दवा-दारू – शालिनि दीक्षित

“पापा-पापा यह देखिए अपने घर में भी ड्रग है, टीवी वालों को पता चल गया तो हमको भी पकड़ कर ले जाएंगे………” छः साल का चिंटू परेशान सा अंदर से दौड़ाता हुआ आया और बोला। “ड्रग!!! कहाँ है?” विशाल ने आश्चर्य मिश्रित घबराहट में पूछा। “अभी दिखाता हूँ।” कह कर चिंटू अंदर भाग गया और … Read more

सोने की चूड़ियाँ – रश्मि स्थापक

” सोनल … बस मैं जो दे रही हूँ उसे चुपचाप रख लेना।” कहते हुए रजनी ने अपनी ननद सोनल को सुंदर डिब्बी में रखी चमचमाती हुई अपनी सासू माँ की सबसे फेवरेट सोने की चेन  थमा दी। ” अरे!यह क्या कर रही हैं आप?” कहते हुए सोनल ने पलंग पर लेटी हुई अपनी माँ … Read more

 चारों धाम घरवाली है ” -अनामिका प्रवीण

” सुनिए ! मोहित , “ ” हां कहिए मैडम ! आवाज़ में इतनी चाशनी कैसे आज ? सुनो की जगह सुनिए ! “ ” वो बात ऐसी है कि कल मेरे मम्मी पापा और रानो लकी आ रहे हैं । आप प्लीज उन्हें स्टेशन से लेकर आ जाना । मैंने उनका ट्रेन शेड्यूल आपको … Read more

श्रवण कुमार – अनुज सारस्वत

“बेटा तीन साल हो गये कब आयेगा तू घर अपने मेजर से बोल ना छुट्टी के लिये “ सुखबीर की माँ ने फोन पर अपने पैरामिलिटरी फोर्स में भर्ती बेटे से कहा “माँ आ जाऊंगा अभी मेरी ड्यूटी हरिद्वार महाकुंभ में लगी है एक महीने के लिए “ कुंभ का नाम सुनते ही माँ की … Read more

नचनिया: – मुकेश कुमार (अनजान लेखक)

जब वो नाचती तब लगता ही नहीं की उसके शरीर में हड्डी का एक टुकड़ा भी है। वो जहाँ भी जाती सारे पुरुष दर्शक मंत्रमुग्ध हो जाते। पुरुष तो उसके रुप पर मोहित हो ही जाते स्त्री भी उसके रुप से जलने लगती। लंबे घुंघराले कमर तक लटकते बाल, सुराहीदार गर्दन, मुट्ठी में पकड़ आ … Read more

 एक टुकड़ा – अर्चना गुप्ता

ज़िंदगी में हम हर वक्त ख़ुशियों के पीछे भागते रहते हैं और ख़ुशियाँ हमसे और दूर भागती जाती हैं …….इंसान सारी ज़िंदगी मेहनत करता है की ज़िंदगी में आगे बढ़े, लेकिन ज़िंदगी हर बार उससे दो कदम आगे चलती है । एक वक्त आता है जब लगता है कि अब सब कुछ हासिल हो गया … Read more

बड़ी अम्मा -रणजीत सिंह भाटिया

       शाम होने वाली थी सुधा ने जल्दी से घर में ताला लगाया और और अपनी तीन साल की बेटी सपना को लेकर मंडी की ओर भागी,..शाम को मंडी बंद होने से पहले बचा खुचा  सामान सस्ता मिल जाता है l वह अभी भाव- ताव करके खरीदारी कर ही रही थी,कि अचानक मंडी में भगदड़ मच … Read more

  ‘ दीदी ‘ – विभा गुप्ता

 नीता ने नहा-धोकर अपनी नित्य-पूजा को समाप्त किया और अपने पति प्रमोद की तस्वीर की माला बदलकर दीपक जलाया।उन्हें प्रणाम करके साथ लगी तस्वीर की भी उसने माला बदल दी।तस्वीर प्रणय की थी जो अचानक ही उसकी ज़िंदगी में आया और अचानक ही एक दिन …..।             चार बरस पहले की ही तो बात है जब … Read more

चलन – मीना माहेश्वरी

 “मम्मी  तैयार है आप”, निधि झुंझलाते हुए बोली । मैने झोपड़ी वाले दो_तीन परिवार बुला लिए हैं, सब पैकेट्स भी तैयार है । आप फटाफट सामने वाले गेट पर आ जाइए। सभी लोग गेट पर ही खड़े हैं। नीतू जी अपनी शानदार साड़ी का पल्लू संभालते हुए गेट की ओर बढ़ी। पीछे_ पीछे निधि सारे … Read more

एक टुकड़ा चांद का,, – सुषमा यादव

 #एक_टुकड़ा  ,,,, कुछ कुछ सच्चाई को बयां करती,, ये कहानी,,, ,,,आज सरपंच साहब के घर बड़ी धूमधाम है,, सोहर गाये जा रहें, हैं,,,, दशरथ के जन्में हैं राम,,, तो एक तरफ़ पूजा,पाठ हो रहा है, गांव में लड्डू, बांटे जा रहे हैं,, बहुत सालों के बाद सरपंच के यहां बेटा हुआ है,, बरहौं संस्कार मनाया … Read more

error: Content is protected !!