रुजुल ने पूरे महीने की छुट्टियां प्लान कर ली थी’
हमेशा वो पूरे साल जमकर काम करता..
छुट्टीयों का एक हफ्ता घर में बिताता और फिर कहीं घूमने फिरने निकल जाता
कभी कभी पन्द्रह दिन… भी घर रहता.. ढेर सारी नई पुरानी फिल्में देखता पसंद का खाना बनाता.. मंगवाता और कभी कभार घर से कोई रिश्तेदार या मां आ जाती, तो बस उसकी छुट्टियां ‘खुशी से नाचने लगती’
इस बार भी यही सोचा था और राशन के सामान के साथ इस बार छोटी बहन को ध्यान में रखकर उसने खाने पीने में चटकारेदार.. खाने पीने की चीजों का एक बहुत बड़ा बैग तैयार कर लिया था
और उन्हें अपने ही घर में स्टोर में छुपा दिया था
पता था ..आते ही मांगेगी तीन-चार दिन बीत गए मां के आने की राह देखता देखता वह बस मस्ती से.. खाना-पीना और घूमना फिरना कर रहा था
वर्क फ्रॉम होम अगर बहुत जरूरी होता तो करता.. नहीं तो पूरा.. फिल्मी ‘टाइम पास ‘
उसने रात को कोल्ड ड्रिंक की बोतल फ्रिज में रखी सुबह आधी मिली!
हैरान तो था.. सोचा नींद में उठकर.. ‘ गटक गया होऊंगा’
अगले दिन फिर वही.. जूस के चार कैन रखे दो.. गायब!
शक तो तब हुआ जब उसकी पसंदीदा बिरयानी अगली रात माइक्रोवेव में से गायब थी
अब वो हैरान परेशान.।।
क्या करें?
फिर उसने घर के राशन के सामान को देखना शुरू किया कहीं कोई ‘छिलके.. नींबू.. सिंदूर’ वाली चीज नजर नहीं आई.…” भूत वूत में विश्वास नहीं था” हां..
फल भी गायब थे
उस रात सारी कुंडियां दरवाजे, सब चेक करके सोया था
अगले दिन फिर सुबह पांच छह टमाटर और खीरे .. उड़न छू हो चुके थे
एक रात उसने फ्रिज में कुछ नहीं रखा
अब आधी रात में उसे स्टोर का दरवाजा खुलने की आवाज आई.. धीरे-धीरे वो उठकर पीछे गया और वहां का नजारा देख कर हैरान हो गया खाने पीने के सामान का बैग खुला पड़ा था
और कुछ पैकेट गायब थे.. माथा पकड़े सोच रहा था
गई तो.. कहां सब चीजें?
कहां गई..
बंदर चूहा किस चीज पर शक करें ?
पर घर में बंदर आएगा तो कहां से आएगा ?
माना पिछवाड़े के बरामदे में ग्रिल पर लटके नजर आ जाते हैं
पर, इस तरह घर के अंदर…
हारकर उसने अपने घर में कैमरा लगा दिया
जिसका मुंह रसोई और स्टोर की तरफ था और फिर फ्रिज में सामान भर दिया और अगले दिन जब वो कैमरे की फुटेज चेक कर रहा था तो ‘वह हैरान हो गया ‘
एक लड़की आधी रात को उसके फ्रिज तक चल कर आई सामान निकाला और स्टोर की तरफ जा कर गायब हो गई
उसकी धड़कन बढ़ गई थी हारकर उसने एक रात और इस तरकीब को आजमाने का सोचा और फिर फ्रिज में कुछ नहीं रखा और छिप कर बैठ गया
आधी रात को फिर वो लड़की ना जाने कहां से प्रकट हुई और फ्रिज खोल कर खड़ी हो गई
रुजुल के तो डर के मारे रोंगटे खड़े हो गए थे
लड़की को कुछ नहीं मिला..
उसने पानी की बोतल निकाली, आलथी पालथी मारकर बैठी.. बोतल को पूरा खत्म कर लिया और फिर रसोई तक गई!
कुछ समझ में नहीं आया एक दो चक्कर लगाए और जैसे ही स्टोर की ओर बढ़ने लगी…
लपक कर रूजुल ने घर की सारी लाइट्स ऑन कर दी
रूजुल और लड़की एक दूसरे को देख कर चीख पड़े थे
अजीब से चेहरे वाली वह लड़की जटाओं जैसे बाल… और फटे हाल कपड़े..
रूजुल ने उसको छूने की कोशिश की फिर डर कर अपने हाथ पीछे खींच लिए…
कि कहीं…
वो लड़की गोल-गोल करके अपने बालों को हिलाने लगी और फिर जोर जोर से हंसने लगी!
और थोड़ी देर बाद उसने रोना शुरू कर दिया
अब,तो रूजुल घबरा गया उसने, उसे चुप करा कर पूछा ..हिंदी जानती हो?
उसने हां में सर हिलाया
रुजुल सोफे पर बैठ गया और उसे भी सामने बैठने का इशारा किया
लड़की सामने जमीन पर ही बैठ गई
पहले उसे बिस्किट्स पकड़ाए..
फिर पूछा यह सब क्या है ?
कहां से आई हो ?
मेरी घर में कैसे?
उस लड़की ने जो जवाब दिया वो तो उसकी कल्पना से भी परे था
उस लड़की के सौतेले पिता ने उसे बेच दिया था थोड़ी बहुत पढ़ी लिखी थी जहां बेचा.. ‘उन लोगों ने भी उसके साथ बहुत बुरा हाल किया’
खाना तक नहीं देते थे
वो वहां से भागी..
रेलवे स्टेशन पर पहुंची तो ‘वहां किसी ने दबोच लिया’
वहां से बची.. तो भागती दौड़ती, रुजुल के नए घर में जब सामान शिफ्ट हो रहा था तो वो बॉक्स बेड में छुपकर उसके घर तक आ गई..
और बहुत समय से रूजुल के घर में ही रह रही थी
वो तब नौकरी पर जाता था तो दिन में खिड़की खोल दिया करती थी
और बाहर निकल जाती.. भीख मांग कर या कैसे भी गुजारा चला कर खा पी लेती ..
लेकिन अब रूजुल दिन भर घर में रहता था
तो हार कर उसे रुजुल का फ्रिज ही दिखा.. और खाने-पीने का सामान भी!
रूजुल के चेहरे पर एक मुस्कुराहट तैर आई
उसने उसे अच्छे से नहा धोकर तैयार होकर.. आने को कहा और अपनी बहन के कपड़े भी दिए
और फिर एक समाज सेवी संस्था को फोन लगा दिया… जो इस तरह की लड़कियों को काम भी सिखाती हैं और रहने की व्यवस्था करती हैं
पर उस लड़की ने कहा साहेब फिर पता नहीं ‘किन हाथों में पड़ जाऊंगी’
आप अपने घर में ही रहने दीजिए ना… आपके घर का सारा काम कर दिया करूंगी !
रूजुल ने कहा, मैं अकेला लड़का हूं तुम्हें कैसे रख सकता हूं?
उस लड़की ने कहा उसी तरह जैसे आपको पिछले इतने दिन में नहीं मालूम था कि आपके घर में एक लड़की रहती है…
अब वो मौन था
कहां इंतजाम कराए.. सोच रहा था
आप क्या कहते हैं ?
क्या उसे उस लड़की को अपने घर में रख लेना चाहिए?
लेखिका अर्चना नाकरा