ये कैसा प्यार – प्रीती सक्सेना
मैं मनीषा,,, पंद्रह वर्ष की थी, जब ब्याह के अशोक के घर आई थी,,, मैं,, छोटे से कद की,, नाजुक दुबली पतली,, वहीं वो लंबा चौड़ा, सजीला जवान,,,बहुत अच्छा लगता था,,, मुझे तो हीरो जैसा लगता था,, मेरी सहेलियों कहती थीं,, मनीषा,, तेरी तो किस्मत खुल गई,,, पर जल्दी ही मुझे पता चल गया,, कि … Read more