पहली नज़र का इश्क़ – निधि जैन

हेलो रति, क्या हम मिल सकते है,

हाय समीर , अब हम ना ही मिले तो बेहतर है,

तुम्हारी भी एक फैमिली है, और मेरी भी, रति ने जवाब दिया। रति फ़ोन कट करने ही वाली थी, कि दूसरी तरफ़ से आवाज़ आई… एक एक मिनट फ़ोन मत रखना, मेरी बात सुन लो, मैं बस एक बार मिलना चाहता हूं, एक बार मेरी बात सुन लेना, उसके बाद फिर कभी तुमको परेशान भी नहीं करूंगा, प्रॉमिस, समीर ने कहा।

ठीक है, मैं आती हूं, रति ने कहा।

इंद्रपुरी में ‘ All in cafe’ आना प्लीज़, समीर ने कहा।

Ok i will came in 2 hour’s… रति ने जवाब दिया, और फ़ोन कट कर दिया।

रति ने जल्दी से घर के काम निपटाए, पिंकी (जो बच्चो की होमट्यूटर है)  आते ही रति बोली, पिंकी तुम बच्चों को पढ़ाओ, और खाना खा कर सुला देना, मैं थोड़ा काम से बाहर जा रही हूं, कहती हुई घर से बाहर निकल गई।

नियत समय पर वो कैफे पहुंच गई,

जैसे ही पहुंची, वहॉं  समीर पहले से ही रति का इंतजार कर रहा था,

समीर उठा, और रति के लिए कुर्सी खिसकाई,

बैठो, समीर ने कहा।  रति बैठ गई, दूसरी ओर समीर भी बैठ गया।

कैसे हो? दोनो एक साथ बोल पड़े।

समीर हड़बड़ा कर बोला, रति मैं तुमसे कुछ बात करना चाहता था,

हॉं कहो, क्या कहना है तुम्हे, रति ने कहा।

रति, वो, वो, पूजा…… कहते ही समीर रोने लगा,

क्या हुआ पूजा को? रति ने आश्चर्य से पूछा।

वो पूजा को ब्लड कैंसर है, आखरी स्टेज है, बहुत जगह इलाज करवाया, पर डॉक्टर ने भी कह दिया, कि जितने दिन है उनके पास, उनको कोई तकलीफ नहीं होना चाहिए, खुश रखिए, बस।



पूजा तुमसे मिलना चाहती है, वो नफ़रत के कारण कभी तुमसे मिली नहीं, वो तुमसे माफ़ी मांगना चाहती हैं। समीर बोलता ही जा रहा था, कि रति ने बीच में ही टोक कर कहा, ठीक है मैं मिल लूंगी पूजा से, पर…

पर क्या रति?? समीर ने पूछा।

पर समीर जो कुछ भी पूजा ने मेरे साथ किया, मैं एक पल में कैसे भुला दूं? तुमसे पहली नज़र का इश्क़ था, उस इश्क़ को आज भी कहीं अपने सीने में दफ़न करके जी रही हूं, पूजा से मिलने के बाद मेरे घाव और उभर आयेंगे उनका क्या?? रति ने समीर की ओर प्रश्न पूछे।

मुझे माफ़ कर दो रति, अगर पूजा उस दिन आत्महत्या करने का प्रयास ना करती तो, आज हम साथ होते।

वो मुझे कॉलेज के दिनों से चाहती थी, और तुम्हारा – मेरा प्यार तो उससे भी पहले का था ना, पूजा ने जबरजस्ती मुझसे शादी करने का दवाब डाला, ये सब तुम जानती हो ना, मैं आज भी वो पहली नज़र का इश्क़ भुला नहीं हूं, ये इतने साल मैंने कैसे बिताए है, मैं ही जानता हूं, पूजा के कारण मुझे सबसे दूर होना पड़ा, समीर हाथ जोड़कर रति के सामने खड़ा हो गया।

ऐसा क्या कारण था जो तुमने सबसे ख़ुद को दूर कर लिया? रति ने पूछा।

वो पापा को बिजनेस में घाटा चल रहा था, और पूजा के पापा मेरे पापा के काफ़ी करीबी दोस्त थे, तो पापा ने उनसे कुछ मदद मांगी, और बदले में मुझे उनकी बेटी से शादी करनी थी, समीर ने कहा।

ये बात तुमने मुझे पहले कभी क्यों नहीं बताई, रति ने पूछा।

बहुत बार कोशिश की मैंने बताने की, पर हर बार ये सोचकर चला आया, कि तुम कहीं मेरे बारे में गलत ना सोचने लगो, समीर बोलता ही रहा,



पर जिस बात का डर था वही हुआ, तुमको मेरे बारे में पूजा ने जो बताया, उसे सुनकर तुम मुझे गलत समझने लगीं, मेरा प्यार तुमको धोखा लगने लगा, और इसी बात का फायदा पूजा ने उठाया, मुझ पर दवाब बनाया शादी के लिए, जब तुमने भी मुझे गलत समझा तो मैं अंदर से बहुत टूट गया था, फिर हारकर वही करना पड़ा, जो सब चाहते थे, समीर ने माथे पर हाथ रखते हुए अपनी बात को खत्म किया

कुछ चुप रह कर रति बोली, वो कितने अच्छे दिन थे ना समीर, जब हमने एक साथ समय बिताया, उन दिनों में कितने पास थे ना हम, गलतफहमी तो तब हुई, जब पूजा ने मुझसे कहा कि तुम उससे शादी कर रहे हो, मेरा तुम्हारी जिंदगी में कोई स्थान नहीं, तब भी मैंने तुम पर विश्वास रखा कि तुम आकर सब कुछ मुझे बताओगे, लेकिन तुम नहीं आए, और पूजा ने भी कहा था कि तुम मेरा मुंह भी नहीं देखना चाहते, इसी वजह से मैंने पापा को कहा कि जहां वो चाहे मेरा विवाह करा सकते है, उन्होंने तुम्हारे बारे में पूछा भी, मैने कह दिया, वो भूल थी मेरी… और फिर विकास से शादी करके देहरादून चली गई, तुमसे दूर, बिलकुल नई जगह,

तुम्हे पता है, मैं तब भी तुम्हारे प्यार को नहीं भूली थी, और विकास को भी मैंने तुम्हारे बारे में सब बता दिया था, उसने  मुझे समय दिया, और साथ में कहा कि तुम मुझे प्यार नहीं कर सकती, ना सही, पर मुझे तुम्हारे लिए, तुम्हारे प्यार को पाने के लिए जो कुछ करना है, मुझे मत रोकना।

कहते कहते रति भावुक हो गई, और बोली चलो मिलवा दो पूजा से, वो जो भी कहेगी चुपचाप सुन लूंगी क्योंकि अब कुछ फर्क नहीं पड़ेगा,

रति, समीर के साथ उसके घर आई, पूजा से मिली, पूजा ने माफ़ी मांगी, रति ने माफ़ तो कर दिया पर जो घाव दिए थे वो उन्हें वही छोड़कर घर आ गई।

अब उसके मन में जो भी अधूरी बात रह गई थी, उसे सबके जवाब  समीर द्वारा मिल गए थे,

पर कहते है ना की “पहली नज़र का इश्क़ भुलाए नहीं भूलता”

लेखिका – निधि जैन

इंदौर मध्यप्रदेश

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