कोई है? हेलो! कोई है अंदर? नेहा खुले दरवाजे को देखती उस अनजाने घर में घुसती चली जा रही थी।
बड़ी सुंदरता से डेकोरेट हो रखा है ये घर..जिसका भी है उसका सुरुचिपूर्ण स्वभाव है,उसने प्रशंसा के भाव लाते
इधर उधर झांका पर कोई दिख नहीं रहा था वहां।
जिज्ञासा से वो एक अधखुले कमरे में घुस गई वहां कोई कुर्सी पर अधलेटा सा हो रहा था।
सुनिए भाईसाहब! नेहा नं आवाज लगाई..आपके पास पांच सौ के खुले होंगे,दरअसल मुझे ऑटो वाले को
देने हैं,उसपर न खुले नोट हैं न पे टी एम वगैरह है…बस इसलिए आपको तकलीफ दे रही हूं।
ये कहते कहते वो उस आदमी के पास चली आई,देखा, वो एक तरफ झुका हुआ था।
थोड़ा झिझकते हुए , नेहा ने उसे हाथ से छुआ..और अपनी बात दोहराई…
वो चौंक गई और चीख पड़ी…वो आदमी उसके हाथों में झूल गया था…\
इस कहानी को भी पढ़ें:
उपहार की कीमत नहीं देनेवाले की नीयत देखी जाती है – सिम्मी नाथ : Moral Stories in Hindi
नेहा ने कस के उसे पकड़ लिया,कहीं वो गिर न जाए…उसका दिल कांप उठा…मर गया क्या?
नेहा को महसूस हुआ,उसकी सांस धीमी है पर चल रही है..
हे भगवान! मैं क्या करूं?क्या इसे मरने छोड़ दूं और भाग जाऊं यहां से?
वो जाने को हुई…मुझे क्या पड़ी किसी के फटे में हाथ लगाने की?
लेकिन उसके पैरों को नैतिकता के तकाजे ने जकड़ लिया था…मरने को छोड़ देगी एक इंसान को?पता नहीं
किसका सुहाग होगा,किस मां का लाल और नन्हें मुन्नू की उम्मीद होगा ये?
उसने तुरंत अपने फैमिली डॉक्टर को फोन किया…डॉक्टर परिमल!प्लीज आ जाइए..
क्या हुआ?वो घबराए से बोले,घर में कौन इतना बीमार है?
घर में तो सब ठीक हैं डॉक्टर,आपको इस एड्रेस पर आना है,कोई है जो जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा
है,उसने डॉक्टर को एड्रेस भेज दिया।
थोड़ी ही देर में, डॉक्टर ने उस अजनबी को देखा और झट कुछ प्राथमिकी देकर उसे हॉस्पिटल ले गए।
क्या वो बच जाएगा?धड़कते दिल से नेहा ने पूछा।
लेकिन वो है कौन?तुम कब से जानती हो उसे?घर में सबको पता है इस बारे में?डॉक्टर परिमल ने पूछा।
इस कहानी को भी पढ़ें:
नहीं नहीं डॉक्टर!वैसा कुछ भी नहीं जैसा आप समझ रहे हैं…मैं तो अचानक इनके घर में घुस गई थी कुछ छुट्टा
पैसा लेने के लिए और ये सब हो गया।
होश में आएगा तो पूछेंगे इससे कि मरना क्यों चाहता था, नींद की दवाई खा ली इसने काफी मात्रा में,तुम
समय से पहुंच गई इसलिए बच गया नहीं तो गया था आज ये।
ओह!शुभ शुभ बोलिए डॉक्टर!नेहा घबराते हुए बोली।
लेकिन तुम्हारी तारीफ करनी होगी,एक अजनबी के लिए इतनी हिम्मत दिखाई तुमने…एक तुम्हारे घर में
हैं,सब पीछे ही लगे रहते हैं तुम्हारे…चाहे कुछ कर लो तुम उनके लिए…
छोड़िए भी डॉक्टर…सब को सबका प्यार नहीं मिलता जिंदगी में…नेहा उदास होते बोली,शायद यही वजह है कि
मेरे दिल में हर अजनबी के लिए ज्यादा ही प्यार उमड़ता है।
तुम्हारे ही क्या नेहा..आजकल कमोबेश सबकी हालत ऐसे ही हो गई है…जिनके घर में सब कोई हैं भी लेकिन
उनकी आपस में बनती नहीं ,सब साथ साथ होते हुए भी काफी दूर होने लगे हैं ,ऐसे में किसी की जरा सी
सच्ची हमदर्दी उन्हें दूसरे की तरफ आकर्षित कर देती है।
तभी वो अजनबी थोड़ा सा कुनमुनाया।
हेलो मिस्टर!डॉक्टर परिमल उसकी तरफ बढ़ते हुए बोले…अब कैसे हैं आप?
मैं यहां कैसे आया?वो बोला और हैरानी से चारों तरफ देखने लगा।
ये आपको यहां लाई थीं…नेहा की तरफ इशारा करता डॉक्टर बोला।
आप कौन? अजनबी के चेहरे पर उलझन सी थी।
इस कहानी को भी पढ़ें:
जी.. मैं …नेहा अचकचा गई…क्या बताऊं इसे.. मैं कौन और क्यों आई थी उसके घर?
फरिश्ता समझ लीजिए इन्हें…आपको बचाने के लिए भगवान ने भेजा था इन्हें आपके पास…डॉक्टर परिमल
बोला।
लेकिन मुझे तो मरना ही था…वो अजनबी घोर निराशा से बोला।
आप रेस्ट कीजिए और ऐसी निराशजनक बातें मत कीजिए… मुझे और पेशेंट देखने हैं,चलता हूं…नेहा! इनका
ख्याल रखना।
आपका नाम क्या है मिस्टर? नेहा ने डॉक्टर के जाते ही प्यार से पूछा था उससे।
आपको क्या पड़ी थी मुझे बचाने की?उसने तब भी गुस्से से नेहा की देखते हुए कहा।
जिंदगी बहुत नसीब से मिलती है , ये बहुत खूबसूरत होती है, इसे खत्म करने का अधिकार हमारा नहीं है।
आपकी होगी खूबसूरत जिंदगी…आप शौक से जिएं पर…वो कड़वाहट से बोला।
आप जानते हैं मेरे बारे में..?मेरे घर में भी मुझे कोई नहीं पूछता, मैं कमा के लाती हूं,छोटे बहिन भाई की शादी
कर दी और वो अपनी जिंदगी में सेट हो गए और मुझे भूल गए,शुरू शुरू ने मां बाप मुझसे खुश भी रहते थे
लेकिन अब वो भी न जाने क्यों मुझे सिर्फ पैसे बनाने की नशीन ही समझते हैं लेकिन फिर भी मैं जी रही हूं।
ओह सॉरी! पहली बार वो अजनबी आंखें झुकाता बोला..सबमें आपके जैसी हिम्मत नहीं होती शायद।
आप कुछ अपने बारे में बताएं…दिल हल्काही जायेगा आपका भी…नेहा ने उससे अनुरोध किया।
मेरा नाम सागर है,बहुत दौलत,शोहरत कमाई मैंने जिंदगी में,बहुत सी गर्ल फ्रेंड बनी लेकिन किसी को भी
हमसफर नहीं बना सका मैं..
क्यों?ऐसा क्या चाहते हैं आप? नेहा ने आश्चर्य से पूछा।
इस कहानी को भी पढ़ें:
क्योंकि वो सब मुझसे नहीं,मेरी दौलत से प्यार करती थीं…मुझे किसी ऐसे साथी की तलाश है जो सिर्फ मुझसे
प्यार करे…वो खोया हुआ बोला।
लेकिन ये खुदकुशी का ओछा विचार क्यों आया आपके दिल में?नेहा ने थोड़े गुस्से से पूछा।
एक लड़की थी पिछले दिनों मेरी जिंदगी में..
ऋचा..मुझे लगता था कि मुझसे प्यार करती है टूटकर बिल्कुल मेरी तरह…मैंने उसे परखना चाहा शादी से पहले
और उसे गलत सूचना दी कि मेरा बिजनेस ठप्प हो गया और मैं कंगाल हो गया…उसने मुझे दूध से मक्खी की
तरह अपनी जिंदगी से निकाल फेंकने में वक्त न लगाया और मैं बुरी तरह टूट गया।
और लगे समाप्त करने खुद को? वाह!!कितने बड़े कायर हैं आप!!नेहा बोली।हम सब बहुत खोखले होते जा
रहे हैं…वक्त खराब है या लोगों की सोच..पता नहीं लेकिन धैर्य बहुत कम होता जा रहा है सबमें।विश्वास की
कमी है एक दूसरे के लिए…अगर आप सच्चा प्यार करते हैं ऋचा जी से तो मैं एक कोशिश करके देख लूं
पुनः?बात बन जाएगी।
लेकिन मुझे नहीं बनानी उससे बात…सागर गुस्से से बोला,आय हेट हर।
अभी आप गुस्से में हैं…जब थोड़े सामान्य होंगे तब इस बारे में बात करेंगे।नेहा ने मुस्कराते हुए उसका हाथ
दबाते हुए कहा।
तभी सागर ने नेहा का हाथ कस के पकड़ते हुए कहा…क्या आप मुझसे शादी करेंगी नेहा?
मैं…आपसे शादी??वो बुरी तरह चौंक गई..आज के दिन में कितने धमाके बाकी हैं…सुबह से अटपटा घट रहा है…
उसे सोच के पड़ा देखकर सागर ने उसका हाथ छोड़ दिया…कोई बात नहीं…आप किसी और को चाहती हैं
तो…मुझे इतनी जल्दबाजी में ये सब नहीं करना चाहिए था।
नहीं..नहीं..वो बात नहीं..नेहा झट बोली,मेरी जिंदगी में कोई नहीं…इतनी अचानक से आपका प्रोपोजल सुनकर
इस कहानी को भी पढ़ें:
मैं अपने कानों पर यकीन न कर पाई थी।
तो इसका मतलब..तुम मेरी हमसफर बनोगी?सागर ने खुशी से नेहा का हाथ पकड़ते हुए उसकी आंखों में
झांककर कहा तो नेहा ने पलकें झुका लीं।
इस तरह उन दोनो की दुखी जिंदगी में खुशियों के फूल खिल गए।किसी की सहायता के लिए बढ़े हाथ नेहा
को एक प्यार करने वाला हमसफर दे जाएगा,उसने कभी सोचा न था,साथ ही सच्चे हमसफर की तलाश में
भटकते सागर को ऐसे अचानक कोई स्नेह बंधन में बांध लेगा,उसे भी कहां खबर थी?
दोस्तों!आपको ये कहानी कैसी लगी,अपनी प्रतिक्रियाओं में अवश्य बताइए।
डॉक्टर संगीता अग्रवाल
वैशाली,गाजियाबाद
#स्नेह बंधन