“पोते की चाहत में पोतियों के साथ भेदभाव क्यों???” – अमिता कुचया

वो मासूम सी लड़की क्या जानती थी कि उसे दुआ नहीं बल्कि कोसा जा रहा है।

वह निधि अपनी मां की तीसरी संतान थी। पहली और दूसरी लड़की होने के बाद भी घर में तीसरी लड़की के रूप में  निधि के होने से घर निराशा ही बनी रही। जबकि दादी को तो पोते की चाहत थी।

अब मां भी हताश हो गई थी वह भी कुछ नहीं कर सकती थीं। दादी का व्यवहार भी निधि के प्रति रुखा  ही था।तब निधि  हमेशा  ही सोचती थी इसमें मेरी क्या गलती!!!

अब निधि की बहनें तो पढ़ रही थी। पर निधि का दाखिला अभी तक नहीं हुआ था। मां हमेशा निधि को दादी के व्यवहार को समझाने का प्रयास करती ,पर वह विफल रही,वह हमेशा यही कहती निधि बेटू सब धीरे -धीरे ठीक हो जाएगा।

पर दादी के मन में था कि छोरे ही वंश बढ़ावे है। छोरियां तो ब्याह के पराई हो जावे है। इस तरह की  उनकी सोच थी। उनके मन में  एक कसक सी उठती थी काश मेरा पोता हुआ होता!!

एक दिन की बात है कि दादी गिर गई तब निधि और दोनों बहनों ने उठाया और अस्पताल में भर्ती कराया। अब क्या था। पापा की जरुरत थी पैसों का इंतजाम भी करना था, फिर आपरेशन के बाद लोहे की पट्टी डाली गई। क्योंकि उनके कूल्हे की हड्डी डैमेज हो चुकी थी। उनसे उठते बैठते ही नहीं बन रहा था। उन्हें तीनों बहनों मिलकर उठाते बैठाते और उनकी सेवा करते रहे ।

अब वो धीरे-धीरे ठीक हो रही थी। अब उन्हें भी एहसास हुआ कि उन्होंने  इन छोरियों के साथ कितना गलत व्यवहार किया ।अब जब भी पोतियां उठाती और बैठाती तो उनकी आंखों में पश्चाताप के आंसू बहने लगते••• 

फिर एक उनसे रहा न गया उन्होंने निधि से और उसकी बहनों से माफी मांगी। वे समझ चुकी थी। इन बिटियो की क्या गलती  थी,जो मैं हर समय कोसती थी। मेरे मन में कैसा भेदभाव था जो इस तरह भरा हुआ था।आज पछतावा के आंसू के साथ उन्होंने तीनों के सिर पर हाथ फेरते हुए कहने लगी कि तुम लोग मेरे वंश का नाम रोशन करना और पढ़ लिख कर नाम कमाना। और उनका दिल भी पसीज चुका था। फिर कभी पोते की चाहत नहीं रखी। और बड़े होकर पोतियों ने परिवार का नाम रोशन किया।

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दोस्तों- हम सोचते हैं कि पोतों से वंश बढ़ता है पर जब बेटे साथ नहीं देते ,यहां तक उनकी कद्र नहीं करते, तब समझ आता है कि ऐसा वंश किस काम का, जब साथ न दे।

इसलिए हमें पोते की चाहत में पोतियों अनदेखा नहीं करना चाहिए। क्योंकि बेटियों के मन में भी हीन भावना आती है।    

आपकी अपनी दोस्त 

      अमिता कुचया

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