सुधीर और मधु जी के घर में आज ढोल नगाड़े और शहनाई की गूंज सुनाई दे रही थी| दिल्ली का खाता पीता पंजाबी परिवार था सुधीर खुराना जी का| परिवार में उनके अलावा पत्नी मधु जी और एक बेटा राहुल थे| खाने के काफी शौकीन थे खुराना जी| तरह तरह के पकवान उनके घर में हर रोज बना करते| सुधीर जी तो सुधीर जी उनकी पत्नी मधु जी भी खाने पीने की काफी शौकीन थी| उनके घर में नाश्ते में ब्रेड टोस्ट की तो कोई हैसियत ही नहीं थी| रोज अलग अलग तरह के परांठे जब तक ना हो तब तक खुराना जी को चैन नहीं मिलता था|
एक दिन सुबह सुबह खाने की मेज पर”अजी सुनती हो| राहुल की मां| सुधीर जी ने आवाज लगाई| आज नाश्ते में ये क्या बना दिया| सिर्फ सूखी ब्रेड उस पर भी माखन नहीं| और ये अंग्रेजो वाला नाश्ता दूध कॉर्नफ्लेक्स| ये खिलाओगी क्या आज? थोड़ा गुस्सा करते हुए खुराना जी ने कहा| हम पंजाबी है पंजाबी| खाना पीना तो हमारी शान है| हम सब चीजों से समझौता कर सकते है पर खाने पीने से नहीं| थोड़ा मक्खन शक्कन मार के आलू के परांठे लाती भाग्यवान|
इस पर मधु जी कहती है| “आज थोड़ी तबीयत ढीली है| सिर में दर्द हो रहा है| तो ये सब परोस दिया| कभी तो समझौता भी करना चाहिए! और वैसे भी इस उम्र में इतना सब भारी खाना वो भी हर समय,सही नहीं है | मैंने ऐसा कल न्यूज पेपर में पड़ा| तब से बाय गॉड चिंता सी हो गई|
हमें थोड़ा सैर भी करनी चाहिए| और ये जो हर वक्त आप पनीर, दाल मखनी,सरसो का साग और चिकन चिकन करते रहते हो| इसे कम करके थोड़ा सेहतमंद खाना शुरू कर दो| वही अच्छा|
इस पर सुधीर जी थोड़ा खिज़ कर बोले| “ओए मेनू कुछ नी होंदा| तू फ़िक्र ना कर राहुल की मां |
ऐसे ही कई दिन बीत गए| घर में राहुल के रिश्ते की बात चल रही थी|
राहुल ने अपने लिए जो लड़की पसंद की वह मॉडर्न विचारों वाली,अपनी सेहत का पूरा ध्यान रखने वाली थी| सुबह सुबह जिम जाकर लोगों को ट्रेंड भी करती थी|
आज शादी में भी हर तरफ एक ही बात हो रही थी| खुराना जी की बहू जिम ट्रेनर है|
शादी में आए पड़ोसी भी मधु जी कहने लगे”बहू भी चुन के लाए हो मधु जी| कल से घर में जो परांठे और मुर्गे बनने की दूर दूर तक खुशबू आती थी ना अब वह बंद| और सभी जोर जोर से हंसने लगे|
तभी हंस कर मधु जी कहती है| “ये तो ऊपर वाले की मर्जी है| जो होना होगा| देखा जाएगा|
अगले कुछ दिनों बाद सुबह सुबह खुराना जी जब सोकर उठते | उससे पहले ही जोर जोर से उनकी लॉबी में डंब्ल बजने की आवाजे अा रही होती|
वह उनकी बहू ही थी|
उन्होंने बहू से कहा| “अरे बहू इतनी सुबह उठ जाती हो|
हां पापा| मैं अपनी सेहत से कोई समझौता नहीं करती| सेहत से समझौता। कभी नहीं। रोज जिम जाती हूं| एक्सरसाइज करने और लोगो को करवाने|
परंतु अभी शादी के बाद कुछ दिनों का ब्रेक ले रखा है|
इस पर ससुर जो को थोड़ा अजीब लगता है पर वे नई नवेली दुल्हन को आहत नहीं करना चाहते थे|
दरअसल खुराना जी जो खाने के शौकीन थे| सेहत की इतनी परवाह भी नहीं थी उन्हें| ऐसा लगने लगा थे उन्हें की उनके और नई बहू के विचारो में समानता नहीं है|
अगले दिन से बहू जो हाई कैलोरी खाने को देखना भी पसंद नहीं करती थी| जो लोगो को सेहत भरा खाना खाने की सलाह देती थी| कैसे ये भारी खाना अपने सास ससुर को खाने देती?
सास मधु फिर भी अब इस पक्ष में थी| परंतु ससुर जी को मनाना थोड़ा मुश्किल था|
हर रोज़ प्यार से सास बहू उन्हें मनाती और धीरे धीरे आखिर अब खुराना जी भी अपनी आदतों में सुधार लाने लगे थे|
अब आलू के परांठे का स्थान हैल्थी चीजों ने ले लिया था| बहू के जिम में भी कभी कभी ससुर जी थोड़ी बहुत एक्सरसाइज करने आ जाते थे|
उनका वजन भी संतुलित होने लगा था|
और एक दिन सास बहू से| “मेरी जिम ट्रेनर बहू| तेरी वजह से खाने पीने की आदतों में सुधार अा गया|
थैंक्यू कहने आई हूं तुझे|
इस पर बहू कहती है| “अरे मम्मी| अब आप लोग भी मेरे अपने हो| मैं बाहर के लोगों को सेहत सुधारने की सलाह देती हूं तो आप सब तो घर के है|
ऐसा कहकर दोनों सास बहू प्यार से गले लग जाती है|
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ज्योति आहूजा