Moral Stories in Hindi : और छन्न से अंगूठी आंगन में गिर चुकी थी।
विशाल ने भाग कर आंगन में घूमती हुई अंगूठी को उठा लिया। ये मात्र एक अंगूठी नहीं थी…. उसने कितने प्यार से खरीदा था। अपने दोस्त राहुल के साथ प्रदर्शनी में गया था। राहुल ने अपनी पत्नी के लिए एक सेट खरीदा तो विशाल को भी यह अंगूठी पसंद आ गई। रीना के लिए ले ली।
और रीना ने गुस्से में ऐसे फेंक दी??
” क्या है मेरे पास? कब से एक सोने की अंगूठी को कह रही हूं… और तुम ये आर्टिफिशियल अंगूठी उठा लाए… दिन भर काम में खटती रहती हूं… कभी कोई शौक श्रृंगार नहीं जाना…
सच ही तो कह रही है… विशाल मन ही मन बुदबुदाया… और उसने अंगूठी उठा कर आलमारी में रख दिया
क्या करें,सेठ जी के यहां एकाउंटेंट का काम करता है, एक घर में रीना भी जाती है, बड़ी सी कोठी है,मिसेज वर्मा का व्यवहार बहुत अच्छा है।
उनके घर पर उनका सहयोग करती है( हाउस हेल्पर है)।
मिसेज वर्मा को कभी कहीं जाना होता है तो रीना ऐसा मेकअप करके तैयार कर देती है कि सब देखते रह जाते हैं। जब उन्हें किसी भी चीज की आवश्यकता पड़ती है सब संभाल लेती है।
छोटी मोटी पार्टी, मेहमानों का आना जाना।
मालकिन भी बहुत मानती हैं, ठीक ठाक पैसे भी दे देती हैं
मगर… पति-पत्नी जितना कमाते हैं , आवश्यकताएं उससे कहीं ज्यादा हैं।
दो बच्चे, बूढ़े मां-बाप
अभी पिछले वर्ष ही बहन की शादी निपटाईं है… और रीना हमेशा आर्टीफिशियल जेवर ही पहने रहती है।
कब से सोच रहा हूं उसकी एक सोने की अंगूठी की इच्छा पूरी कर दूं… मगर..
रीना सोच रही है
सच! क्या किस्मत पाई है मिसेज वर्मा ने, इतना ऐश्वर्य तो कदमों में बिछा रहता है।
बिल्कुल छोटी बहन सरीखा ही मानती हैं रीना को
कई बार सोचा कभी अपने घर चलने को बोलूं मगर…. हिम्मत ही नहीं होती कहने की।
सभी काम निपटा कर मिसेज वर्मा के कमरे में झांका,कल करवा चौथ था। उन्होंने पूछा भी था
” रीना तुम नहीं करती क्या?”
” नहीं मैम हमारे घर तो हरितालिका तीज की ही पूजा होती है” रीना ने बताया था।
आज मिसेज वर्मा अपने कमरे में जेवर से लदी बैठी हैं
रीना को झांकते देख कर आवाज़ लगाई
” अरे आ ना!, जरा मेरी मदद कर”
रीना बड़े संकोच के साथ अंदर आई,मैम के बड़े बड़े झुमके,भारी सा हार, इतनी मोटी सी पायल,बाजू बंद,सब उतारने में मदद करते हुए उनके डिब्बे में रखती गई।
बिल्कुल निर्विकार भाव से, कोई और हो तो इतना कुछ देख कर हाय लगा दे.. मगर..
मिसेज वर्मा को भी पता है, तभी तो इतना विश्वास करती हैं रीना पर।
रीना ने खुशी जताई,” मैम साहब बहुत प्यार करते हैं… आपको…. सब शादी में मिला है”
” नहीं सब कुछ साहब का ही दिया है,तीज त्यौहार सब पर कुछ ना कुछ देते रहते हैं ना!.. तो धीरे-धीरे बहुत कुछ जुड़ गया है। मिसेज वर्मा ने गहरी सांस खींचते हुए कहा
रीना को समझ में नहीं आ रहा था कि वो यह सब.. इतनी गहरी उदासी में क्यों कह रही हैं?
एक मेरी और विशाल की किस्मत है …दोनों इतने पढ़ लिखे होकर भी छोटी-छोटी खुशियों को तरसते हैं।
जरूर पिछले जन्म में बहुत पुण्य किए होंगे जो ऐसी किस्मत लिखा कर आई हैं।
रीना ने मिसेज वर्मा ने दुपट्टे को हटाया , जिससे उनकी लंबी घनी चोटी को खोलने में मदद कर सके।
” बहुत सुंदर बाल हैं आपके और बालों में लगा ये पिन और भी सुंदर है”…
” आह…
अचानक मिसेज वर्मा बहुत तेज कराह उठी
जरा धीरे
और रीना की आंखें फटी की फटी रह गई
पीठ पर बहुत गहरे चोट के निशान थे
” बताया था ना ,सब कुछ उनका ही दिया हुआ है… इतने बरस बीत गए अब तक बहुत कुछ दिया है उन्होंने…
मिसेज वर्मा दर्द से कराह रही थी
उन्होंने अपने हाथ पैर गले और ना जाने कहां – कहां अपने चोट के निशान दिखाए
” रीना, तुझे ये मेरे सुंदर सुंदर गहने बहुत अच्छे लगते हैं ना! काश ईश्वर ने मुझे यह सब कुछ ना दिया होता, मगर मुझे प्यार करने वाला, मेरी भावनाओं को समझने वाला पति दिया होता.. तू कितनी खुशकिस्मत है रीना तुझे इतना समझदार पति मिला है
” आपने कभी अपने घर वालों को नहीं बताया?” आज मिसेज वर्मा रीना की बाजुओं का सहारा लेकर फूट फूटकर रो रहीं थीं.. ऐश्वर्य का सारा तिलिस्म रीना की आंखों से जाता रहा था।
” कोई वापस ले जाने को तैयार नहीं हुआ.. कोई भी नहीं… यहां कुछ भी मेरा नहीं,सब कुछ अपने नाम कर रखा है.. मुझे बच्चे नहीं हुए तो घर से बाहर दूसरी औरत,बच्चा सब कुछ है.. मैं तो बस दुनिया के सामने दिखावा भर हूं… कभी आवाज उठाऊं तो… मैंने अपने रिश्तेदारों को बताया तो सबने कन्नी काट लिया.. सबके दरवाजे मेरे लिए बंद हैं… क्या तुम ले चलोगी अपने घर? बनोगी मेरा सहारा?,अब इन जेवरों के ढेर में मेरा दम घुटता है…”
और बगैर समय गवांए रीना निर्णय ले चुकी थी।
आगे बहुत काम है,विशाल को फोन पर बता दिया है.. पुलिस में घरेलू हिंसा की रिपोर्ट करानी होगी
मिसेज वर्मा को अपने पैरों पर खड़े होने में सहारा बनना होगा..
और… और, उसे अपने घर पहुंचना है, जहां विशाल की प्रेम से लाई गई, प्यार की निशानी अंगूठी आलमारी में उसका इंतजार कर रही है।
आज रीना जान चुकी है, प्यार का कोई मोल नहीं!!
रीना , विशाल के साथ अपने व्यवहार पर शर्मिन्दा थी
रीना असली खुशी की कीमत जान चुकी थ जीवन के झंझावातों से निपटने में उसे किसी और का साथ भी देना है
क्या कहते हैं मित्रो, किसी दूसरे की मुसीबत में कूद पड़ने,उसका सहारा बनने का रीना का निर्णय सही था??
मुझे अपने विचारों से अवश्य अवगत कराइएगा।
स्वरचित,सर्वाधिकार सुरक्षित
पूर्णिमा सोनी
#शर्मिंदा, कहानी प्रतियोगिता
शीर्षक -प्यार का कोई मोल नहीं!!