रंगरेज़ (भाग 8 ) – अनु माथुर  : Moral Stories in Hindi

अब तक आपने पढ़ा….

अनी अपने दिल की बात मनु को बता देता है…..मनु दिल्ली आ जाती है और रामनगर के लिए शिव के साथ टैक्सी से निकल जाती है…..

अब आगे….

मनु लगभग छह घंटे का सफर तय करके रामनगर पहुँच जाती है…. और सीधे हॉस्पिटल जाती है….. अतुल और वृंदा उसका गेट पर ही इंतज़ार कर रहे….. मनु टैक्सी सी उतरी सामने अतुल की देख कर उसकी आँखों में आँसू आ गए… … अतुल की आँखों में भी नमी तैर गयी मनु उसके पास गयी तो अतुल ने उसे गले से लगा लिया…. दोनों की आँखें आँसुओं से भीग गयी… वृंदा की आँखों में भी आँसू आ गए….अतुल ने उसे अपने से अलग किया…. वृंदा ने मनु के सिर पर हाथ फेरा तो मनु उसके गले से लग कर रोने लग….

वृंदा ने उसे चुप कराते हुए कहा ” पापा ठीक है…चलो उनसे मिल लो…बहुत याद कर रहे है तुम्हें.. ” वृंदा से उसके आँसू पोंछे उसके बालों को ठीक किया और उसके  साथ रामेश्वर जी को देखने चली गयी…. वो जा ही रहे थे कि अतुल का फोन बजा उसने देखा तो अनी का फोन था… अतुल ने उन दोनों को जाने के लिए बोला और खुद बाहर ही रुक गया…. उसने फोन पिक किया और बोला

“हैलो… “

“दादा… मैं दिल्ली पहुँच गया हूँ बस शाम तक पहुँच जाऊँगा…. काका कैसे है? “

“ठीक  हैं पहले से…. शायद कल तक उनको छोड़ दें… “

“ठीक है बाक़ी मैं आ कर देखता हूँ “

“ठीक है”…. कह कर अतुल ने फोन रखा दिया

मनु जब रामेश्वर जी के रूम में पहुँची….. तो वो आँखों को बंद किए हुए लेटे थे…. उनके एक तरफ मोनिटर के लिए मशीन रखी हुयी थी जिसमे उनका बी. पी, हार्टरेट और पल्स रेट दिख रहा था… पास में ऑक्सीज़न मास्क रखा हुआ था… मनु ने अपनी आँखों को एक पल के लिए बंद किया और फिर रामेश्वर जी की तरफ बढ़ गयी…

उसने रामेश्वर जी के हाथ पर अपना हाथ रखा तो उनकी आँख खुल गयी… उन्होंने मनु को देखा तो वो मुस्कुराए और धीरे से बोले..”.मनु “

मनु मुस्कुरायी और बोली ..”.हाँ पापा कैसे है आप “?

उन्होंने अपना हाथ मनु के गाल पर रखा “बहुत नाराज़ हूँ मैं तुमसे… एक बार भी सोचा नहीं तुमने  हमारे बारे में….? हम सब कैसे रहेंगे तुम्हारे बिना?

“पापा हम ये सब बातें घर जा कर करेंगे … अभी आप कुछ मत कहिए…. मैं आ गयी हूँ ना घर चल कर आप जितना चाहे उतना डाँट लीजियेगा….”

रामेश्वर जी की आँखों में नमी तैर गयी….

उन्होंने मनु के सिर पर हाथ फेरा और बोले “ठीक है “

अतुल और वृंदा दोनों खड़े हुए रामेश्वर जी को और मनु को देख रहे थे…

थोड़ी देर बाद अतुल ने मनु से कहा ” तुम अभी वृंदा के साथ घर जाओ लम्बा सफर कर के आयी हो… थोड़ा रेस्ट करो कल पापा भी घर आ जायेंगे… “

रामेश्वर जी ने भी मनु से कहा कि वो घर चली जाए. और रेस्ट करे..

मनु वृंदा के साथ घर के लिए निकल गयी….

मालती बेसब्री से मनु के आने का इंतज़ार कर रही थी वो कभी बाहर जाती तो कभी सावित्री जी के पास आ कर बैठ जाती… इंतज़ार तो सावित्री जी भी मनु का कर रहीं थी  उन्होंने मालती से कहा…..” आ जायेगी मनु चल दी है ना हॉस्पिटल से..”

ह्म्म….कह करे मालती फिर दरवाज़े की तरफ देखने लगी….

कुछ देर में गाड़ी आ कर दरवाज़े पर रुकी…. मालती तेज़ कदमों से चलती हुयी दरवाज़े की तरफ गयी… सावित्री जी भी उठ कर दरवाज़े की तरफ जाने लगी

गाड़ी में से पहले वृंदा बाहर निकली और फिर मनु….. मनु ने मालती की तरफ देखा तो उसकी आँखों में आँसू आ गए…. मालती ने पास जाकर उसे कस के गले से लगा लिया….. आँसू मालती की आँखों से बहे जा रहे थे…मनु भी सिसकियां लेकर रो रही थी… सावित्री जी की आँखों में भी आँसू थे

कुछ देर बाद मालती ने मनु को अपने से अलग किया…… पीछे खड़ी सावित्री जी को जब मनु ने देखा तो सावित्री जी ने अपने बाहों को फैला दिया….मनु सावित्री जी के गले से लगी हुयी….. रोए जा रही थी सावित्री जी ने उसके सिर पर हाथ फेरा और मुस्कुराते हुए कहा “मैं बात नहीं करूँगी तुमसे “….. मनु ने भी मुस्कुराते हुए कहा ” हम्म “

सब अंदर आए गए…..

मालती मनु का हाथ पकड़े हुए बैठी थी… तभी सावित्री जी ने कहा ” थक गयी होगी मनु इतना लम्बा सफर करके आयी है…. थोड़ा आराम करने दो इसे “

मालती ने सिर हिला कर हाँ कहा…

मनु ने वृंदा से पूछा ” भाभी अंश कहाँ है?”

“वो स्कूल गया है अभी आ जायेगा…तुम्हें देखेगा तो बहुत खुश होगा ” वृंदा ने कहा

चलो तुम्हें फ्रेश हो जाओ…. तुम्हारी पसंद का तीखा वाला पराठा और आलू की सब्ज़ी बनायी है .. फिर रेस्ट करना मालती ने कहा

मनु सामान लेकर अपने रूम में गयी तो उसका रूम उसे वैसा ही मिला जैसा वो छोड़ कर गयी थी वो मुस्कुरायी उसने अपने कपड़े निकाले और वाशरूम में चली गयी… कुछ देर बाद वो बाहर आयी और सबके पास बैठ गयी..

अंश भी स्कूल से आ गया था उसने मनु को देखा तो मालती के पीछे छुप गया… मनु ने उसे मालती के पीछे से अपने पास बुलाते हुए कहा ” आ गए आप स्कूल से इधर आओ ” अंश मनु को देख रहा था मनु ने उसे अपनी गोदी में बैठाया और बोली

“हम आपकी बुआ हैं “

अंश ने उसे देखते हुए कहा ” मुझे पता है “

मनु उसे हैरानी सी देख रही थी ….

वृंदा ने हँसते हुए कहा – बहुत बातूनी है बिल्कुल तुम्हारी तरह…. और उतना ही शैतान भी “

“अच्छा…..कौन सी क्लास में हो? “

“सेकंड में…”  मनु की गोदी से उतर कर उसके सामने खड़ा हो गया और बोला

“पापा ने कहा था कि आप न्यूयॉर्क से आ रहीं है…..आप मेरे लिए क्या लायी है “?

मनु ने हँसते हुए कहा “आपका क्या चाहिए हम वो लाकर देंगे…. “

“मुझे रिमोट वाली कार चाहिए… जिसमें बैठ कर चलाते हैं “

“ठीक है आपके स्कूल की छुट्टी होगी तब हम आपको ले कर चलेंगे आप अपनी पसंद से ले लेना… “

Ok ….अंश ने कहा और डाइनिंग टेबल पर जा कर बैठ गया

मनु उसके पास वाली चेयर पर बैठ गयी..

सबने खाना खाया मनु अपने कमरे में गयी और बेड पर रखे हुए तकिए अपनी गोदी में रखा और बैठ गयी…..

तभी अंश भागता हुआ और उसके बेड पर चढ़ गया पीछे से वृंदा भी उसे आवाज़ लगाती हुयी आ रही थी….  उसने मनु को चुप रहने का इशारा किया और उसके पीछे छुप गया…

“अंश…”पुकारते हुए वृंदा मनु के कमरे में आयी तो मनु ने इशारे से बताया वो उसके पीछे है….

” अंश मुझे पता तुम बुआ के पीछे हो… चलो बाहर आओ और बुआ को रेस्ट करने दो “

अंश सिर झुकाए मनु के पीछे से बाहर आया और बोला ” मम्मी मैं यहीं सो जाऊँ बुआ के पास “

वृंदा कुछ बोलती उस से पहले मनु बोली ” “दें भाभी इसको “

“अरे ये परेशान करेगा तुम्हें और कुछ नही “

“नहीं करेगा आप रेस्ट करें “

“ठीक हैं… “

अंश उसके पास ही लेट गया और मनु का हाथ उसने अपने हाथों में ले लिया…

वृंदा जाने लगी तो मनु ने पूछा ” भाभी….

“हम्म” वृंदा ने कहा

“कल्याणी आम  से अम्मा ने कुछ कहा तो नहीं “

“नहीं किसी ने कुछ नहीं कहा  जैसा रिश्ता था वैसा अभी भी है “

“भाभी मैं… “

“मैं समझती हूँ….कुछ मत सोचो जो हुआ हो गया…. बीती हुयी बातों को लेकर क्यों सोचना…. “

मनु ने सिर हिला कर हाँ कहा

“तुम रेस्ट करो..”.. कल हम पापा को लेने चलेंगे “

मनु हल्के से मुस्कुरायी… और अंश के पास लेट गयी ….

शाम हो चुकी थी अनी भी हॉस्पिटल पहुँच गया था…. वो सीधे जाकर अतुल से मिला  और रामेश्वर जी के रूम में  गया…उसने रामेश्वर जी को देखा और बोला ” काका आपको बुलाना था मुझे तो फोन कर देते मैं आ जाता…ये सब करने की क्या ज़रूरत थी ?

रामेश्वर जी हल्के से मुस्कुराए

“कैसा फील कर रहें हैं आप “अनी ने पूछा

“ठीक हूँ “

“कल हम आपको लेकर घर चलेंगे “

रामेश्वर जी ने हाँ कहा

. जो डॉक्टर रामेश्वर जी को देख रहे थे… वो आने वाले थे

डॉक्टर आये तो अनी ने अपने बारे में बताया और अजय के बारे में भी… डॉक्टर ने रामेश्वर जी को चेक किया… अनी और अजय के साथ अपने केबिन में चले गए….

कुछ देर बाद दोनों बाहर निकले अनी ने अतुल से कहा कि हम घर कल  जा सकते है …. काका ठीक है बस उनका ख्याल रखना है

अतुल के साथ हॉस्पिटल में बैठ कर अनी रामेश्वर जी की बाक़ी रिपोर्ट देखने लगा..

कुछ देर बाद अतुल ने दोनों को घर जाने के लिए कहा अनी और अजय रात को आने का बोल कर घर के लिए निकल गए

दोनों घर पहुँचे तो अभी तक दीनदयाल जी नही आए थे…. अनी ने दीनदयाल जी को फोन किया.. उन्होंने बताया कि वो थोड़ी देर में पहुँच जायेंगे

कल्याणी ने उन दोनों से रामेश्वर जी की तबियत पूछी अनी ने वो ठीक है और कल तक घर आ जायेंगे

कुछ देर बात करके अजय और अनी फ्रेश होने चले गए….. वो आए तब तक दीनदयाल जी आ गए थे….. अनी ने उन्हें रामेश्वर जी की तबियत के बारे में बताया और ये भी कि वो कल आ जायेंगे…. उनको देखने जाने की बात पर अनी ने उन्हें रात को जाने की बात बतायी….

*************

अनी ने अपने दिल की बात मनु से कह दी थी….. मनु घर आयी और चूड़ियों का बॉक्स वृंदा को देकर अपने कमरे में चली गयी…..

उसे समझ नहीं आ रहा था अभी जो हुआ वो क्या था…. वो अनी की छुअन को अपने हाथों पर महसूस कर रही थी….. उसका दिल फिर ज़ोर से धड़कने लगा

उसने अपनी आँखें बंद की और अपनी धड़कनों को समान्य करने की कोशिश करने लगी…… अनी की आवाज़ उसके कानों में गूँजने लगी….दोस्ती से ज़्यादा रिश्ता, कब तुम मेरे दिल में उतर गयी…. मैं तुम्हारे बिना नही रह सकता…. और फिर उसे  अपनी बाहों में लेना मनु सब महसूस कर रही थी….”

ये  क्या हो रहा है मुझे? उसने अपनी आँखें खोली और बेड पर बैठ गयी…… क्या मैं अनी से?? अगर नहीं ..

तो आज उसके ये सब कहने से मेरे दिल की धड़कनें इतनी तेज़ क्यों हो गयी….?? और अगर  कुछ है तो मुझे अभी तक एहसास क्यों नहीं हुआ ?

वो ये सब सोच ही रही थी तभी वृंदा ने उसे पुकारा – “मनु चलो खाना खा लो फिर एक बार सब  सामान चेक कर लेते है… “

मनु कमरे से बाहर आयी तो उसने देखा  अतुल अनी सी बैठे हुए कुछ बात कर रहा था अनी ने मनु  की तरफ देखा…. तो उसने नज़रें झुका लीं और डाइनिंग टेबल पर आ कर बैठ गयी…..

“चलो तुम भी हमारे साथ खाना खा लो अतुल ने अनी से कहा…..

“नहीं मैं घर जाकर खा लूँगा.”.. अनी ने कहा

“थोड़ा सा खा लो बाक़ी घर जाकर खा लेना “मालती ने कहा

अतुल ने कहा ” अब चलो.”

… वो डाइनिंग टेबल के पास आए तो अतुल ने कहा तुम तो अपनी मनु के पास ही बैठोगे कहते हुए वो सामने रखी हुयी चेयर पर बैठ गया …. अनी मनु के पास वाली चेयर पर बैठ गया…. मनु की धड़कनें फिर से तेज़ हो गयी…..

मालती ने सबको खाना परोसा…. मनु नज़रें नीची किए हुए खाना खा रही थी

“क्या हुआ मनु …?”रामेश्वर जीने ने पूछा

“कुछ नही पापा…. “

“तो आज हमारी तूफान शांत कैसे है वो भी जब अनी इसे पास बैठा है अभी तक तुम दोनों में किसी बात को लेकर बहस शुरू हो गयी होती “

अनी खाते हुए मुस्कुरा रहा था…. “क्या हुआ अनी? “

“कुछ भी नहीं हुआ काका “

“फिर ये इतनी चुप कैसे है थोड़ी देर ल

पहले तो ठीक थी “

“अरे आप खाना खाए ना थक गयी होगी कॉलेज से आयी फिर  इतनी शॉपिंग करके

आयी है ” मालती ने कहा

सबने खाया और अपने कमरे में आ गए….

मनु बैठी हुयी आज जो हुआ वो सोचर रही थी कि उसके फोन मे msg आया

उसने देखा तो अनी का msg था….

“क्या  हुआ? “

मनु ने msg देखा और फोन को उल्टा कर के रख दिया…

“इतना सब बोल देने बाद ये पूछ रहा है क्या हुआ?”उसने मन में ही कहा

दो मिनट बाद फिर msg आया….

“मैं आ रहा हूँ…..”

नहीं….””..मनु ने रिप्लाई किया

“तो तुम आओ… “

नहीं….

बात तो करो……

नहीं……

ये क्या है मनु?

“मुझे नहीं पता…. बस मुझे नहीं आना ना ही बात करनी है “

अनी ने फ़िर msg नहीं किया…. मनु वहीं सो गयी…

अगली सुबह घर में पूजा थी सब काम में लगे हुए थे….मनु अभी उठी नही थी  वृंदा उसके कमरे में आयी और उसे जगाते हुए बोली  ” मनु उठ जाओ बाहर सब तुम्हें पूछ रहे हैं…

कितने बजे है भाभी उसने अपनी आँखें बिना खोले ही पूछा..

आठ बज गए..

क्या आठ आपने मुझे उठाया क्यों नहीं…

अब उठ जाओ और ये लो … ये तुम्हारे सूट का दुपट्टा जो तुम कल मेरे ही कमरे में भूल आयी आयी थी… जल्दी से रेडी हो जाओ

हाँ बस 10 मिनट में रेडी हो जाऊँगी….

वृंदा उसके कमरे से बाहर आ गयी…. मनु रेडी हो कर बाहर आयी तो देखा पंडित जी आ गए थे और पूजा की तैयारी कर रहे थे…. बाक़ी सब उनके पास बैठे हुए उनकी  हेल्प कर रहे थे…. लेकिन अनी उसे कहीं नहीं दिखा

तभी पीछे से आवाज़ आयी  गुड मोर्निंग …

मनु ने पीछे देखा तो अनी था ….

उसके दिल की धड़कने फिर से तेज़ होने लगी…

मनु ….मालती ने उस आवाज़ दी

हाँ….

बेटा ज़रा ये फूल दे देना पंडित जी को

जी कह कर मनु फूल देने चली गयी

मनु जहाँ –  जहाँ जाती अनी की नज़रें उसका पीछा करती हुयी दिखायी देती…

मनु अजीब सा फील कर रही थी….उसे  समझ नहीं आ रहा था कि पहले तो कभी ऐसा नही होता था…… इस बार ऐसा क्यों हो रहा है?? मैं अनी से भाग क्यों रहीं हूँ….?  क्यों मेरे दिल की धड़कनें उसकी तरफ देखने से तेज़ हो रही है….

पूजा शुरू हुयी सब बैठ गए….. मनु वृंदा के पास जा कर बैठ गयी उसने सामने देखा तो  अनी सामने बैठा हुआ था….उसकी धड़कनें फिर उसे देख कर बढ़ गयी…

वो उठने लग तो वृंदा ने उसे बैठने को कहा मनु बैठ गयी अनी उसे देख कर मुस्कुरा रहा था ….

पूजा अच्छे से हो गयी….शाम को डेकोरेशन वाले आ गए…. वो अपने साथ सामान लाए थे लेकिन कुछ सामान जो अंश की पसंद को ध्यान में रख कर मनु लायी थी उन्होंने वो वृंदा से माँगा वृंदा ने मनु से कहा “मनु वो डेकोरेशन का सामान दे दो इनको… “

“भाभी वो सामान तो अनी के घर है….”.

“तो जाओ और ला कर दे दो….. “

“भाभी आप किसी और को भेज दे ना… “

“अरे ला दो ना अभी कोई फ्री नहीं है… “

“अच्छा… मनु ये कहते हुए दरवाज़े की तरफ जाने लगी… वो अनी के घर गयी… और डोरबेल बजायी…..कल्याणी जी ने दरवाज़ा खोला मनु को दरवाज़े पर देख कर वो बोली  ” मनु तुम “?

हाँ अम्मा वो मैं डेकोरेशन का सामान लेने आयी थी…. अनी के पास है

“वो तो ठीक है लेकिन दरवाज़े से? “अच्छा आओ

मनु जाने लगी तो कल्याणी जी ने पूछा

” मनु क्या हुआ है…. तबियत तो ठीक है तुम्हारी? “

“हाँ ठीक है अम्मा” … कहते हुए वो सीढियाँ चढ़ रही थी और मन में अनी ना मिल जाए इस बात से डर रही थी

वो अनी के कमरे में पहुँची तो दरवाज़ा बंद था उसने हल्के से हाथ से दरवाज़ा छुआ तो वो खुल गया….. उसने कमरे में देखा तो कोई नहीं था मनु ने चैन की सांस ली और अंदर चली गयी….. उसने टेबल पर रखा हुआ सामान उठाया और जाने के लिए मुड़ी तो अनी उसे दरवाज़े पर खड़ा हुआ दिखायी दिया….. अनी को देखते ही मनु का दिल एक धड़कन चूक गया उसके दिल की धड़कन फिर तेज़ हो गयी…..

अनी उसकी तरफ बढ़ा…. मनु पीछे हो रही थी…. अनी उसके पास आ गया मनु के एक हाथ में सामान था एक हाथ उसने टेबल पर टिका लिया… वो अनी की तरफ देख रही थी…

अनी ने उसके हाथ से सामान लिया…. और उसका दूसरे हाथ को पकड़ कर उसे बेड पर बैठा दिया….. खुद वो चेयर लेकर उसके सामने बैठ गया….

मनु ने कहा ” मुझे जाना है वो डेकोरेशन का सामान … “

“क्या हुआ…” ?  अनी ने उसका हाथ अपने हाथों में लेते हुए कहा

मनु ने नहीं में अपनी गर्दन हिलायी

“तो तुम मुझसे भाग क्यों रही हो? बोलो? “

मनु ने धीरे से कहा “तुमने वो सब कहा”

“तो क्या हुआ मैंने अपनी फीलिंग्स तुम्हें बतायी है और तुम जो फील करती हो बता सकती हो….मैं तुमसे प्यार करता हूँ और तुम मेरी ज़िंदगी में आओ मैं चाहता हूँ….तुम्हारे साथ रहना चाहता हूँ “

“मैं… मैं समझ नहीं पा रही हूँ कि मैं तुमसे… “

“कुछ समझने की ज़रूरत नहीं है…. तुम बस ये बताओ कि मैं तुम्हारी ज़िंदगी में क्या हूँ…. एक दोस्त या उस से

बढ़कर…. और मुझे कोई जल्दी नही है तुम आराम से जवाब दो.. तुम्हारा जो भी जवाब होगा मुझे मंजूर होगा “

अनी ने प्यार, से गाल पर हाथ रखा और बोला अब जाओ….

मनु उठी और सामान लेकर चली गयी…..!!

क्रमश:

धन्यवाद

स्वरचित

कल्पनिक कहानी

अनु माथुर 

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