रेखा अपने कमरे में बैठी ना जाने क्या-क्या सोच रही थी। उसके दिन भर की सारी खुशी जैसे काफूर हो गई थी ।उसे बहुत बुरा लग रहा था उस खबर के बारे में सोच के जो इस समय लगभग सारे न्यूज़ चैनल दिखा रहे थे ।तभी कमरे में आती है रूपा, रूपा को देखकर रेखा लगभग रो पड़ती है। रूपा उसे कहती है देख रेखा अगर तुझे जिंदगी में आगे बढ़ना है, कुछ करना है, तो यह छोटी बातों को नजरअंदाज करना ही होगा नहीं तो….
इतना ही रूपा ने कहा था कि रेखा के फोन की घंटी बजती है। रेखा देखती है कि किसी अजनबी का नंबर है वह सोच में पड़ जाती है कि वह फोन उठाया या ना उठाएं ?रूपा उसे हिम्मत देती है वह कहती है अगर किसी ने कुछ उल्टी-सीधी बात फोन पर की तो तुरंत उसे ब्लॉक कर देना ।
रेखा फोन उठाती है दूसरी तरफ पूनम होती है ।पूनम, जितेंद्र की वही दोस्त जो एक दिन पहले रेखा को पार्किंग में मिली थी ।पूनम की आवाज सुनकर रेखा को तसल्ली होती है। पूनम रेखा से कहती है “देख रेखा यह सब तो अब आम बात हो गई है ।हां आज से कई साल पहले यह सब नया नया हुआ करता था ।
आजकल तो समाचार में ब्रेकिंग न्यूज़ हर समय ही चलती रहती है ।कुछ भी मसालेदार चटपटा दिखाकर इनकी टीआरपी बननी चाहिए बस। इन्हें इस चीज से कोई मतलब नहीं होता कि से किसी की जिंदगी पर क्या फर्क पड़ेगा ।यही तो हुआ था स्वाति और जितेंद्र के साथ ।”
क्या !रेखा के मुंह से निकलता है । “क्या हुआ था स्वाति और जितेंद्र के साथ”
पूनम कहती है” देख हम तीनों बहुत गहरे दोस्त थे और सच बता रही हूं सिर्फ दोस्त थे। बचपन से लगभग हम लोग एक ही स्कूल में पढ़े ,एक ही कॉलेज में गए फिर आगे की पढ़ाई करने के लिए जितेंद्र और स्वाति विदेश चले गए और मैंने अपनी आगे की पढ़ाई यही भारत में पूरी की ।जब वे दोनो वापस आए तो जैसे मीडिया इनके पीछे लग गई। एयरपोर्ट पर इन दोनों की तस्वीर वायरल हो गई थी। किसी को यह मतलब नहीं था कि यह दोनों सिर्फ दोस्त है ।
साल भर के अंदर इनकी इतनी तस्वीरें सामने आई और हर तस्वीर में एक ही सवाल “क्या फेयर एंड लविंग के नए एमडी की गर्लफ्रेंड स्वाति है ?”तब उसी साल जितेंद्र फेयर एंड लविंग कंपनी का md नियुक्त हुआ था और बहुत चर्चा में था। जितेंद्र और स्वाति दोनों एक ही स्वभाव के थे ।
दोनों देखने में बेहद हसीन, दोनों का गजब का ड्रेसिंग सेंस , तेज कार चलाने , ऊंची म्यूजिक सुनने के ,ऊंचे झूला झूलने के शौक़ीन ,उनकी जिंदगी में रफ्तार थी। लेकिन कहते हैं ना एक म्यान में दो तलवार नहीं रह सकती। वह दोनों एक दूसरे के इतने अच्छे दोस्त थे लेकिन जीवन साथी की नजर से कभी दोनों ने एक दूसरे को नहीं देखा था।
रेखा सोच में पड़ गई जितेंद्र की मां ने उसे बताया था कि दोनों में बहुत प्यार था और वह चार साल बहुत अच्छे से रहे। जानू जब चार महीने का था तभी उनकी जिंदगी में मुश्किलें आई ।
पूनम आगे कहती है” पता है रेखा बार-बार जितेंद्र के घर वाले उस पर दबाव डालने लगे “कितनी अच्छी लड़की है तुम दोनों साथ पढ़े हो, जाना पहचाना परिवार है ,तुम्हारी हर दिन ही पिक्चर टीवी पर ,मैगजीन में आती रहती है ,तुम दोनों शादी क्यों नहीं कर लेते” ना स्वाति न जितेंद्र को एक दूसरे में अपना जीवनसाथी दिखता था लेकिन मीडिया वालों ने एक बेमेल जोड़े का मेल करा दिया । आखिरकार यह दोनों शादी के बंधन में बंध गए ।
शुरू शुरू में सब कुछ अच्छा चलता रहा क्योंकि स्वाति और जितेंद्र के जीवन में कोई खास परिवर्तन नहीं आया था । स्वाति एडवरटाइजिंग कंपनी में काम करती रही और जितेंद्र फेयर एंड लविंग में। दोनो दिन भर बिजी रहते और शाम को घर आते ।जैसे पहले चल रहा था ऐसा ही चलता रहा हालांकि दोनों पति-पत्नी थे ।
चार साल के बाद जब नन्हा जानू जिंदगी में आया तब स्वाति की जिंदगी ने करवट ली ।स्वाति का जो डेली रूटीन थी वह बदल गया हालांकि उसे जानू की देखभाल के लिए दो-दो नैनी रख रखी थी फिर भी मां की देखरेख तो मां की होती है।वह अक्सर परेशान रहने लगी ।उसके शरीर में भी कई परिवर्तन आ गए थे ।
उसे अपने शरीर में आए परिवर्तन अच्छे नहीं लगते थे। उसको अपना पहले जैसा रूप चाहिए था और ऐसे में अगर उसे कोई भड़काने वाला मिल गया है तो सोच सकती हो फिर आगे जीवन में क्या होता है ।यह काम पूरा किया ‘ नैना मल्होत्रा’ ने । नैना मल्होत्रा को तो जानती होगी तुम, बहुत जानी-मानी शख्सियत है।
रेखा नैना मल्होत्रा नाम भी किसी भी लड़की को नहीं जानती थी। रेखा ने कहा नहीं वह किसी नैना मल्होत्रा को नहीं जानती ।पूनम ने फीकी हंसी हंसी ।”बहुत जल्दी जान जाओगी जितेंद्र के ऑफिस में ही काम करती है ।उसने जितेंद्र के जीवन को तबाह करने में कोई कसर नहीं छोड़ रखी”। रेखा के मुंह से निकल गया” तो फिर जितेंद्र नेउसे अपने ऑफिस से निकाल कर बाहर क्यों नहीं कर दिया “
तब पूनम ने उससे कहा “नैना मल्होत्रा कोई आम सी लड़की नहीं है वह द नैना मल्होत्रा है ,मल्होत्रा ग्रुप ऑफ कंपनी की अकेली वारिस ।लेकिन ना जाने क्यों वह अपने पिता का काम नहीं संभालती बल्कि जितेंद्र के ऑफिस में काम करती है ।उसके पिता की फेयर एंड लविंग कंपनी में अच्छी खासी शेयर होल्डिंग है ।
वह वहां के ग्रुप ऑफ़ डायरेक्टर्स में से एक हैं। नैना को ऑफिस से निकालना कोई बच्चों का खेल नहीं है ।ना जाने क्यों वह जितेंद्र के पीछे लगभग पागल हो चुकी है। मुझे तो लगता है उसने जानबूझकर ही जितेंद्र का तलाक कराया है जिससे वह उसकी जिंदगी में आ सके ।अभी अगले हफ्ते ही तुम्हारी लॉन्च पार्टी होगी तब मिल लेना उससे।
रेखा घबरा रही थी ।वह अचानक ही पूछ बैठी “लेकिन मैं इतनी भीड़ में पहचानूंगी कैसे ?
पूनम जोर से हंसी “उसे पहचानना कोई बड़ी बात नहीं है। सबसे कम कपड़े और सबसे ज्यादा मेकअप जिसने लगाया हो और उसकी दो चमची दाएं बाएं चल रही हो बस वही है नैना। वो हर पार्टी से लगभग बिल्कुल नशे में चूर होकर बाहर निकलती है । अक्सर अखबार में मैगजीन में उसकी तस्वीरें आती हैं ।कोई भी मैगजीन उठा लो लेटेस्ट में नैना मल्होत्रा दिख जाएगी ।कोई बड़ी बात नहीं है उसके बारे में जानकारी इकट्ठा करना। होशियार रहना स्वाति की तरह कहीं तुम उसका अगला निशाना ना बन जाओ……
कहानी का अगला भाग पढ़ने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें
रिक्त स्थान (भाग 8) – गरिमा जैन
रिक्त स्थान (भाग 6) – गरिमा जैन
गरिमा जैन