सुबह-सुबह रूपा का फोन आता है। वह बहुत खुश लग रही थी ।”रेखा एक खुशखबरी है, विक्रम जीजू का फोन आया था ।वह बता रहे थे कि एक काले रंग की मर्सिडीज गाड़ी दोनों सीसीटीवी कैमरे में जितेंद्र की कार के पीछे चलती देखी गई है। शायद कोई सुराग मिल सके!”
रेखा या सुनकर बहुत खुश होती है ।
“रेखा अभी थोड़ी देर में उनका फोन आएगा ,जैसे ही कार का नंबर ट्रेस हो जाएगा तो यह पता लगाते देर नही लगेगी कि वो किसके नाम पर रजिस्टर्ड है । तब शायद कातिल हमारी गिरफ्त में होगा ।रेखा सुन जीजा जी का फिर से फोन आ रहा है ,तुझे बाद में कॉल करती हूं ।कहकर रूपा फोन रख देती है।
तभी रेखा के मोबाइल पर एक मैसेज आता है ।
“जितेंद्र को जिंदा देखना चाहती हो तो 5 मिनट के अंदर चौराहे पर आ जाओ “
यह देखकर रेखा चौक जाती है ।नंबर अननोन था। वह तुरंत रूपा को फोन मिलाती है लेकिन रूपा का फोन बिजी जा रहा था ।वह समझ नहीं पाती वह क्या करें। मैसेज फिर से आता है ।”तुम्हारे पास सिर्फ 2 मिनट का समय है ।”
रेखा जल्दी से बाहर की तरफ भागती है ।तभी उसे पापा की कही बात याद आती है कि किसी को साथ लिए बगैर इस तरह से बाहर मत जाना तुम्हारे लिए खतरा हो सकता है। वह अपने भाई अमित के कमरे में जाती है ।अमित ने रात भर पढ़ाई की थी वह बिल्कुल गहरी नींद में सो रहा था। वह अमित को उठाती है और कहती है “अमित सुन कोई मैसेज आया है शायद जितेंद्र मिल जाएगा! चल तू मेरे साथ चलेगा”
अमित गहरी नींद में था ,वह कहता है “चलो मैं आ रहा हूं”
रेखा दरवाजे से बाहर निकलती है लेकिन अमित दोबारा सो चुका है ।रेखा समझ नहीं पा रही थी कि वह क्या करें ?तभी वह मन बना लेती है कि वह अकेले ही चौराहे पर जाएगी।रेखा चौराहे पर खड़ी है और थोड़ा घबरा रही है तभी उसे एक काले रंग की मर्सिडीज गाड़ी पास में रुकी दिखाई देती है । रूपा ने उसे बताया था कि काले रंग की गाड़ी ही उसका पीछा कर रही थी ।रेखा घबराई हुई गाड़ी के पास जाती है। गाड़ी का दरवाजा अंदर से कोई खोलता है और कहता है चुपचाप बैठ जाओ ।रेखा गाड़ी में बैठती है और उस गाड़ी के ड्राइवर को देखती है और उसकी चीख निकल जाती है “तुम “!!! तभी उस गाड़ी का चालक उसके नाक के पास कुछ स्प्रे कर देता है जिससे रेखा वहीं बेहोश हो जाती है ।
रेखा भी अगवा हो चुकी थी। किसी को नहीं पता कि रेखा कहां गई ।घर वाले परेशान हो जाते हैं ।दोपहर के 12:00 बज चुके हैं ।अमित को बहुत डांट पड़ रही है ।अमित कह रहा है कि उसे धुंधला सा कुछ याद आ रहा है कि दीदी उसके कमरे में आई थी और शायद कह रही थी कि जितेंद्र जी मिल गए हैं वह उसके साथ चले। रेखा के पापा बहुत गुस्सा होते हैं कहते हैं “यह जितेंद्र का काला साया जब से उनके घर पर पड़ा है उनके घर का सुख चैन सब बर्बाद हो चुका है” रेखा के गायब होने की रिपोर्ट लिखाई जाती है ।मामला उलझता जा रहा है ।रूपा भी बहुत परेशान हैं ।सीसीटीवी कैमरे में रेखा काले रंग की गाड़ी में बैठती दिखती है। वह किसकी थी? इसकी खबर कुछ ही देर में आ जाएगी !
इंस्पेक्टर विक्रम फोन करते हैं और बताते हैं कि वह काली मर्सिडीज़ जितेंद्र की कंपनी के नाम पर ही रजिस्टर्ड है !उसके ऑफिस में काम करने वाला कोई कर्मी ही उसका दुश्मन बन बैठा है ! पर रेखा का क्या कसूर है ?रेखा आखिर क्यों किडनेप की गई !रूपा के मुंह से निकलता है “स्वाति” “स्वाति कहां है !हमें तुरंत पता करना होगा !इसके पीछे स्वाति का हाथ होगा हो सकता है !स्वाति के पास भी तो जितेंद्र की कंपनी के नाम की रजिस्टर्ड गाड़ी हो सकती है!
स्वाति अपने घर पर नहीं है। पुलिस की पूछताछ में स्वाति के मां-बाप उनसे कुछ छुपा रहे हैं। क्या सच में स्वाति ने ही पहले जितेंद्र और बाद में रेखा का किडनैप किया है !क्या वह जितेंद्र से बदला लेना चाहती है !पुलिस आसपास भी पूछताछ कर रही है । स्वाति का पता चलना उनके लिए बहुत जरूरी हो गया है। तभी पूनम एक बेहद जरूरी जानकारी रूपा को देती है ।वह उसे बताती है कि जो काली मर्सिडीज जितेंद्र का पीछा कर रही थी उसे स्वाति इस्तेमाल नहीं करती थी क्योंकि वह गाड़ी तो अभी 6 महीने पहले ही खरीदी गई थी ।वह कंपनी के नाम पर ही रजिस्टर्ड थी और जितेंद्र ने पूनम को यह बात बताई थी ।अगर स्वाति उसे इस्तेमाल करती होती तब कम से कम वह गाड़ी 2 साल पुरानी होती क्योंकि 2 साल से स्वाति का कंपनी में आना जाना लगभग बंद था ।
अगर स्वाति वह गाड़ी इस्तेमाल नहीं कर रही तो फिर उससे कौन इस्तेमाल कर रहा है !और स्वाति कहां गायब है !उसके मां-बाप आखिर उसकी जानकारी क्यों छुपा रहे हैं .ऐसी कई बातों का पता लगाना अभी इंस्पेक्टर विक्रम हो बाकी था….
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रिक्त स्थान (भाग 15) – गरिमा जैन
रिक्त स्थान (भाग 13) – गरिमा जैन
गरिमा जैन