ये कैसा प्यार – प्रीती सक्सेना

    मैं मनीषा,,, पंद्रह वर्ष की थी, जब ब्याह के अशोक के घर आई थी,,, मैं,, छोटे से कद की,, नाजुक दुबली पतली,, वहीं वो लंबा चौड़ा, सजीला जवान,,,बहुत अच्छा लगता था,,, मुझे तो हीरो जैसा लगता था,, मेरी सहेलियों कहती थीं,, मनीषा,, तेरी तो किस्मत खुल गई,,, पर जल्दी ही मुझे पता चल गया,, कि … Read more

सांझ – गरिमा जैन

अकेलापन,  शायद यही एक ऐसा एहसास था जो मुझे एक  डरावने सपने जैसा लगता और कहते हैं ना कि किस्मत आपके डर को आपके सामने खड़ा कर देती है वही मेरे साथ हुआ। जीवन के साठ मील चलने के बाद यह अकेलापन मुझ पर जोरों से हंसने लगा । मैं इसके आने से पहले ही … Read more

 जोड़ा – विनय कुमार मिश्रा

आज एक बहुत ही अच्छी रोमांटिक फिल्म लगी है। शॉपिंग के बाद मैं और निहारिका टिकट के लिए लाइन में लगे थे। हमारे आगे ही एक और जोड़ी भी इस फ़िल्म की टिकट के लिए लाइन में थी। बिल्कुल देहाती! उनकी बातों से लग रहा था वो अपनी शादी के बाद पहली बार साथ फ़िल्म … Read more

कृतज्ञ –  किरण केशरे

हाँ छमिया ही तो थी , एक दिन गली के तीन चार कुत्ते उसके पीछे पड़ गए थे। घबरा कर भागते हुए घर के खुले गेट से आकर सोफे के नीचे आकर दुबक ही तो गई थी वह!  कुत्ते भौंकते हुए गेट तक आ पहुँचे थे ! माली ने डण्डे से उन्हें दूर तक खदेड़ … Read more

मायका – पिंकी नारंग

कब आ रही है हमारी बिटिया रानी? इस बार आओ तो कुछ ज्यादा दिन के लिए आना |यूँ पल मे आना पल मे जाना नही भाता हमें, सुषमा फ़ोन पर बेटी से दुलार करते हुए कह रही थी |   ठीक है माँ ज्यादा दिन की छुट्टी ले कर आउंगी वैसे कभी माँ का मन भरता … Read more

आई. सी. यू.   l ICU – श्वेत कुमार सिन्हा

***************** रात के तकरीबन ग्यारह बजे थे जब अस्पताल में उद्घोषणा हुई और मुझे आई सी यू में बुलाया गया। दरअसल पिताजी के सांस लेने में काफी तकलीफ होने की वजह से डॉक्टर ने उन्हें आई सी यू में भर्ती किया था जहां अभी वह वेंटीलेटर पर थे। मैं अस्पताल के ही पहले तल्ले पर … Read more

प्रेम – शालिनी दीक्षित

“सुनिए चाय पिएंगे क्या?”, प्रिया ने दोनों के बीच में पसरी चुप्पी को तोड़ने की कोशिश करी। “अभी रहने दो थोड़ी देर में देखेंगे।”, आकाश ने खुद को संतुलित करते हुए जवाब दिया, कहीं उसके गले की भर्राहट प्रिया को सुनाई ना दे जाए। थोड़ी देर बाद आकाश को ऐसा लगा कि रसोई से कुछ … Read more

एक सैर, जादुई दुनिया की.. – संगीता त्रिपाठी

 #जादुई दुनिया..                        सुबह -सुबह आँख गुलाब की भीनी खुश्बू से खुली, देखा सुर्ख लाल गुलाब के दो फूल के साथ चाय का कप,सामने बैठे मुस्कुराते पतिदेव… मानों कोई सपना देख रही हूँ, पिछले कई बरस से तो मैंने पति देव को भौं चढ़ाते देखा,मुस्कुराते नहीं । उनको मुस्कुराते किसी ने नहीं देखा।सच चिकोटी काटने … Read more

भैरवी — डा.मधु आंधीवाल

जनवरी की उस शाम घना अंधेरा उस पर बरसात शुरू हो गई थी। वह पूरा भीगा हुआ था और जंगल में पेड़ के नीचे खड़ा कांप रहा था, तभी जोर की बिजली कड़की और उसने देखा, उस पेड़ के ठीक पीछे एक मकान था । राहुल अपनी दोस्त प्रिया के बुलाने पर शहर से दूर … Read more

“बदलाव ”  – गोमती सिंह

——-बहुत दिनों से मेरी लेखनी थमी हुई थी, मैं समझ गई; लिख लिख कर नारी की गाथा कलम मेरी हैरान बड़ी थी।      तब क्या हुआ, एक दिन देखा ख्वाबों में मैंने  बलखाई नागन की तरह फिर इक नारी राहों में खड़ी थी ।              ख़्वाबों में ही पूछा मैंने- ऐ माँ ! इस बार … Read more

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