आज जैसे ही रीतेश और उसके दोस्तों की नजर पहली बार कालेज आते हुए साहिल पर पड़ती है तब वह ग्रुप के सब लड़के और रोमी कहते- चल यार नया बकरा फंसा है ,मजा लेते हैं। जैसे उनके पास से वह गुजरता है तभी रोमी उसी के सामने वह अपना पैर उस पर अड़ा देती है , वह होशयारी से वहां
से निकल जाता है। तब उन लोगों को बुरा लगता है। अब रीतेश को इस तरह कोई इग्नोर करे, उसे मंजूर नहीं था। वह ग्रुप आपस में डिस्कस करता है ,चल इसकी हिस्ट्री तो चैक करे। तब पता चलता है कि यह बंदा काफी स्मार्ट है इसे फंसाना आसान नहीं…. यह तो मीमिक्री करने के अलावा ये प्लेयर भी है।
फिर रीतेश और रोमी ने ग्रुप में प्लान बनाया कि इसे हरा कर इसका रौब कम करना पड़ेगा, नहीं तो हमारे इंप्रेशन की धज्जियां उड़ जाएगी,चल तू अब साहिल को पंजा हरा कर उसे दिखा दे तेरे आगे उसकी नहीं चलेगी।जैसे ही कैंटीन में साहिल पहुंचता है, तब उसके सामने रोमी चूड़ी फैला देती है ,और कहती सुना है तू साहिल है, तेरी हिस्ट्री भी चेक कर ली है। साहिल का मतलब जानते हो, जो
चुनौती का सामना करे। यहां पंजा लड़ाओ तो जाने,तब रीतेश कहता अरे रोमी किससे कह रही हो, ये तो दब्बू ही है यार छोड़ो , दूसरे लोग भी उकसाते हैं, बेटा कल तो बच गये, अब तो हमको परिचय दे दो ,अपनी ताकत का नमूना नहीं दिखाओगे??तब साहिल कहता – अरे मुझे देखकर समझे नहीं..मुझे कुछ बताने की जरूरत नहीं ,मेरे आगे अपने आप ही आगे पीछे घूमने वालों की लाइन लगी रहती है,मैं जहां से आया हूँ ,तुम जैसे कितने आए और गये।
इतना सुनते ही सोचते हैं ये अपने आप को ज्यादा ही समझ रहा है।
तब रीतेश साहिल को चैलेंज करते हुए कहता- चल पंजा मिला, तूने बहुत बॉडी बनाई है ना , तू मुझे हरा कर बता। तब साहिल उससे पंजा लगाने लगता है ,अब पंजा की बाजी रीतेश हार जाता है। इस कारण उन सबको काफी बुरा लगता है। सोचता है अब तो कालेज में इमेज धरी की धरी रह जाएगी। ये नया आया लड़का हीरो बनकर छा जाएगा। रीतेश कहता इसका कुछ करना पड़ेगा।
धीरे – धीरे कालेज में साहिल भी अपनी उपस्थिति से सबका दिल जीत लेता है।
फिर भी रीतेश रोमी के ग्रुप को चैन कहां था……
कालेज से टीम लीडर का फुटबॉल में चयन होना था। वैसे भी रीतेश कालेज का पुराना प्लेयर था। उसे कान्फीडेंस था। हर बार मैं ही हमेशा अब्बल रहता हूँ। कोई मुझे मात दे सकता भला??लेकिन सर्टिफिकेट देखते हुए साहिल के कोच ने फैसला लिया इस बार रीतेश और साहिल दोनों प्लेयर में से एक को लीडरशिप देंगे। आखिर दूसरे को भी आगे होने का मौका देना चाहिए।
दोनों के बीच मैच होता है, इस बार लीड के रुप में साहिल को चुना जाता है ,जिससे रीतेश को उसके अंडर में ही प्रेक्टिस करनी पड़ती है। तब रीतेश अपने ग्रुप में कहता – अब बहुत हुआ, क्यों ना मजा चखाया जाए जिससे जिंदगी भर अपना मुंह ना दिखा पाए। तब रोमी कहती- तू चिंता मत मैं इसे अपने प्रेम जाल में ऐसा उलझाऊंगी कि फाइनल तक मैच खेलने नहीं पहुंच पाएगा। वह बुदबुदाता हुए कहता – लगता है कि इसका चरित्र प्रमाण पत्र बनबाना पड़ेगा।
अब तो रोमी उसे रिझाने के लिए उसके आगे पीछे होती, उसकी तारीफ करती धीरे-धीरे उन दोनों को प्रेम हो जाता है। लेकिन रोमी पर रीतेश का दवाब रहता है। अब साहिल का कड़क सा हृदय मोम सा दिखने लगता है, हर वक़्त रोमी के ख्याल में खोने लगता है। वह घर जाते ही अपनी माँ से कहता -माँ
मुझे रोमी से प्यार हो गया है। तब वो हर दिन एक गुलाब रोमी को देता है, वह भी बड़े प्यार से लेती है। इधर रीतेश से देखा नहीं जाता है ।तब वह उससे पूछता कि सही में तो उस साहिल से प्यार तो नहीं हो गया? तब वह कहती -नहीं नहीं ये क्या कह रहे हो!!तुम चिंता मत करो,,देखना मैं मैच के दिन क्या करती हूँ।
और वह मैच के दिन ही साहिल को फोन पर कहती – देखो साहिल मैनें नींद की गोली खा ली है, मेरे माता पिता मेरी शादी जबरदस्ती करा रहे है, मैं अब जीना नहीं चाहती हूँ तुम मेरे रुम में आ जाओ। मुझे चक्कर आ रहे है।वह हॉस्टल में जैसे ही उसके पास पहुंचता है, तब गले लगकर कपड़े निकालने लगती है। वहाँ चिल्लाने लगती है। वहा आसपास के लोगों को कहती मैं तो साहिल से प्यार करती हूं,पर इसने मुझसे जबरदस्ती करने की कोशिश की।
कालेज में ये बात पूरी तरह फैल जाती है। तभी उसे कालेज से निकाल कर पुलिस के हवाले कर दिया जाता है। तो साहिल कहता- ये सब रोमी झूठ बोल रही है, पता नहीं….मुझे कालेज से निकलवा क्या मिलेगा। उस दिन वह मैच खेलने नहीं जा पाता है। मैच की लीडरशिप रीतेश को करने मिल जाती है। तब खुशी के मारे रीतेश सबको पार्टी देता है। उसी के जोश में सबको बताता है, देखा मैनें और रोमी ने
साहिल से बदला आखिर ले लिया। मेरी इमेज की कालेज में धज्जियां उड़ाने चला था। यही बात कालेज का प्युन किशन सब सुन लेता है। वह फोन पर वीडियो बना लेता है, क्योंकि प्यून को विश्वास था कि साहिल कुछ ऐसा कर ही नहीं सकता है ,पर पहले सबूत न होने के कारण कुछ कर न सका था।
साहिल तो सबकी मददगार करने वालों में से था।उसने तो उसकी बेटे की तबियत खराब होने पर इलाज भी कराया था।वह उससे प्रभावित था। अब किशन प्यून सब सबूत पुलिस को दिखाता है । तब पुलिस ये सबूत देखकर छोड़ देती है। असली बात पुलिस को समझ आ जाती है ,इसे फंसाया गया था।
पुलिस से छूटते ही रोमी से उसे पूछना होता है उसने ऐसा क्यों किया?? उसके घर पहु़ंचता है, तब वह कहती है ये मैनें रीतेश के कहने से किया पर मैं तो तुमसे सचमुच प्यार करती हूं। ये मुझे एहसास तब हुआ जब तुम्हें कालेज से निकाल दिया गया ,मेरी वजह से तुम्हारा कैरियर बर्बाद हो गया, मुझे माफ कर दो। तब वह उससे कहता -तुम्हारी माफी का क्या करु। तुम्हारे माफी से मेरे चरित्र पर लगे दाग हट जाएगें क्या!!
तब वह कहती -हां मैं ऐसा जरूर करुंगी। जिससे तुम निर्दोष साबित होगे। वह कालेज जाती है। प्रिंसिपल को सब बताती है- वहां पर किशन प्यून कहता है ये सब दोनों का प्लान था, पर ये सब रोमी ने रीतेश के दवाब में किया क्यों कि रीतेश उसी से शादी करना चाहता था।
अब क्या था….सबूत कालेज में प्यून किशन ने प्रिंसिपल को दिखाए तो रीतेश को कालेज से निकाल दिया गया और चेतावनी दी गई कि अब ऐसी हरकत हुई तो तुम्हारा चरित्र प्रमाण पत्र ऐसा बनेगा कि तुम किसी कालेज में जाने के लायक नहीं रह जाओगे।
अब साहिल को कालेज में दाखिला मिल गया। लेकिन साहिल को रोमी और उसके ग्रुप से नफरत सी हो गयी। जिससे वो आहत हुआ था।
फिर भी जब भी पास आती तो मुंह मोड़ लेता था।
धीरे – धीरे रोमी उदास सी रहने लगती है, उसे अपनी गलती का एहसास होता है,जैसे उसने अपनी ही खुशी में खुद आग लगा ली हो। उसने कालेज आना भी छोड़ देती है।
फिर कुछ दिनों बाद खबरआई कि रोमी ने नस काटकर अपनी जान देने की कोशिश की। लेकिन एक बार साहिल धोखा खा चुका था , इसलिए उसे देखने नहीं गया।ये खबर जानकर भी उसने जान देने की कोशिश की है। कालेज के दोस्तों कहने लगे कि एक बार रोमी को देख आओ। कैसी है,तब वह कहने लगा – मेरा एक बार विश्वास टूट चुका है। अब करे ना….रीतेश से शादी,,मुझे माफ करे। उसने जो बेवफाई की है , अब मैं उसका कोई नहीं …. वो मेरे लिए बेवफा सनम ही रहेगी। ताउम्र माफ नहीं कर पाऊंगा।।
स्वरचित मौलिक रचना
अमिता कुचया