पश्चाताप- के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : सुहानी अरे सुनती हो !!! कब से पुकार रहा हूँ । मेरा गला सूखा जा रहा है पानी पिला दो ना । 

पंकज अपनी पत्नी को दस मिनट से पुकार रहा था लेकिन कोई भी उसके कमरे में नहीं आ रहा था । वह अपने आप को असहाय महसूस कर रहा था। वह बिस्तर से उठ नहीं सकता था । छह महीने हो गए हैं उसे बिस्तर पर पड़े हुए । 

पंकज बिस्तर पर क्यों है? उसकी इस हालत का ज़िम्मेदार कौन है चलिए जानते हैं । अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था कोई रोकटोक नहीं पैसे की कमी नहीं थी । फिर भी उसने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की थी और  एक सरकारी ऑफिस में नौकरी करने लगा था । माता-पिता को उस पर नाज़ था । कहते हैं कि समय को बदलते देर नहीं लगती है ।

पंकज को भी कुछ ऐसे मित्र मिले जिनकी संगत में रहकर उसकी आदतें बदल गई । अब वह रोज पीकर घर आने लगा । उसको माता-पिता की बातें अच्छी नहीं लगतीं थीं । किसी तरह से पिता ने उसका तबादला दूसरे शहर में कराया और उसकी शादी करा दी थी कि अब वह सुधर जाएगा । 

होनी को कौन टाल सकता है पंकज कुछ दिनों तक अच्छा रहा परंतु धीरे-धीरे फिर से पीने लगा और उसकी पत्नी को वह मारने पीटने भी लगा । रिचा ने किसी को भी अपने पति की हरकतों के बारे में नहीं बताया था । 

अब रिचा माँ बनने वाली थी । इस खबर को सुनकर माता-पिता खुश थे कि बेटा शादी के बाद सुधर गया है । रिचा ने एक खूबसूरत बेटे को जन्म दिया था । ऐसा लग रहा था कि घर में ख़ुशियाँ लौट आई हैं । बच्चा बड़ा होते जा रहा था । पंकज ऑफ़िसर बन गया था फिर भी उसमें रत्ती भर का बदलाव नहीं आया । अब माँ के साथ साथ वह बेटे को भी मारने लगा था । गौतम बिचारा अपने पिता से डरा हुआ रहता था । रिचा ने उसे हॉस्टल में भर्ती कराया ताकि वह अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे सके । अब वह बारहवीं कक्षा में पढ़ रहा था । 

एक दिन सुबह गौतम का फ़ोन आया था कि माँ ऑफिस से मुझे कॉल आया है कि पापा ऑफिस नहीं जा रहे हैं । यह क्या है माँ स्कूल से प्रिंसिपल का फ़ोन आता है कि आपका बेटा स्कूल नहीं आ रहा है यहाँ तो उल्टा हो रहा है । 

रिचा को पिता के खिलाफ लड़ना गौतम ने सिखाया था । इस बात पर पंकज राक्षस के समान हो गया था । रिचा के दो बार हाथ तोड़ दिया था और उसे घर से बाहर निकाल दिया था । वह अपने सास ससुर के पास चली गई और सब कुछ उसने बताया । उन्होंने सारी बातें सुनी । पहले सास की मृत्यु हृदय गति के रुक जाने से हो गई थी । ससुर थोड़े ही दिनों में पत्नी को ढूँढते हुए चले गए । 

माता-पिता के गुजर जाने के बाद पंकज की आँखों पश्चाताप के आँसू बहने लगे थे । वह भी कुछ दिनों तक फिर उनके गम में और ज़्यादा शराब पीने लगा । उसी नशे की हालत में सड़क पर गिरने से उसके सिर पर गहरी चोट लगी थी । रिचा उसे डॉक्टर को दिखा कर घर लेकर आ गई । डॉक्टर ने बताया था कि उसका लीवर ख़राब हो गया है ।

उसे पानी को गुटकने के लिए भी आधा घंटा लग रहा था । पंकज को अब पश्चाताप होने लगा था कि वह कितना गलत था । रिचा का चेहरा देखता है तो शर्म महसूस होती थी । उसके शरीर पर कितने घाव किए थे उसे जानवरों के समान पीटा था । रिचा ने सब कुछ सहा जब थोड़ा सा उसके ख़िलाफ़ गई थी तो उसे अपने घर नहीं आने दिया था । वह अपने बेटे को लेकर अलग रहने लगी और अपने दम पर उसे इंजीनियरिंग की पढ़ाई कराई । आज वह एम एस करने के लिए अमेरिका चला गया है । 

आज जब मैं असहाय होकर बिस्तर पर पड़ा हूँ तो रिचा ही मेरी सेवा कर रही है । वह मेरी तरफ़ नहीं देखती है सिर्फ़ अपना काम एक नर्स के समान करती थी । उसे देखते ही पंकज को लगता था कि उससे क्षमा याचना कर ले पर हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था । उसे हमेशा डर लगता था कि कहीं इसी पश्चाताप की आग में जलते हुए वह दुनिया से चला जाएगा ।

इसलिए जब भी रिचा सामने आती थी वह हाथ जोड़ लेता था उसकी आँखों से आँसू बहने लगते थे । शायद पंकज रिचा को और अधिक तकलीफ़ नहीं देना चाहता था । एक रात रिचा बंधन को विमुक्त करते हुए इस दुनिया में रिचा और गौतम को छोड़कर चला गया था । 

रिचा ने एक गहरी साँस लेते हुए अपने बेटे से कहा गौतम आज मुझे 

मुक्ति मिल गई है । 

 

के कामेश्वरी

#पश्चाताप

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