आत्मा के जख्म – अनुपमा
माला अपने मां बाप को बचपन में ही खो चुकी थी , मामा मामी ने उसे बड़ा किया ,मामी ने एक पल के लिए भी माला को भूलने नही दिया की वो अनाथ है और उन पर बोझ है , हर पल ,हर बात मैं , अकेले मैं ,आने जाने वाले लोगो के बीच कोई … Read more
माला अपने मां बाप को बचपन में ही खो चुकी थी , मामा मामी ने उसे बड़ा किया ,मामी ने एक पल के लिए भी माला को भूलने नही दिया की वो अनाथ है और उन पर बोझ है , हर पल ,हर बात मैं , अकेले मैं ,आने जाने वाले लोगो के बीच कोई … Read more
जल्दी जल्दी हाथ चलाओ बेटा शाम होने से पहले काम खत्म करना है !” पेड़ के तने पर कुल्हाड़ी चलाता रामदीन अपने बेटे किशना से बोला। ” हां बापू !” अठारह साल का किशना भी बहुत कुशलता से पेड़ पर कुल्हाड़ी चला रहा था अचानक रामदीन को अपनी कुल्हाड़ी पर लाल धब्बा नजर आया । … Read more
मेरे पिता पटेल दुर्गाशंकर जी नागर देवास जिले के ग्राम लसुरडिया के जागीरदार थे। दूरस्थ पत्थरों में बसा मेरा गाँव देवी अन्नपूर्णा की पावन स्थली है। वर्षों पूर्व नरसिंह मेहता के वंशज, मुगलों द्वारा प्रताड़ित मेरे पूर्वज गुजरात से इस बीहड़ में आकर बस गए थे। उनके साथ अन्य वर्ण व वर्ग के लोग भी … Read more
सजा हुआ मीठा जल भरा घट…..आता जाता हर व्यक्ति आज उस सजे धजे मिट्टी के घड़ेमे भरे हुए शीतल जल को उसमे लगे हुए नल से जरूर पी रहा था…… विनय उसमे पानी भरते हुए सोच रहा था बाबूजी कितना सही कहते है , मनुष्य का जीवन भी माटी के घट जैसा ही तो है,जब … Read more
इस चित्र के माध्यम से मैं आपको एक स्त्री होना क्या होता है कुछ शब्दों के माध्यम से बतलाना चाहती हू ,जो भी मैं लिखूंगी और जो औरतें महसूस करती है या यूं कहे की अपने जीवनकाल में वो सबकुछ भोगती है क्योंकि वो एक स्त्री है , शब्दों मैं शायद कुछ कमी रह जाए … Read more
“ध्यान रखिएगा जी, मेरे जाने के बाद कोविड की दवाइयां समय पर लेते रहिएगा। अभी आपको इससे उबरे पूरा एक महीना भी नहीं हुआ है, और हां ब्लड प्रेशर और डायबिटीज़ की दवाइयां भी वक्त पर ले लिया कीजिएगा। एक दिन भी आप ब्लड प्रेशर की दवाई नहीं लेते, तो हाई हो जाता है। आपको … Read more
चित्रकथा घर आज खुशियों से भरा था, मेहमानों के जमघट के बीच, माधुरी के पति आलोक, अपनी नन्ही सी बच्ची को बाहों में उठाए, बेतहाशा चूमे जा रहे थे! पिता का प्रेम, पांच साल हो गये विवाह को अब जाकर पिता का सुख मिला था! माधुरी बडी ममता भरी निगाहों से बच्ची को देखे जा … Read more
“अरे ! केवल जरूरत भर का सामान रख लो। बेटे के पास जा रही हो। कोई रिश्तेदारी में नहीं। अब से हमारी सारी जिम्मेदारी बेटा लेने वाला है।” – सुरेंद्र सिंह ने गर्व से कहा। उनका बेटा पवन सिंह लगभग पन्द्रह साल पूर्व दिल्ली में एक छोटी फैक्टरी लगा रखा रखा था। सुरेंद्र सिंह का … Read more
चित्रकथा आज सुबह जैसे ही योगा करके उठी , किसी औरत के चिल्लाने की आवाज़ सुनाई पड़ी। जल्दी से बालकनी तक गयी तो देखा तो सामने सड़क के उस पार रामबाबू के घर से फिर चीखने की आवाज़ आ रही थी। तभी उनकी पत्नी दौड़ते हुए बरामदे तक आयी और वापस चली गयी। मैं रुककर … Read more
“आज़ रागिनी का फोन आया था “,रात को खाना खाने के बाद अरुण बेड रूम में टी वी देख रहे थे , मैंने उन्हें बताया । “अच्छा ? क्या कह रही थी ? अरुण ने टी वी की वॉल्यूम कम करते हुये पूछा । “वो कह रही थी कुछ दिनों के लिये आ जाओ , … Read more