पापा की परी –  ऋतु अग्रवाल

आजकल यह शब्द बहुत सुनने को मिलता है पापा की परी।तो मेरी कहानी इसी “पापा की परी” पर आधारित है।

    मृदुला और निशी अपनी स्कूटी से बाजार जा रहे थे। उनके पीछे वाली स्कूटी पर दो लड़के बैठे थे जो कोई वीडियो बना रहे थे। काफी देर से मृदुल और निशी की स्कूटी आगे-आगे और उन दोनों लड़कों की स्कूटी पीछे पीछे चल रही थी। अचानक से निशि को लगा कि वह दोनों लड़के उनका ही पीछा कर रहे हैं और उनका ही वीडियो बना रहे हैं तो उन्होंने अपनी स्कूटी रोक दी और हाथ देकर उन लड़कों की स्कूटी भी रूकवा ली।

   उन लड़कों ने पूछा,”क्या बात है?” तब मृदुला ने कहा कि हम देख रहे हैं कि तुम दोनों बहुत देर से हमारा पीछा कर रहे हो। उन लड़कों ने कहा ,”मैडम आपको गलतफहमी हो रही है। हम आपका पीछा नहीं कर रहे हैं।”

    पर मृदुला नहीं मानी। तब निशी ने पूछा कि क्या हुआ क्योंकि निशी स्कूटी चला रही थी तो उसको नहीं पता था कि  वो  लड़के कबसे उनका पीछा कर रहे हैं तो मृदुला ने कहा कि यह लड़के बहुत देर से हमारा पीछा कर रहे हैं और हमारा वीडियो भी बना रहे हैं।

   उन लड़कों ने बहुत कहा कि नहीं मैडम हम आपका वीडियो नहीं बना रहे हैं। आपका पीछा नहीं कर रहे हैं पर मृदुला नहीं मानी अब निशी मृदुला के साथ हो गई और बोली,” मैं अच्छे से जानती हूं तुम जैसे लड़कों को। तुम्हारा काम ही यही है लड़कियों का पीछा करना। उनके वीडियो बनाकर वायरल करना। रुको! अभी बताते हैं तुम्हें।”

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    उन दोनों ने शोर मचाकर वहां लोगों को इकट्ठा कर लिया और कहने लगी कि यह दोनों लड़के बहुत देर से हमारा पीछा कर रहे हैं और हमारा वीडियो बना रहे हैं। इस पर वहां खड़े  एक 40 वर्षीय व्यक्ति ने उस लड़के को थप्पड़ लगा दिया और कहा,” शर्म नहीं आती। तुम्हारे घर में बहन नहीं है जो तुम लड़कियों का पीछा करते हो और ऊपर से वीडियो भी बना रहे हो और झूठ बोल रहे हो।

    तब लड़कों ने बहुत कहा। हाथ पैर जोड़े।मिन्नतें  की कि हमने इनको वीडियो नहीं बनाया और न ही हम इनका पीछा कर रहे थे ।परंतु भीड़ नहीं मानी और उनमें से कुछ लोगों ने उन लड़कों की जमकर पिटाई कर दी।

   तब उनमें से एक लड़का जोर से चिल्लाकर बोला कि अब आप लोग रुक जाइए वरना मैं पुलिस को बुला लूँगा। इतना सुनकर भीड़ चौंक गई कि पुलिस बुलाने की बात तो लड़कियों को करनी चाहिए थी जबकि लड़का पुलिस बुलाने की बात कर रहा है।                                             तब उस लड़के ने अपना  मोबाइल खोल कर दिखाया तो उसमें उन दोनों लड़कों का वीडियो था जो कि सेल्फी मोड में लिया जा रहा था। इस पर पूरी भीड़ चौक गई। तब उस लड़के ने कहा कि अब मैं पुलिस को बुलाता हूं और मैं एफ.आई.आर. कराऊँगा इन लड़कियों के खिलाफ भी और आप के खिलाफ भी।



   उस पर वह लड़कियां रोने लगी और कहने लगी कि हमें माफ कर दो। हमसे गलती हो गई।प्लीज पपुलिस में हमारी रिपोर्ट मत कराइए। इससे हमारे मां-बाप को बहुत शर्मिंदगी होग।

तब वहां पर  खड़ी एक औरत ने कहा कि  जो शर्मिंदगी इन बच्चों को हुई है बिना गलती के। उसका क्या? यह बहुत गलत बात है कि हम एक पक्ष की बात सुने बिना दूसरे पक्ष को सजा देते हैं, खासतौर से लड़कों को।

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लड़कियां सच बोले या झूठ। हम उन की बात का विश्वास कर लेते हैं और लड़कों को सजा देने लगते हैं जरूरी नहीं कि लड़के हमेशा गलत ही हों।अगर इन लड़कों  की बहने हैं तो इन लड़कियों के भी तो भाई होंगे।  क्या यह अपने भाई के बारे में ऐसी बातें सुन सकती हैं?

   इस पर वह लड़कियां और भीड़ निरूत्तर रह गई।

    वाकई में आज हम आज अपनी लड़कियों को लड़कों के ऊपर रखकर एक ऐसी मानसिकता को तैयार कर रहे हैं जिसमें सजा के हकदार केवल लड़के रहते हैं लड़कियां नहीं। लड़कियों की गलतियों को माफ कर दिया जाता है और लड़कों को बिना वजह सजा दे दी जाती है।

   समाज के दोनों स्तंभों को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए।

 स्वरचित

 ऋतु अग्रवाल

 मेरठ

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