एक कठोर कदम – गीता वाधवानी
यहां सुमित्रा जी का बिल्कुल मन नहीं लग रहा था। वह पूरी तरह कोशिश कर रही थी कि मन लग जाए पर नई जगह पर मन लगने में कुछ समय तो लगता ही है, वह पुरानी यादों से जितना दूर होने की कोशिश करती थी,उतना ही उनमें उलझती जाती थीं। पलंग पर लेटे हुए आज … Read more