काश पुरुषों का भी मायका और ससुराल होता

सुधा जी एक स्कूल में शिक्षिका थी और जीवन के  60  बसंत पार कर चुकी थी अगले महीने स्कूल से रिटायर होने वाली थी।   सुधा जी के दो बेटे और एक बेटी थी तीनों की शादी हो चुकी थी। सुधा जी के पति राकेश जी भी बिजली विभाग में नौकरी करते थे  वे  5 साल … Read more

 एक परिवार का रसगुल्ला बेचने से लेकर बीकानेरवाला जैसे ब्रांड बनने तक का सफर

दोस्तों आपने बिकानों की आलू भुजिया और रसगुल्ला जरूर खाए होंगे और इसके स्वाद के दीवाने आप हो गए होंगे.   आज के इस पोस्ट में हम आपको यही बताने वाले हैं कि मेहनत करके कैसे एक रसगुल्ला बेचने वाला इंसान बीकानेरवाला जैसे बड़े ब्रांड का मालिक बन सकता है.   आज के 65 साल पहले … Read more

मैं लिखूंगी अपनी किस्मत

रागिनी अपनी पांच बहनों में सबसे बड़ी थी। रागिनी के पिता जिस फैक्ट्री में काम करते थे वह फैक्ट्री कोरोना  महामारी के दौरान बंद हो गई। बेटियों के जवान होते ही मां-बाप को  उनकी शादी की चिंता सताने लगती है।  एक दिन रागिनी की मां सावित्री जी रागिनी के पापा बसंत जी से कह रही … Read more

पानी के बुलबुले जैसे रिश्ते 

शादी के 15 साल बीत चुके थे लेकिन स्वाति अभी तक मां नहीं बन पाई थी। दिल्ली के हर बड़े हॉस्पिटल और डॉक्टर से इलाज करवाया लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला कई लोगों ने आईवीएफ के बारे में बताया वह भी कर के देख लिया उससे भी कुछ नहीं हुआ जब इंसान की किस्मत में … Read more

रिश्ते की डोर -हरेंद्र कुमार

रघुवीरजी जैसे ही पार्क से आए  – ऊ ऊकरता मोती(डॉगी) उनके पैर चाटने लगा । आज रघुवीरजी अस्वस्थ्य महसूस कर रहे थे इस लिए मोती को पार्क लेकर नहीं गए थे, क्योंकि मोती के साथ दौड़ना पड़ता। यही कोई उनकी उम्र 75 वर्ष होगी । तभी कड़क आवाज में रूपेश उनके कमरे में आया और … Read more

इस चित्र को देख कर आपके मन मे किस सब्जी का नाम याद आता है।

दोस्तों हमारे जिंदगी में पहेलियों का भी अहम रोल है अगर हम कोई तनाव में है और हम अपने माइंड को फ्रेश करना चाहते हैं तो हम कोई कहानी पढ़ सकते हैं गाना सुन सकते हैं या आप पहेलियों को सुलझा सकते हैं इससे भी आपके दिमाग को बहुत ही आनंद आता है।  आज भी … Read more

मनहूस माँ

रंजना का पूरा परिवार सेना में नौकरी करता था।  रंजना जब जवान हुई उसके लिए भी सेना में नौकरी करने वाले लड़का देखा जाने लगा।  लेकिन रंजना की मां नहीं चाहती थी कि उसकी बेटी की शादी   सेना में नौकरी करने वाले लड़के से हो। लेकिन पिता की इच्छा के आगे रंजना की मां … Read more

गैरों में अपनों की परख – मुकेश पटेल

बंसी लाल जी की इलाहाबाद में किराने की दुकान थी।  इसी किराने दुकान से घर भी चलता था और अपने इकलौते बेटे को पढ़ाकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर बना दिया था।  बेटा गुड़गांव में एक एमएनसी कंपनी में नौकरी करता है।   गर्मी की छुट्टी में बेटा और बहू दोनों इलाहाबाद आए हुए थे और उन्होंने अपने पापा … Read more

हम थे जिनके सहारे वो हुए ना हमारे – मुकेश पटेल

संतोष जी बैंक में मैनेजर थे। उनको  दो बेटा और एक बेटी थी  बड़ा बेटा और बेटी की शादी हो गई थी,बड़ा बेटा अपनी पत्नी के साथ अलग फ्लैट लेकर रहता था।  एक दिन उनकी पत्नी राधा जी  का बाथरूम में पैर फिसला और कमर में काफी चोट आ गई डॉक्टर को दिखाया गया तो … Read more

अपनों का साथ

रामप्रसाद जी पुलिस में सिपाही की नौकरी करते थे इस वजह से उनका अपने परिवार के साथ रहना मुमकिन नहीं था क्योंकि उनकी पोस्टिंग दूरदराज के थानों में होती रहती थी। लखनऊ में एक घर किराए पर लेकर अपने पत्नी और बच्चों के साथ रहते थे ।   एक महीने बाद रामप्रसाद जी रिटायर होने वाले … Read more

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