पर्दे की झिरी में से आती हुई धूप जैसे ही नंदिनी के चेहरे पर पड़ी वह अचकचा कर उठ बैठी ,पलटकर देखा राजीव नींद मैं बे सुध सो रहे थे रात को देर हो जाने के कारण उसी सिल्क के कुर्ते में ही सो गये थे जो शादी केसमय पहना था।
उठकर कमरे से कमरे से बाहर आयी और पूरे घर पर नज़र डाली सब कुछ एक दम अजनबी सा लग रहा था ,मैरून रंग के पर्दे ड्राइंग रूम में रखा लकड़ी का सोफ़ा कॉर्निश पर सजी कुछेक पुराने ,दरवाज़े
पर लगी मुरझायी गुलाब की लड़ियो को नज़रअंदाज़ कर दिया जाए तो कहीं से नहीं लग रहा था कि ये है शादी वाला घर है उसका मेकप भी अभी उसी तरह था जैसा शादी के समय किया था
शादी के बाद आज इस घर में उसकी पहली सुबह थी राजीव की माँ व बहन उसका गृह प्रवेश करवा कर रात को ही अपने अपने घर चली गई थी जाते समय राजीव की माँ ने कहा था अब ये घर तुम्हारा है तुम इस घर को जैसे चाहे सँभालो
घर शब्द सुनते ही न चाहते हुए भी नवीन की यादों ने मन को घेर लिया था कितनी ख़ुश थी वह नबीन के साथ, ,प्यार करने बाला पति ,तीन साल का बेटा बबलू,कितने चाव से सजाया था उसने वह नवीन ने अपने घर को परंतु न जाने किसकी नज़र लग गई एक सड़क हादसे ने पल भर में ही उसके नवीन को उससे दूर कर दिया था
कितनी टूट गई थी नंदिनी नवीन के जाने के बाद उसकी तो दुनिया ही उजड़ गई थी रो रोकर उसका बुरा हाल था माँ बाबूजी उसको हर पल दिलासा देते समझाते कि उसको अपने लिए न सही ववलू के लिये दूसरी शादी के बारे में सोचना चाहिये। हर बार नन्दिनी का जवाब न ही होता।नन्दिनी के भविष्य के बारे में सोच सोच कर उसके
माँ बाबूजी उम्र से अधिक उम्र दराज लगने लगे थे ।उनके चेहरे की सिलवटें दिन पर दिन बढ़ती जारही थी।
फिर एक दिन बरेली बाली चाची राजीव का रिश्ता लेकर आई,राजीव एक अच्छा लडंका है,सरकारी नौकरी
अपना घर ,शराब, सिगरेट का भी ऐव नहीहै उसमें,अपनी नन्दिनी राज करेगी उस घर में।आख़िर काफ़ी
सोच विचार के बाद उसने इस शादी के लिये हॉ कर दी. नंदिनी व राजीव दोनों की ही यह दूसरी शादी थी।
शादी एकदम सादगी के साथ मन्दिर में ही सम्पन्न कीगई थी।हॉ शादी से पहले राजीव की मॉ ने एक
शर्त ज़रूर रखी थी कि शादी के बाद ववलू————इतना ही बोल पाई थी कि मॉ ने तुरंत बात सम्भाल
ली थी ववलू यहीं रहेगा अपने नाना- ना नी के पास।पर्दे के पीछे से नंदिनी ने जब यह बात सुनी तो उसका कलेजा कॉप उठा ,कैसे रहेगी वह अपने कलेजे के टुकड़े के बिना और ववलू भी तो अभी सिर्फ़ ३ साल का है
वह भी अपनी मॉ के बिना कैसे रह पायेगा।उसकी आँखों से आंसू बहने लगें थे।
इस एक रिश्ते के लिये उसे न जाने क्या -क्या छोड़ना पड़ेगा।नवीन के साथ बिताये सुनहरे पलों की यादें,उसके दिल का टुकड़ा उसका ववलू।
रसोई में जाकर नंदिनी ने चाय का पानी गैस पर चढ़ा दिया, अब तक राजीव भी उठ कर रसोई की तरफ़ आ गये थे,सुनो नंदिनी चाय में अदरक ज़रूर डाल देना,मुझे अदरक वाली चाय ही पसन्द है। नंदिनी के मन में फिर से यादों
का रेला उमड़ पड़ा कितना फ़र्क़ है,राजीव और नवीन की आदतों मैं नवीन को चाय मैं अदरक क़तई पसन्द नही
था ।नंदिनी ने चाय के कप लाकर डाइनिंग टेबुल पर रख दिये,आपने सामने बैठ कर दोनों चुपचाप चाय पीने लगे।
बोलने की पहल इस बार भी राजीव ने ही की ,सुनो शाम को आॉफिस से लौटते समय मै खाने को कुछ
बाहर से ही लेता आऊँगा, तुम दिन में थोड़ा आराम कर लेना,कल की थकान अभी उतरी कहाँ होगी
नंदिनी ने फिर उसी तटस्थ भाव से हॉ की मुद्रा में विना कुछ बोले सिर हिला दिया।
राजीव के घर से निकलते ही उसने अपनी मॉ को फ़ोन मिलाया- मॉ ववलू ठीक तो है न ,आपको अधिक तंग
तो नहीं कर रहा,उसने नाश्ता किया।।
अरे ववलू तो अभी सोही रहा है,,तू अब ववलू की चिन्ता छोड़ ,वहॉ सब ठीक है न, अब तुमको अपनी व
राजीव के बारे में अधिक सोचना चाहिये न कि ववलू के बारे में।नंदिनी रुऑसी सी हो आई उसने फ़ोन वंद कर दिया,
कमरे में लेट कर न जाने कव तक तकिया भिगोती रही।
शाम को दरवाज़े पर दस्तक हुई तो पाया राजीव हाथ में कई सारे पैकेट पकड़े खड़े थे।लगता है तुम अभी
सोकर उठी हो, तुम फ़्रेंश हो जाओ शाम की कॉफी मैं बनाता हूं।नंदिनी बाथरूम से लौटी तो देखा राजीव बालकनी में दो कप कॉफी लिये खड़े उसका इंतज़ार कर रहे थे
राजीव ने नंदिनी के चेहरे पर छाई उदासी को देख कर पूछा ,क्या बात है कोई परेशानी है क्या,
कॉफी अच्छी तो बनी है न,जानती हो नंदिनी सलोनी जब इस घर में थी तो शाम की कॉफी हमेशा मैं ही बनाता था,उसे रसोई के काम करने में जरा सी भी दिलचस्पी नहीं थी।फिर भी पता नहीं बिना
कुछ कहे क्यों छोड़ कर चली गई।बैसे तुम्हें भी नवीन की याद तो आती ही होगी।
नंदिनी ने हड़बड़ाकर राजीव के चेहरे की तरफ़ देखा,लगा यादों के ठहरे पानी में किसीने
पत्थर फेंक दिया हो।नवीन एक वार फिर से यादों में उतर आये थे
राजीव ने नोटिस किया कि नंदिनी अपनी तरफ़ से कुछ बोल ही नहीं रही थी,सिर्फ़ उसकी कहीं बातों का हॉ,हू में ही जवाव दे रही थी।
राजीव ने टेबल पर रखे फ़ूड पैकेट खोले और नंदिनी से कहा ,आओ खाना खा लेते है.
मुझे अभी भूख नहीं है, आप खा लीजिये,मैं बाद में खालूंगीjकह कर पलंग पर जा लेटी
प्लेट खटकने की आवाज़ से उसे लगा राजीव खाना खा रहे है,उसके मन मैं यादों के समन्दर
की लहरें उछाल मारने लगी। जव कभी वह नवीन से नाराज होकर विना खाना खाये सो
जाती थी तो नवीन भी बिना खाये ही सो जाते थे।
सुबह सोकर उठी तो पाया कि राजीव ने भी खाना नही खाया था,उसने राजीव से पूछा
आपने खाना नही खाया।
मैंने सोचा जव तुम उठोगी तो इकट्ठे ही खा लेंगे,राजीव ने कहा
नंदिनी को पहली बार अपने आप पर ग़ुस्सा व राजीव के लिये अपनापन महसूस हुआ ,उसने
सोचा राजीव बिलकुल भी बैसे नहीं है, जैसा वह सोच रही थी।
नंदिनी व राजीव के बीच की दूरियों कम नहीं हो पा रही थी,ऐसे में एक दिन ऑफिस से
आकर राजीव ने बताया कि आज मॉ का फ़ोन आया था, कह रही थी कि तुम दोनों कुछ दिनों के लिए बाहर घूम फिर आओ,
हनीमून के————-लिये अभी राजीव की वात पूरी भी नहीं हुई थी कि नंदिनी ने
अजीव सी नज़रों से राजीव को देखा ।
नही मॉ का मतलब था कि कुछदिनौ के लिये वाहर घूम आओ
नही, मेरा मन नहीं है,फिर मेरी तबियत भी ठीक नहीं है,राजीव भी नंदिनी के इस तरह के जवाव
को सुन कर चुप लगा गये।
राजीव के ऑफिस जाते ही,नंदिनी ने फिरसे मॉ को फ़ोन लगाया,मॉ ववलू कैसा है उससे
मेरी बात कराओ,उधर से ववलू की रूऑसी आवाज़ सुनाई दी,मॉ तुम कहाँ चली गई मुझे
तुम्हारी बहुत याद आती है, तुम कव वापिस आओगी,
राजा बेटा मैं जल्दी ही वापिस आऊँगी,तेरे लिये वडी सी चॉकलेट व खिलौने लेकर,
बड़ी मुश्किल से नंदिनी ने अपने ऑसुओ को रोका ,मन अपराधवोध से भर गया,
आख़िर इस दूसरी शादी केलिये उसने हॉ ही क्यों की थी।
एक दिन राजीव ऑफिस से लौटे तो मेज़ पर एक पेपर रख कर फ़्रेश होने बाथरूम
में चले गये,तो नंदिनी ने पेपर उठा कर देखा तीन लोगों की प्लेन की टिकिट थी,चाय
पीते हुये उसने राजीव से पूछा,तीन लोग कौन जा रहे हैं।
राजीव ने तुरंत जवाव दिया,मैं ,तुम और हमारा ववलू,आख़िर ववलू अब से हमारे साथ ही रहेगा।
यह सुनते ही नंदिनी के मन मैैजमी चुप्पी की बर्फ़ एक पल में ही पिघलने लगी और वह राजीव के सीने से जा लगी।
स्वरचित व मौलिक
माधुरी
नई दिल्ली
बहुत सुंदर साफ़ सुथरी दिल को छू लेने वाली कहानी ।।।और बिलकुल आजकल के जीवन के ऊपर ।। मेरा भी मानना है की ऐसे कहानी की तरह हर किसी को ज़िंदगी में आगे बाद जीना आना चाहिए well done keep it up!!!!