रिश्तो की मर्यादा – तान्या यादव : Moral Stories in Hindi

विनी के दिमाग का दही हो गया था वह परेशान हो गई थी आखिर क्यों सब उसके और विनीत के हर छोटे-मोटे बहस में शामिल हो जाते है,

फिर वह सासू माँ हो या छोटा देवर छोटी ननद बात विनी के मायके की हो या विनी के और विनीत के बीच की सब लोगआकर दो चार बातें सुना कर चले जाते हैं

,पर आज तो हद ही हो गई थी आज बात विनी  की ममता की थी उसकी कोख की थी, सासू माँ के बार-बार कहने के कारण भ्रूण परीक्षण करना पड़ा था।

जबकी विनीत और विनीत नहीं करना चाहते थे पर माँ के आगे उन दोनों की एक ना चली। एक प्यारी सी बेटी थी विनी की इसलिए उसकी सास नहीं चाहती थी

कि दूसरी भी बेटी हो। दो दिन बाद पता चला कि कोख में बेटी है अब उसकी सास उस पर दबाब डाल रही थी कि गर्भपात करवा ले

इसलिए विनीत के ऑफिस से वापस आने पर वह रसोई में ही विनीत को माँ से बात करने के लिए कह रही थी कि तभी उसकी ननद ने सुना

और चिल्ला कर कहने लगी कि मेरे भाई को क्यों उकसा रही हो माँ के खिलाफ इतने में ही माजी और देवर भी आ गए !

विनीत ने माँ को समझाने की कोशिश की पर माँ  सुनने को राजी ही नहीं थी. माने अपना फैसला सुना दिया था कि गर्भपात कराना ही होगा.

और तो और देवर भी कहने लगा कि माँ गलत क्या कह रही है भाई का वंश भी तो आगे बढ़ाना है आपको बार-बार वही बात क्यों समझ नहीं आती है।

विनी  की सजल हो उठी आंखें बड़ी उम्मीद से अपने पति को देखने लगी विनीत बिना कुछ कहे ही वहां से चला गया।

पिताजी के गुजर जाने के बाद विनीत ने मन को बहुत दुःख उठाते देखा था. इसलिए उसने कभी भी माँ का विरोध ही नहीं किया था

आज भी वही हुआ पर विनी का चेहरा उसकी आँखों के आगे घूम रहा था विनीत भी अपनी अजन्मी बच्ची को नहीं खोना चाहता था

इसलिए आज उसने एक फैसला किया कि वह अब अपनी जिंदगी के फैसले किसी और को नहीं लेने देगा तभी उसने विनी को आवाज लगाई

विनी कमरे में आई विनी का मुरझ आया चेहरा और लाल आंखें देख विनीत ने उसे गले लगा लिया और उसने कहा कि विनी फैसला तुम करोगी

और सबको सुनाओगी भी तुम। विनी एकदम से चौंक पड़ी और विनीत का चेहरा देखने लगी. तभी विनीत ने मुस्कुरा कर कहा क्या हुआ

मेरी जान ऐसे क्या देख रही हो अब मैं बेटे या भाई के साथ-साथ एक अच्छे पति का भी फर्ज निभाऊंगा आज के बाद अब कोई तुमको कुछ नहीं कहेगा.

विनी बहुत खुश हुई और थैंक्यू कहते हुए विनीत के गले लग गई. बदसूरत सुबह नाश्ते की टेबल पर विनी ने अपना फैसला सुनाया कि वह गर्भपात नहीं कराएगी

और अपनी बच्ची को इस दुनिया में लाकर रहेगी। तभी सासु जी को झटका लगा वह एकदम से चिल्लायी तू पागल हो गयी है विनी समझ में आ रहा है

कि क्या कह रही है एक बेटी है मुझे मेरे बेटे का वंश बढ़ाने वाला चाहिए तभी माँ जी को एक और झटका लगा

जब विनीत ने विनम्र भाव से कहा कि मां विनी के फैसले में मेरी भी सहमति है मां विनीत का मुंह देख रही थी आगे विनीत ने कहा

कि आज के बाद छोटी को और मनीत को अपनी भाभी को पूरी इज्जत भी देनी होगी। अगर हम दोनों के बीच कुछ झगड़े होते हैं

तो माँ आप अपने अनुभव से आगे का रास्ता सुझाएंगी। पर इन दोनों को ख्याल रखना होगा कि यह दोनों हमसे और विनी से छोटे हैं

तो हम दोनों के रिश्ते का सम्मान करें.इतना कह कर विनीत ऑफिस चला गया। सब एक दूसरे का मुंह देख रहे थे, विनीत की बात मान लेने में ही सबको अपनी भलाई दिख रही थी।

शाम को जब विनीत ऑफिस से वापस आया तो विनी गुनगुना रही थी सात फेरों के सातो वचन कवि विनीत ने विनी को पीछे से गले लगा लिया और विनी के प्यार से विनीत के सीने से लग गई..

 

#सीमा – रेखा

तान्या यादव 

 

दोस्तों! मुझे लगता है कि कभी ना कभी हम सब इस तरह की परेशानियों से सामना करते हैं और जाने अनजाने किसी के रिश्ते में भी दखलंदाजी करते हैं वह रिश्ता कोई भी हो सकता है, इसलिए हमें अपने व्यवहार पर ध्यान देकर इस तरह की हरकतों से बचना चाहिए, जिसे किसी को हमसे कोई परेशानी न हो।

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