बेटा और बेटा ‘जैसा’ होने में बहुत फर्क होता है
निर्मला अपने पति राकेश को बार-बार फोन लगा रही थी लेकिन राकेश का फोन नॉट रिचेबल आ रहा था। वह अपने IVF रिपोर्ट के बारे में बेसब्री से जानना चाह रही थी। राकेश रिपोर्ट लेने हॉस्पिटल गया हुआ था। उसकी शादी हुये 15 साल हो गए थे लेकिन ऐसा लग रहा है उसकी किस्मत में … Read more
पराई माँ – मुकेश कुमार
विनोद जी का एक ही बेटा था जिसका नाम विकास था। बचपन से ही पढ़ने में बहुत ही होनहार था। वह हमेशा घर में कुछ न कुछ नए नए प्रयोग करता रहता था। अपने बेटे के प्रयोग को देखकर विनोद जी ने भी मन बना लिया था कि बड़ा होगा तो बेटे को इंजीनियर बनाऊंगा। … Read more
हां मैंने एक पिता गोद लिया है – मुकेश कुमार
मेरा नाम राकेश कुमार है मैं बचपन से ही मेरे पिता नहीं हैं । मैं हर सप्ताह रविवार के दिन एक वृद्ध आश्रम में जाता हूं और वहां पर अपने घर से अच्छा खाना बना कर वृद्ध आश्रम में रह रहे बुजुर्गों को खिलाता हूं। उन बुजुर्गों में ही मैं अपनी मां बाप को महसूस … Read more
सफ़र मे बने हमसफ़र – मुकेश कुमार
नैना एक लड़के से प्यार करती थी और उसी से शादी करना चाहती थी लेकिन उसके घर वाले उस लड़के को पसंद नहीं करते थे क्योंकि वह उसके कास्ट का नहीं था उसके पापा अंतर्जातीय विवाह के खिलाफ थे उनका मानना था कि शादी -विवाह अपने ही कास्ट में करना चाहिए। 1 दिन नैना उस … Read more
मुझ जैसी बुरी सास के लिए तुमने इतना क्यों किया बहू
सलोनी की आज गोद भराई की रस्म थी. सलोनी एक संयुक्त परिवार की छोटी बहू थी बड़ी जेठानी की लड़के की चाह मे 4 लड़कियां हो गई थी। अब सब की उम्मीदें सलोनी से ही थी की सलोनी इस बार बेटा पैदा करेगी। लेकिन उनको यह नहीं पता कि बेटा या बेटी होना किसी इंसान … Read more
देश में निकला होगा चांद – मुकेश पटेल
शांति के बेटे की इंजीनियरिंग की पढ़ाई खत्म होते ही एक मल्टीनेशनल कंपनी में अमेरिका ऑफिस के लिए जॉब लग गई थी। उसका बेटा अमन बहुत खुश था क्योंकि बचपन से उसका सपना था विदेश में नौकरी करना। लेकिन अमन के मां बाप अपने इकलौते बेटे को विदेश नहीं भेजना चाहते थे वह चाहते थे … Read more
बुजुर्ग समय चाहते हैं पैसा नही – मुकेश कुमार
नेहा ने कहा,” मम्मी , दादाजी कई बार कह चुके हैं कभी मुझे भी अपने साथ रेस्टोरेंट्स ले जाया करो.” मम्मी बोली , ” ले तो जायें पर चार लोगों के खाने पर कितना खर्च होगा. याद है, पिछली बार जब हम तीनों ने डिनर लिया था, तब सोलह सौ का बिल आया था. … Read more
संस्कार अपना अपना -मुकेश कुमार
एक परिवार में 4 देवरानी जेठानी रहती थी । शादी के 15 साल हो गए थे लेकिन अभी भी सबसे बड़ी जेठानी को कोई बच्चा नहीं हुआ था। उस से छोटी तीन देवरानियों के बेटे स्कूल में पढ़ने लगे थे वह भी इंग्लिश मीडियम स्कूल में क्योंकि तीनों देवर सरकारी नौकरी करते थे। बड़ी जेठानी … Read more
एहसास के परिंदे उड़ चले -मुकेश कुमार
रमन और प्रिया की हाल ही में शादी हुई थी और वह दोनों मालदीव में हनीमून मनाने के लिए गए हुए थे वहां एक सप्ताह बिताकर अब अपने घर लौट आए थे। अगली सुबह प्रिया किचन में नाश्ता तैयार करने के लिए गई लेकिन रमन की भाभी ने प्रिया से कहा, “मेरी प्यारी देवरानी अपनी … Read more