प्यार पर दाँव – रश्मि प्रकाश : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi: “ना मुझे आपके पैसे चाहिए ना आपकी संपत्ति… क्या समझते है आप लोग….. मैं आपके पैसे के बल पर ही कुछ कर सकता हूँ….मैं जा रहा हूँ घर छोड़कर….जो करना है अब अपने दम पर ही करूँगा।” ग़ुस्से में काव्य अपने माता-पिता गौरव और धारा से बोले जा रहा था 

माता-पिता हतप्रभ से अपने लाडले बेटे को देख रहे थे…अचानक से इसे क्या हो गया….अच्छा खासा तो अभी बात कर अपने कमरे में गया था फिर बाहर आकर ये सब क्या बोलने लगा।

काव्य ये सब बोल कर कमरे में गया…अपना सामान लेकर घर से बाहर निकल गया ।

रात के नौ बज चुके थे….घर के बाहर एक परछाई दिखी और काव्य उसे नज़रअंदाज़ करके निकल गया…. जानता तो था ही वो कौन हैं ।

“ सुन यार मुझे कुछ दिनों के लिए तेरे साथ कमरा शेयर करना है।” फोन करके काव्य ने किसी से कहा

“ अचानक रात को… तेरा घर तो इधर ही है ना फिर?”उधर से आवाज़ आई

“ आकर बताता हूँ ।”मद्धिम स्वर में काव्य ने कहा 

वो परछाई अब वहाँ नहीं दिख रही थी ।

काव्य के ऐसे चले जाने से उसके माता-पिता का रो रोकर बुरा हाल था…आज तक अपने बेटे के लिए ही तो सब कुछ जमा करते जा रहे थे पढ़ने में होशियार काव्य अच्छी नौकरी पर अभी-अभी लगा था और संजोग से अपने ही शहर में उसकी कम्पनी थी ।

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काव्य अपने दोस्त के घर पहुँचा ही था कि… उसके फ़ोन पर किसी का कॉल आया 

“हैलो….काव्य मेरे माता पिता हमारी शादी के खिलाफ है वो कह रहे हैं अगर शादी की तो वो दोनों खुद को ख़त्म कर देंगे…मैं तुमसे शादी नहीं कर सकती मुझे भूल जाओ।” उधर से किसी ने कहा 

“ देखो शीना तुमने तो कहा था तुम बस मुझसे पसंद करती हो… जब माता-पिता से मैंने हमारी बात की तो  वो मुझे अपनी सम्पत्ति.. ज़मीन जायदाद सब से बेदख़ल करने को बोलने लगे…..पर तुम्हारे प्यार की ख़ातिर मैं सब छोड़ कर घर से निकल गया और अब तुम ही ना कर रही हो?” उदास स्वर में काव्य ने कहा पर चेहरे पर एक कुटिल मुस्कान तैर रही थी 

“ काव्य वो सब ठीक है पर मैं अपने माता-पिता को तो प्यार के लिए नहीं खो सकती… मैं तुमसे शादी नहीं कर सकती ।” कह कर शीना ने फोन रख दिया 

काव्य शीना की बात सुन हंसने लगा …

उधर दोस्त उससे प्रश्न पूछ कर उसे परेशान करता तो उसने कह दिया यार घर में बहुत मेहमान आ गए थे सोचा तू तो अकेला रहता है इसलिए तेरे पास आ गया ।

सोने से पहले काव्य ने अपने माता-पिता को एक सॉरी मैसेज कर कल बात करूँगा कह कर सो गया।

सुबह जल्दी से उठ कर अपने घर पहुँचा जानता था उसके माता-पिता बहुत परेशान होंगे ।

“ वो सब क्या था काव्य…इस तरह रात को बिना कुछ बात के बात बना कर चले गए… हम सोच रहे हैं हमसे क्या गलती हो गई जो तुमने वो सब कह दिया?” धारा बेटे पर ग़ुस्सा करते हुए बोली 

“ आप दोनों मुझे माफ कर दीजिए… मैं कल अगर नहीं जाता ना तो आज यहाँ सब कुछ बिगड़ा हुआ होता।” काव्य आह भरते हुए बोला

“ अब बात मत बना बोल भी ।” धारा परेशान हो बोली 

“ माँ एक लड़की है शीना… सनकी है पूरी… मेरे पीछे पड़ी हुई थी शादी करेगी तो बस मुझसे और तो और कह रही थी अपने मम्मी पापा से बात करो…पर मुझे उससे कोई शादी नहीं करनी थी … मुझे कल ही पता चला वो बस ऐसे लड़के फँसाती है जो अपने माँ बाप का इकलौता बेटा हो…

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और उनके पास अच्छी ख़ासी सम्पत्ति हो….ताकि वो उन्हें परेशान कर घर से निकाल दे और खुद राज करे…. ये बात कल मुझे किसी तरह पता चल गई थी…कल जब मैं खाना खा कर कमरे में गया तो उसका फोन आया…शादी की बात की और नहीं… नहीं तो मैं जान दे दूँगी …

तुम्हें फँसा दूँगी… मुझे बस तुमसे प्यार है और भी ना जानें क्या क्या…मुझे कुछ समझ नहीं आया… मैं उसे बोल दिया..वो बोल रहे तुम शादी करना चाहते हो तो कर लो पर हमसे कोई रिश्ता नहीं रहेगा…वो बोलने लगी तुम झूठ बोल रहे हो… मैं बोला यक़ीन नहीं है तो तुम ख़ुद आकर सुन लो…

उसने मना कर दिया पर मुझे पता था वो यहाँ आकर सब सुनेंगी…इसलिए मैं वो सारी बकवास कर घर से निकल गया…उसकी सोच पर पानी फिर गया क्योंकि उसे तो ज़मीन जायदाद सम्पत्ति चाहिए थी…. मैं एक दोस्त के घर चला गया … वहाँ उसने फोन करके कहा वो शादी नहीं कर सकती

उसके पैरेंट्स तैयार नहीं है …बस माँ मुझे यही तो चाहिए था…. कल अगर मैं जरा देर भी रूकता तो आप दोनों के चेहरे की उदासी देख सब बिगड़ जाता ….माँ उसने कुछ लड़कों के साथ ऐसे बहुत खेल खेले हैं…सुसाइड करने की झूठी कोशिश कर बेचारे लड़कों की ज़िन्दगी बर्बाद कर दी ….

मैं खुद बहुत परेशान था पर समय पर उसके बारे में पता चल गया तो एक दाँव मैंने भी खेल लिया…. अब कल की हरकत के लिए माफ कर दो।” कहते हुए काव्य कान पकड़कर खड़ा हो गया 

“ चल बदमाश हमारी तो जान ही निकल गई थी रात भर सो नहीं पाए उपर से तेरा सॉरी मैसेज …कॉल भी नहीं उठा रहा था तू …हम डर गए थे पर इतना यक़ीन था तू कोई ग़लत कदम नहीं उठा सकता … चल अब जा तैयार हो जा ऑफिस नहीं जाना?” गौरव ने कहा 

“सॉरी पापा “ कहता हुआ काव्य अपने कमरे में चला गया…अब शीना की बातों का डर नहीं था… क्योंकि सामने से मना करने के बाद उसने नम्बर ब्लॉक कर दिया था और काव्य को भी पता था अब वो किसी और लड़के की तलाश में घूम रही होगी ।

रचना पर आपकी प्रतिक्रिया का इंतज़ार रहेगा ।

धन्यवाद 

रश्मि प्रकाश 

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