और.. जुनून की हद पार हो गयी ! – पूजाअरोड़ा

“मम्मी जी! आप जल्द से जल्द टिकट बुक करवा कर हमारे पास मुंबई आ जाइए। आपकी बेटी की तबीयत बिल्कुल भी ठीक नहीं है।” जमाई उदय ने सास सरिता को फोन पर कहा। उदय की बात सुनकर सरिता हैरान हो गई। “हर रोज तो मेरी वृंदा से बात होती है और उसने एक बार भी … Read more

 मालिकाना – लतिका श्रीवास्तव

वसु मेरा खाना यहीं धूप में दे जाना दोबारा यही कहने पर भी जब भीतर से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तब सुमित्रा जी भीतर रसोई में पहुंच गईं वहां भी वसु नहीं दिखी। बहू जी तो नरेन भैया के साथ दुकान गई हैं कमला ने दाल में बघार लगाते हुए कहा तो सुमित्रा जी अचंभित … Read more

पिया की प्यारी-संगीता अग्रवाल

” श्रुति जल्दी से नाश्ता बना दो यार इंटरव्यू के लिए जाना है मुझे !” रमन बाथरूम में से बोला। ” हां हा बना रही हूं …लगता है जनाब शादी की सालगिरह ही भूल गए .. मैं भी नहीं विश करूंगी जब तक जनाब को याद नहीं आता !” श्रुति रसोई की तरफ़ जाती हुई … Read more

मां जी मैं आपकी बेटी जैसी हूं – विनीता सिंह

सुबह के पांच बज रहे हैं। बिस्तर पर बैठी, आशा जी आवाज़ देती है। महारानी कहा चली गई, अभी तक चाय लेकर नहीं आई।तभी हाथ में चाय की ट्रे लेकर अनामिका कमरे में आई और बोली माजी चाय लिजिए। आशा बोली क्या बहरी हो गई है कितनी देर से आवाज दे रही हो अब तू … Read more

हम इज्जत दार लोग है – मंजू ओमर

ये क्या कर दिया रिचा तुमने , पापा और मेरी इज्जत का जरा भी ख्याल न किया। कितना मान कितनी इज्जत है तुम्हारे पापा कि इस शहर में सब मिट्टी में मिला दिया। तभी पीछे से सोमेश जी रिचा के पापा की कड़कती आवाज आई ,कह दो इससे इस घर से चली जाए , कोई … Read more

मेहमान – एम. पी. सिंह 

मेहमान  बहु, आज खाने मे कुछ अच्छा बना लेना, तेरेे गांव वाले आ रहे है, फोन आया था. माँ जी की बात सुनकर दीपिका बहुत ख़ुश हुई, पर खाना बनाने से जी चुराने वाली, सोच मे पड़ गई, कि कौन आ रहा है, पूछने की हिम्मत नहीं हुई. अमोल और दीपिका की शादी हुए अभी … Read more

मां जी मैं भी आपकी बेटी जैसी हूं। – मधु वशिष्ठ

कल सुबह अपनी माँ से मिलेंगे! मायके में माँ से मिलने का सुख क्या होता है, यह ससुराल में बैठी हर लड़की से पूछो। माँ के सीने से लगते हुए ढेरों बात करना, “कुर्सी से नीचे लटकाए हुए खुले बाल”  और “पैर ऊपर करके बैठना”, इसी खूबसूरत एहसास में खोई हुई मीनल की तंद्रा तब … Read more

एक और मौका – रेखा जैन

बारिश की बूंदे सड़क को भिगो रही थी। अस्पताल की दीवारों पर खामोशी पसरी थी। शाम से रोते रोते निकिता की आंखों में आंसू सुख चुके थे। वो आई सी यू के बाहर बैठी खामोश सी अपने ही विचारों में गुम थी। अंदर उसका पति अनिकेत जीवन और मौत के बीच जुझ रहा था। उसकी … Read more

एक और मौका – विनीता सिंह

एक बहुत बड़ी आलीशान हवेली । वहां पर श्रीकांत जी और रुक्मणी जी रहते हैं! उनका बेटा कृष्णम जो अपनी पढ़ाई पूरी कर चुका था आज पिता से कह रहा था पिताजी मुझे गिटार में अपना कैरियर बनाना है उधर श्रीकांत जो शहर के बहुत बड़े जज थे वह चाहते थे उनका बेटा सिविल की … Read more

समाज का सच – लतिका पल्लवी 

माँ,माँ,जल्दी आओ भैया दीदी को लेकर आ गए।गाड़ी की आवाज सुनकर श्रेयांसी माँ को पुकारते हुए घर के बाहर भागी।अरे!लड़की सुन तो ज़रा। एकदम आंधी तूफान है यह लड़की,कुछ सुनेगी ही नहीं। जैसी यह है वैसी ही उसकी बहन भी है।वह भी तुरंत गाड़ी से उतर कर चल देगी। बहू जल्द से एक कटोरी मे … Read more

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