रीना जैसे ही ऑफिस से बाहर आई,, देखा सूरज अपनी बाइक,,, निकाल रहा था,,, तुरंत भागी और, सूरज से बोली,, क्या मुझे लिफ्ट दोगे,, बस आगे वाले चौराहे से थोडा ही आगे है मेरा घर,,, सूरज ने नम्रता से इंकार करते हुऐ कहा,,, माफ करना,, मुझे आज कुछ जल्दी है,,, मैं उस तरफ़ नहीं जा रहा हूं,, कहते हुए उसने अपनी बाइक आगे,, बढ़ा दी,, रीना खार खाई नजरों से उसे जाता हुआ देखती रही,,, फिर पैर पटककर,, ऑटो में बैठी और घर की तरफ़ निकल गई।
रास्ते में सोचने लगी,,, आख़िर अपने आप को समझता क्या है,,, मेरी तरफ़ देखता तक नहीं,,, हर कोई मेरी खूबसूरती की इतनी तारीफ करता है,,, इस पर असर क्यों नहीं होता,,,, सोचते सोचते,,, उसका घर आ गया।
कुछ दिन बाद,, उसने सूरज को फिर रोका,, और अपने प्रेम का इजहार कर ही दिया,,, सूरज ने विनम्रता से कहा,,, ये हक मेरे माता पिता का है,,, मेरे जीवनसाथी का चुनाव वही करेंगे,,, इसलिए मैं तुमसे माफी चाहता हूं।
क्रोध की आग में पागल सी हो गई रीना,,, क्या समझता है अपने आप को,,, क्या इससे अच्छा लड़का,, मुझे मिल नहीं सकता,, उस दिन के बाद उसने,, अजय से दोस्ती बढ़ा ली,,, जो उसको,, बहुत पसन्द करता था,,, अब रीना, सूरज को जलाने का एक भी मौका न छोड़ती,,, उसके सामने अजय से बहुत प्यार से बात करती और सूरज को,,, नजर अंदाज करती।
कुछ दिनों से सूरज ऑफिस आ नहीं रहा था,,, अचानक एक सहकर्मी ने आते साथ कहा,,, सूरज की शादी हो गई,,,, रीना के ऊपर तो बम सा फूटा,,, कब कहां किससे????
उसने बताया,, उसके दादा जी की तबियत अचानक खराब हो गई,, उनकी आख़िरी इच्छा पूरी करने के लिए,,, तयशुदा लड़की से साधारण समारोह में शादी हो गई।
सूरज के ऑफिस आते ही,,, सबने उसे घेर लिए,, सब पार्टी की मांग करने लगे,, रीना भी गई,, व्यंग में बोली,,, कैसी है तुम्हारी बीवी सूरज,,,, सूरज के चेहरे पर,, प्यारी सी मुस्कान आ गई,, मुस्कुराया और बोला,,, बहुत सुन्दर है मेरी बीवी,,, रीना का दिमाग खराब हो गया,,, अब तो देखना ही पड़ेगी इसकी बीवी,,, मुझसे सुन्दर तो हो ही नहीं सकती।
प्रीती सक्सेना
कुछ दिनों बाद सूरज ने अपने कुछ खास दोस्तों को घर पर बुलाया,, रीना भी थी उनमें,,, सभी,, सूरज और उसकी पत्नी के लिए तोहफे लेकर आए,,, सूरज के मम्मी पापा से सब मिले,,,,, अब सबकी निगाहें दरवाजे पर थी,,, सब देखना चाहते थे आख़िर कौन है सूरज की पत्नी????
पर्दा हटा,,, सूरज अपनी पत्नी को लेकर आया,,, सांवली सलोनी, नाजुक सी आकषर्क,, लड़की,,, मुस्कुराते हुए आई,,,, उसकी प्यारी मुस्कुराहट और सौम्यता,,, सबको आकर्षित कर रही थी,,, रीना का पूरा ध्यान उसी पर था,,, उसने देखा,,, सूरज की पत्नी अपने सास ससुर के खाने पीने का पूरा ध्यान रख रही थी,,, मेहमानों को आग्रह करके ,,, खिलाना,, पूरा ख्याल रखना,, सूरज भी उसके साथ कितना खुश था,,, इतना खुल के हंसते तो उसने कभी नहीं देखा,,, सच में ऐसा लग रहा था,,, जैसे दोनों एक दूसरे के लिए ही बने हैं ।
रीना,, समझ गई,, सिर्फ रंग रूप से नहीं,,, गुणों और व्यवहार से ही दिल जीता जाता है ,,,
वो आगे आई और सूरज से बोली,,, तुम वाकई बहुत भाग्यशाली हो,,, सच तुम्हारी बीवी बहुत सुन्दर है,,, अजय समझ रहा था,,, रीना इस समय टूटी हुई है,,, उसने रीना के कंधे पर हौले से हाथ रखा,,, और बोला,,, आओ रीना चलें,,, रीना ने उसे देखा और सिर हिलाकर मंजूरी दे दी। और वो अपनी मंजिल की तरफ़ निकल गए।
प्रीती सक्सेना
इंदौर