आँसू – राम मोहन गुप्त
[ बड़ी बहन भी माँ ही होती है ] ‘नहीं, कहीं नहीं जाएंगी आप, जिसे जो भी कहना हो कहे, साथ रहना चाहे रहे या न रहे’ कहते हुए अम्बर ने अनीता के हाथों से अटैची छीन ली। उसे ऐसा करते देख नीलिमा पैर पटकते हुए अपने कमरे में घुस गई। कितने समय से नीलू … Read more