शांतनु सुबह-सुबह अपने ऑफिस जाने के लिए तैयार हो रहा था कि तभी उसकी पत्नी शीला उसके लिए थाली में गरम गरम खाना परोसकर लाई जिसमें उसके मनपसंद व्यंजन रखे थे। यह देखकर शांतनु शीला से बोला” रात मैं तो तुम कह रही थी कि तुम आज के बाद कभी मेरे लिए खाना नहीं बनाओगी फिर तुमने क्यों मेरे लिए मेरी पसंद का खाना बनाया?”
यह सुनकर शीला दुखी स्वर में बोली” क्या करूं मैं मजबूर हूं अपनी आदत से खुद भूखी रह सकती हूँ परंतु, तुम्हें भूखा नहीं देख सकती।” जानती हूं बाहर का खाना तुम्हें हजम नहीं होता यदि मैं तुम्हारे लिए खाना नहीं बनाती तो तुम्हें पूरे दिन भूखा रहना पड़ता है परवाह करती हूं तुम्हारी इसलिए तुम्हारे लिए खाना बना लाई।
“यदि तुम मेरी इतनी ही परवाह करती हो तो फिर तुम मेरे से रोजाना लड़ती क्यों हो?” शांतनु ने मुस्कुराकर शीला से पूछा तो शीला दुखी होकर बोली “क्योंकि मैं तुम्हें कभी दुखी नहीं देख सकती जानती हूं रोज-रोज शराब पीने से शरीर में अनेक बीमारियां लग जाती हैं जिसके कारण अनेक दुख झेलने पड़ते हैं।
तुम्हें कोई दुख ना हो तुम स्वस्थ और सुखी रहो इसलिए तुमसे लडती हूँ क्योंकि मैं तुमसे बेइंतहा प्यार करती हूं परंतु, तुम मुझसे नहीं दारू से प्रेम करते हो तभी तो उसके बगैर 1 दिन भी नहीं रह सकते काश! तुम भी मुझसे उतना ही प्यार करते जितना प्यार मैं तुमसे करती हूं तब तुम भी मेरी उतनी ही परवाह करते जितनी मैं तुम्हारी करती हूं” यह कहते हुए उसकी आंखों में आंसू आ गए थे।”
“किसने कहा कि मैं तुम्हें प्यार नहीं करता बहुत प्यार करता हूं मैं तुमसे? जानता हूं मैं… तुम मेरी खातिर ही मुझसे लड़ती हो… आज के बाद मैं ऐसा कुछ नहीं करूंगा जिससे मेरे खानदान की इज्जत पर कोई दाग लगे तुमने ठीक कहा था जब से मैंने शराब पीनी शुरू की तब से मेरे सभी अच्छे दोस्तों ने मुझे अपना नाता तोड़ दिया और बुरे लोग शराब पीने के लालच में मेरे साथी बन गए जिसके कारण मेरे खानदान की इज्जत खराब हो रही है मैं
सब कुछ देख सकता लेकिन कभी तुम्हारी आंखों में एक आंसू नहीं देख सकता इसलिए मैंने फैसला कर लिया है आज के बाद में कभी शराब को हाथ नहीं लगाऊंगा। जिस चीज से तुमको दुख होता है उसे में हमेशा के लिए छोड़ दूंगा अब तो नहीं कहोगी कि मैं तुम्हारी परवाह नहीं करता अब तो मुस्कुरा दो।”
शांतनु ने कहा तो खुशी से शीला की आंखों में आंसू आ गए थे वह मुस्कुराते हुए शान्तनु के गले लग गई थीं।दरअसल 6 महीने पहले ही शीला की शादी शांतनु के साथ हुई थी। शान्तनु एक कंपनी में मैनेजर की जॉब करता था। शांतनु बेहद खूबसूरत और समझदार इंसान था जो शीला से बेहद प्रेम करता था। वैसे तो उसमें कोई कमी नहीं थी परंतु, उसकी एक आदत शीला को बहुत बुरी लगती थी
वह रोजाना जब भी छुट्टी के बाद रात को कंपनी से घर आता तो हमेशा शराब पीकर आता था। शराब से शीला को बहुत नफरत थी क्योंकि कुछ दिन पहले ही उसके पड़ोस में शराब पीने के कारण अनेक लोग असमय ही मौत के मुंह में चले गये थे जिसके कारण दुखी होकर उनकी पत्नी और बच्चे बुरी तरह से बिलख रहे थे यह देख कर शीला को बहुत दुख हुआ उसने शांतनु को शराब पीने से रोकने का बहुत प्रयास किया परंतु ,वह माना नहीं।
एक बार जब शांतनु रात को शराब पीकर आया तो उसने शीला से खाना बनाने को कहा तब शीला उससे गुस्से में बोली “आज के बाद में खाना नहीं बनाऊंगी जब तक तुम शराब पीना नहीं छोड़ोगे तब तक मैं खाना नहीं बनाऊंगी तंग आ गई हूं तुम्हारी रोज-रोज की शराब पीने की आदत से… तुम्हें क्या पता जब शराब पीने से किसी आदमी की मृत्यु हो जाती है तो उसकी पत्नी और बच्चों पर क्या गुजरती है? शराब पीने के कारण स्वास्थ्य के साथ-साथ खानदान की इज्जत भी खत्म हो जाती है लोग ताने मारते हुए कहते हैं इस खानदान का चिराग तो नशेड़ी है
जिससे दूर रहना ही बेहतर है लोगों के द्वारा दिए गए ऐसे दुख से जिंदगी जहन्नुम बन जाती है?” यदि आपको ज्यादा भूख लगी है तो जहां से शराब खरीदी वहीं से खाना खरीद कर खा लो।”यह कहकर वह गुस्से में अपने कमरे में जाकर लेट गई थी।
शांतनु को बाहर का खाना बिल्कुल भी हजम नहीं होता था इसलिए वह बाहर से खाना लेकर नहीं आया और भूखे पेट सो गया। सुबह के वक्त जब वह अपने ऑफिस जाने के लिए तैयार होने लगा तब शीला को उसे देख कर उस पर तरस आ गया क्योंकि वह उससे बेहद प्यार करती थी इसलिए नहीं चाहती थी
कि वह भूखे पेट ऑफिस जाए। वह जल्दी से उसके लिए खाना बनाने लगी थी खाना बनाकर जब उसने अपने पति को दिया तो अपनी पत्नी के मन में अपने प्रति प्यार और परवाह देखकर शांतनु ने अपनी बुरी आदत छोड़ दी थी।
सच में औरतें बहुत भोली और मासूम होतीं हैं बाहर से कितना भी गुस्सा दिखाएं परंतु, अंदर से अपनों की बहुत परवाह करती हैं क्योंकि वह दिल से प्रेम करती हैं नफरत नहीं इसलिए वह खुद भूखी रह जाती हैं लेकिन अपनों को भूखा नहीं देख सकती। संसार में हर इंसान में कोई ना कोई आदत जरूर होती है
किसी के अंदर अच्छी आदतें होती है तो किसी के अंदर कुछ बुरी आदतें भी होती है किसी की बुरी आदतों को हम प्यार से ही छुड़वा सकते हैं गुस्से में नहीं। क्योंकि जहां प्यार होता है वहीं पर लोग एक दूसरे की परवाह भी करते हैं गुस्से में तो अक्सर बात बिगड़ ही जाती है।
बीना शर्मा