अब वह कोई न कोई बहाना कर के रिया से उसके पापा से पैसे मांगने के लिए बोलते। कभी देवर के कॉलेज के फीस के नाम पर तो कभी ससुर के दवाई के लिए। रिया को लगता था की आखिर मेरा ही परिवार है अगर जरूरत मे मैं मदद नहीं करूंगी तो कौन करेगा।

उसका हसबेंड भी किसी न किसी बहाने रिया से पैसा लेता ही रहता था। रिया की ननद की शादी तय हो गई थी। रिया के सास आकर रिया के पास रोने लगी बहू तुम्ही  बताओ हम 5 लाख का कहाँ से इंतजाम करेंगे। लगता है तुम्हारी ननद की शादी पैसे की वजह से टूट जाएगी।



रिया बोली ऐसा क्यों बोलती हैं माँ जी आप चिंता न करे सब हो जाएगा। रिया की सास यह सुनते खुश हो गई और बोली भगवान तुम्हारे जैसे बहू सबको दे। युग युग जियो बहू। रिया ने अपने पापा से पैसे मांग कर दे दिये। उसकी ननद की शादी धूम धाम से  हो गई।

एक दिन अचानक रिया के पापा के दुकान मे आग लग गई सारा माल जल के खाक हो गए। वे ये सदमा  बर्दाश्त नहीं कर पाये और हार्ट अटैक से उनकी मृत्यु हो गई। अब रिया की माँ अकेली रह गई थी। रिया के ससुराल वालों को लगा अब तो सोने की अंडे देने वाली मुर्गी यानि रिया के पापा ही नहीं रहे तो अब उस घर से  रिश्ते क्या रखने।

रिया जब अपने ससुराल आई तो कोई भी अब उससे सही से बात भी नहीं कर रहा था यहाँ तक की उसका पति भी ऐसा व्यवहार कर रहा था जैसे वो इसे पहचानता ही न हो।

पहले भी रिया रोजाना देर से ही  सो कर जागती थी पर आज तो जैसे उसका देर से जागना क़यामत हो गया हो। उसकी जेठानी चिल्लाने लगी वो महारानी इतनी देर से सोएगी तो घर काम कौन करेगा। हम तुम्हारे कोई नौकर नहीं हैं जो तुम्हारी सेवा भगत करेंगे। अब तो घर का सारा काम रिया को ही करने पड़ते थे। रिया समझ गई थी की जब तक मेरे से लालच था तब तक तो मैं ठीक थी। अब मेरे पापा नहीं रहे तो सब अपना रंग दिखाने लगे। अब रिया को समझ आ गया था कि इनहोने मुझसे शादी क्यों कि थी।

एक दिन अचानक रिया की माँ की तबीयत खराब हो गई। पड़ोसियों ने हॉस्पिटल मे भर्ती करा दिया था। रिया के पास जैसे ही फोन आया वो हॉस्पिटल पहुंची अपनी माँ के पास। डॉक्टर ने बताया उनको तुरंत ऑपरेशन करना होगा उन्होने बोला 2 लाख जमा करा दीजिये पर रिया के पास इतने पैसे नहीं थे।

रिया ने अपने पति के पास फोन लगाया उसने साफ मना कर दिया देने से उसने बोला की रिया तुम्हें तो पता ही है की मेरे पास पैसे कहाँ है। रिया ने फोन काटा और अपने ससुराल गई और अपने सारे गहने बेच माँ का ऑपरेशन कराया। कुछ दिन मे माँ ठीक हो कर घर आ गई। रिया ने फैसला कर लिया था कि अब अपने ससुराल कभी नहीं  जाएगी जहां दहेज के लोभी भेड़िये रहते हों।

लेखक: मुकेश कुमार

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