कठोर कदम उठाने पड़ते है – अर्चना कोहली ‘अर्चि’ : Moral Stories in Hindi
“तो मेरे लाख मना करने के बावजूद तुमने अनन्या को घर से निकालने का फैसला ले ही लिया। क्या मेरी और माँ की इच्छा की कोई अहमियत नहीं।” प्रशांत ने गुस्से से काव्या से कहा। “मैं उसे घर से नहीं निकाल रही, सिर्फ छात्रावास भेज रही हूँ ताकि उसका भविष्य उज्ज्वल हो सके। बेकार की … Read more