दीपाली एक मध्यमवर्गीय परिवार की लड़की है। माता पिता के अलावा एक छोटा भाई है। पिता की छोटी सी सरकारी नौकरी में दोनो बच्चो कि परवरिश अच्छी हो रही थी।
देखते देखते समय निकल गया दीपाली ने खूब पढ़ाई करके मेडिकल कॉलेज में एडमिशन ले लिया।
अपनी पढ़ाई के साथ एक हॉस्पिटल में पार्ट टाइम जॉब कर रही थी
एक दिन हॉस्पिटल में बहुत भीड़ हो रही थी।जैसे ही दीपाली पहुंची नर्स ने बताया एक बहुत। बड़े बिजनेस मेन के बेटे राहुल का एक्सीडेंट हो गया है और अभी हॉस्पिटल में कोई सीनियर डॉक्टर नहीं होने के कारण दीपाली को ही केस हैंडल करना पड़ेगा।दीपाली ने तुरंत राहुल का इलाज शुरू किया।ओर दो दिन में राहुल ठीक होकर वापस घर पहुंच गया।पर दो दिन में ही दोनो अपना दिल एक दूसरे को दे चुके थे।
इस बीच राहुल दीपाली का कई बार मिलना हुआ।ओर आखिरकार राहुल ने दीपाली को शादी के लिए प्रपोज कर दिया।
पर दोनो के घरवाले तैयार नहीं हो रहे थे राहुल की फैमिली अमीर ओर अपने रुतबे के समान लड़की से शादी करना चाहती थी वहीं दीपाली के पापा उसके लिए अपने जैसा मध्यमवर्गीय लड़का ढूंढ रहे थे जो उनकी बेटी को खुश रखे । राहुल ओर दीपाली अपने परिवार को नाराज करके शादी नहीं करना चाहते थे इसलिए उन लोगो ने इंतजार करना बेहतर समझा।
समय बीतता गया राहुल बिजनेस में अपने पिता के समान महारथी बन गया । वहीं दीपाली ने भी हॉस्पिटल में फुल टाइम जॉब शुरू करके अपने परिवार के खर्चों में मदद करने लगी।।।
चार साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार दीपाली के पापा इस शादी के लिए राज़ी हो गए।जब उन्होंने राहुल के घरवालों से बात की तो थोड़े नानुकुर के बाद वो लोग भी राजी हो गए क्योंकि राहुल कही ओर शादी के लिए हा नहीं कर रहा था। राहुल के पिता ने शर्त रखी की दीपाली को नौकरी छोड़कर घर संभालना होगा।
यह सुनकर दीपाली के पापा परेशान हो गए।।पर राहुल ने उन्हें चुपचाप यह कहकर समझा दिया कि शादी के कुछ दिनों बाद मै अपने पापा को मनाकर दीपाली के लिए क्लीनिक खुलवा दूंगा।
धूमधाम से दोनो की शादी हो गई।दीपाली के पिता ने अपनी तरफ से सब बेहतरीन किया पर राहुल के घरवाले खुश नहीं हुए ।
नई दुल्हन की तरह हजारों सपने लेकर दीपाली अपने ससुराल आ गई।
ससुराल में एक शादीशुदा ननद जिसके घर का पूरा खर्च राहुल के पापा ही उठाते है इसलिए ननद का पूरा दखल है अपने मायके में। एक छोटी ननद जिसका गुस्सा हमेशा नाक पर रहता हैं एक देवर है जिसे घर में ज्यादा दिलचस्पी नहीं है अपनी पढ़ाई ओर दोस्तो में ही दिन निकल जाता है।
दीपाली राहुल के घरवालों कि पसंद नहीं थी इसलिए घर के सभी सदस्यों से तालमेल बिठाने की पूरी कोशिश करती परन्तु उन लोगो का अहंकार और व्यवहार उसको बहू का सही मान सम्मान नहीं दे पा रहा था। सासुमाँ ने नियम कायदों की लंबी लिस्ट बना दी थी जिसका पालन करते करते वो परेशान हो जाती। राहुल से जब इस बारे में बात करती तो कहता अपनी शादी नई नई है थोड़ा तुम एडजस्ट कर लो धीरे धीरे सब ठीक हो जाएगा ।
मायके में दीपाली के पापा को माइनर अटैक आ चुका था इसलिए वो उनको ये सब बताकर परेशान नहीं करना चाहती थी। क्योंकि यहां उसके पास सब कुछ था खाने पीने पहनने ओढ़ने कि आजादी सब कुछ था ,, नहीं था तो सिर्फ मन का चैन।।। होता भी कैसे जब घरवाले परायो जैसा बर्ताव करते हो।
दोनो तरफ से कोशिश जारी थी।एक दिन दीपाली को पता चला कि वो माँ बनने वाली है।राहुल को छोड़कर कोई उसका ध्यान नहीं रखता था राहुल भी घर का माहौल देखकर सब समझने लगा वो दबी छुपी जबान में विरोध करता तो घरवाले सारा दोष दीपाली पर डाल कर उसे कोसने लगे।
धीरे धीरे दिन बीतने लगे ओर उनके घर नए मेहमान का आगमन हुआ ।दीपाली ने सोचा शायद अब इन लोगो के व्यवहार में परिवर्तन आएगा।पर अब तो स्थिति ओर भी बुरी हो गई क्योंकि अब तो छोटे बच्चे के साथ पूरे घर का काम करना ओर सभी नियम कायदों के साथ ।
अपने मन कि बात किसी ने कह पाने का दर्द ओर उपर से छोटे बच्चे की ज़िम्मेदारी ।।। इन सबमें दीपाली डिप्रेशन का शिकार हो गई। अवसाद ओर तनाव ने उसकी ओर राहुल की शादीशुदा ज़िंदगी भी बिगड़ने लगी। जिससे दुखी होकर दीपाली ने आत्महत्या करने की कोशिश की।
हारकर राहुल ने उसे डॉ को दिखाया तो पता चला वह गहरे मानसिक तनाव में है अपने सोचने समझने कि शक्ति खो चुकी हैं।अब उसे हॉस्पिटल में कितने दिनों तक रहना होगा ये कहा नहीं सकता । ओर अब वो पहले वाली दीपाली बन पाएगी या नहीं ये भी नहीं कहा जा सकता ।
राहुल के उपर तो मानो गाज गिर गई उसे समझ ही नहीं आया की कैसे उससे इतनी बड़ी गलती हो गई।
घर आने के बाद उसने देखा किसी ने भी दीपाली हालचाल जानने की इच्छा नहीं की।सब फॉर्मेलिटी निभाकर अपने अपने कमरे में चले गए।
आज राहुल को पिछली सारी बाते चलचित्र की भांति चलने लगी ।ओर उसे समझ आ गया कि जितनी उसके घरवालों की गलती है उससे ज्यादा उसकी गलती है क्योंकि वो तो दीपाली से प्यार करता था उसे समय रहते क्यों नहीं समझ आया।
उसने में मन ही मन एक निर्णय लिया ओर अपने बेटे को लेकर उस घर से हमेशा हमेशा के लिए चला गया। लेकिन जो उसने खो दिया वो कभी उस वापस नहीं मिलेगा ।
पता नहीं दीपाली कभी ठीक होगी भी या नहीं।।।
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स्वरचित और मौलिक