पिता.. – सुधा सिंह: Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज सिया का तीसरा दिन था ससुराल में वो जब से दुल्हन बनकर आई थी तबसे कोई न कोई उसे कुछ न कुछ बात पर सुना रहा था कभी दहेज़ को लेकर कभी रस्मो को लेकर क्युकी उसके यहाँ की कुछ रस्मे ससुराल की रस्मो से नहीं मिलती थी और कुछ रस्मो में लेन देन में कुछ कमी बेसी रह गयी थी सिया सोच रही थी की वो तो बहु बनकर आई है

इस घर में माँ पापा ने कहा था, “जा बेटी अपने घर अब वही तेरा संसार है,, सिया सोच रही थी की अगर ये उसका घर है तो हर कोई पराया पन क्यों दिखा रहा है हर कोई क्यों ये बोल रहा है की तुम्हारे घर से कुछ नहीं मिला सिया गुमसुम सी बैठी अपने विचारो में गुम थी तभी उसकी ननद ने कहा की “भाभी आपके पापा आये है,,

सिया का चेहरा एकाएक खिल गया वो पापा से मिलने के लिए जैसी ही उठी वैसे ही उसकी सास ने कहा” कहा जा रही हो बहु ये तुम्हारा मायका नहीं है जो उठी और चल दी अभी जब मै बुलाऊंगी तब आना अपने पापा से मिलने,, सिया के कदम वही रुक गए ये क्या आपने पापा से मिलने के लिए भी उसे इजाजत लेनी पड़ेगी वो वही पर रखी कुर्शी पर बैठ गयी.. 

“देखो न भिखारी की तरह आ गए चौथी में आये है और कुछ लाये भी नहीं.,, बुआ सास ने घर में दाखिल होते ही कहा.. 

“अरे जीजी भिखारी न होते तो शादी में कुछ तो देते ही बेटी को ऐसे ही खाली हाथ थोड़ी न भेजते,, सासु माँ ने ताल में ताल मिलाया !

माँ नास्ते में क्या दू भाभी के पापा को.. बिनी ने माँ से पूछा 

बिस्किट पानी दे दो कही के रईश नहीं है जो उन्हें छप्पन भोग खिलाऊंगी ,, सासु माँ ने मुँह बिचकाते हुए कहा 

चाय बना लो बहु और लेकर जाकर मिल लो अपने पिता से,, कहकर सासु माँ वहाँ से चली गयी 

सिया की आखे दर्द से भीग गयी आखिर उसके पिता की कोई इज्जत नहीं उसके ससुराल में क्यों.. क्युकी उनके पिता ने अपनी बेटी दी है इसलिय सिया ने चाय बनाया और डरते डरते नमकीन निकला और गेस्ट रूम की तरफ चल पड़ी अचानक उसके पैर रुक गए उसके ससुर उसके पिता से कह रहे है भाई साहब आपने तो हमारी पूरी नाक कटवा दिया जब बेटी ब्याहने की हैसियत नहीं थी तो क्यों इतने बड़े घर में व्याही सब तरफ थू थू हो रही है की आपने हम लोगो के हैसियत के हिसाब से कुछ भी नहीं दिया,, 

पापा की आखे झुकी थी और उनके हाथ जोड़े थे जैसे उन्होंने बेटी व्याह कर कोई गुनाह किया हो,, 

सिया के आखो से आंसू झर झर बह रहे थे उसे लग रहा था की आज सिर्फ उसकी वजह से उसके पिता जिन्होंने आपना सब कुछ लुटा दिया था वो जलील हो रहे है,,

सुधा सिंह

#जलील

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