नींद के टुकड़े, ख्वाबों के पहाड़ – डॉ० मनीषा भारद्वाज्ञ : Moral Stories in Hindi
रात के डेढ़ बजे।पंखे की घुरघुराहट के बीच बिस्तर तप रहा था। दाहिना घुटना जैसे किसी लोहे की कील से टिका हो। “अरे भगवान… ये गठिया का दर्द तो हजारों की फौज लेकर टूट पड़ा है,” मैं कराहा। पास ही सोई पत्नी सुमन करवट बदली। “फिर नींद उड़ी?” उसकी आँखें नींद से चिपकी थीं, पर … Read more
जाहिल – खुशी : Moral Stories in Hindi
जाहिल गवार औरत तुम कुछ नहीं कर सकती।पता नहीं क्या सोचकर तुमसे मेरी शादी करवा दी ये भी नहीं सोचा कहा मैं और कहा ये जाहिल औरत ले जा ये नाश्ता तू ही खा और खाने की प्लेट सीधा फर्श पर।ये रोज का ही था दीपक ऐसा ही व्यवहार नीला के साथ करता था रोज … Read more
सूरत या सीरत – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi
“ अरे जाहन्वी, लगता है तुम्हारे ब्लाक में जो एक खाली फ्लैट था, वहां कोई आ गया है, चलो अच्छा है, रौनक बढ़ेगी” नमिता ने फोन पर कहा। “ हां, एक औरत दिखी तो थी कल सब्जी वाले ढ़ेले पर, देखने में तो बिल्कुल जाहिल, गंवार सी लग रही थी, पता नहीं कितनी देर सब्जी … Read more
जाहिल – के आर अमित :
Moral Stories in Hindi कम उम्र में काम बासना की अंधी एक दसवीं में पढ़ने वाली जाहिल बेटी ने वो काम कर दिया कि हर सुनने वाला कहने लगा कि ऐसी औलाद होने से बेऔलाद होना अच्छा है। कहानी मध्यप्रदेश के जबलपुर में सिथत रेलवे कॉलोनी में रहने वाले एक परिवार की है। जिसमें परिवार … Read more
बिटिया का घर बसने दो -डॉ० मनीषा भारद्वाज :
Moral Stories in Hindi शाम की सुनहरी धूप ने शालिनी के कमरे की खिड़की पर सोना उंडेला था। वह अपनी नोटबुक में कुछ गणित के सूत्रों में खोई हुई थी, जब उसकी माँ, सुधा, दरवाजे पर आईं। उनके चेहरे पर एक विचित्र-सी मिश्रित चमक थी – खुशी के नीचे छिपी एक गहरी चिंता। “बेटा,” सुधा … Read more
घरौंदा – प्रतिमा श्रीवास्तव :
Moral Stories in Hindi अंतिम समय आने से पहले सुहासिनी जी को अहसास हो चुका था की अब वो कुछ दिनों की मेहमान हैं तो उन्होंने अपने बच्चों से अंतिम इच्छा जाहिर की कि” बेटा मैं कुछ दिन अपने घरौंदे में वक्त बिताना चाहती हूं।ना जाने कब ईश्वर का बुलावा आ जाए और मेरे प्राण … Read more
जाहिल आदमी – गीता वाधवानी :
Moral Stories in Hindi घर वाले तनीषा की बात सुनकर बहुत नाराज थे। वह एक लड़के को पसंद करती थी और उसी से शादी करने की जिद पर अड़ी हुई थी। तनीषा के घर वाले बनिया जाति के थे और लड़का पंजाबी था। वह तनीषा को समझा रहे थे कि रीति रिवाज और खानपान अलग … Read more
मैं जाहिल नहीं – ज्योति आहूजा :
Moral Stories in Hindi अमित की शादी हो गई थी। लड़की एक सादगी भरी, घरेलू पृष्ठभूमि से आई थी। ज़्यादा पढ़ी-लिखी नहीं थी, न ही कोई नौकरी करती थी, और न ही कोई बड़े सपने लेकर इस शहर में उतरी थी। वो बस एक नई शुरुआत के भाव से, एक जीवनसाथी की उम्मीद में आई … Read more
एक खट्ठी-मीठी गुंजाइश – डॉ० मनीषा भारद्वाज :
Moral Stories in Hindi सोफे पर अधलेटा अंशु स्मार्टफोन की स्क्रीन पर अंगुलियाँ चलाता हुआ, एक गहरी सुख-साँस ले रहा था। सप्ताहांत की वह सुनहरी दोपहर थी जब समय शहद की तरह गाढ़ा और मीठा बहता है। तभी मनू, हाथों में धूल झाड़ने का कपड़ा लिए, ड्राइंग रूम में प्रविष्ट हुई। उसकी नज़र अंशु के … Read more