महेश जी के बेटे अनुज ने एमसीए किया हुआ है और अनुज देखने मे भी सही लगता है । महेश जी को पूरा विश्वास है कि अनुज की नौकरी किसी न किसी पद पर हो ही जाएगी इसलिए महेश जी को अनुज की नौकरी को लेकर कोई चिंता नही है । अब महेश जी अपने बेटे अनुज की शादी के बारे मे सोचते हैं और अनुज की शादी कर देना चाहते है ।
इधर प्रताप बाबू की भी एक बेटी ममता है । प्रताप बाबू की बेटी ने भी एमए किया हुआ है वो भी ग्र्जुयशन के बाद से ही आईएएस की तैयारी करती है । प्रताप बाबू भी ममता की शादी कर देना चाहते है और अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त होना चाहते है।
प्रताप बाबू ने कई लोगों से पता किया लड़को के बारे मे , उन्हे ये पता चला कि जिन लड़को ने एमए किया हुआ है उन लोगो कि मांग 6 या 7 लाख तक है और जो लड़के ग्रेजुएट है उनकी मांग 4 या 5 लाख तक है ।
एक दिन प्रताप बाबू घर पर बैठे हुये थे उनका भाई अरविंद , ममता के लिए एक रिश्ता लाये थे । ये रिश्ता महेश जी के बेटे अनुज का था । अरविंद ने अपने भाई से बताया भैया,अनुज ने एमसीए किया हुआ है और महेश जी की मांग 4 लाख तक है। आप तो जानते ही है आजकल दहेज की कितनी मांग है? जिन लड़को ने एमए किया हुआ है उनकी मांग भी 6 या 7 लाख तक है । तो प्रताप बाबू ने सोचा चलो एक बार लड़के को चल कर देख ही लिया जाए ।
प्रताप बाबू अनुज को देखने उसके घर गए ,महेश जी ने कहा देखिये प्रताप बाबू शादी मे बहुत खर्चा आएगा तो बस हमे खर्चे के लिए कुछ दे दीजिएगा। और हमे कुछ नही चाहिए बाकी आप अपनी लड़की जो भी देना चाहे दे सकते है । प्रताप बाबू को अनुज पसंद आ गया क्यूंकी अनुज देखने मे बी सही था और उसने एमसीए भी किया हुआ था । प्रताप बाबू ने सोचा लड़का पढ़ा लिखा है तो कुछ न कुछ तो कर ही लेगा।
कुछ दिनों बाद अनुज के घरवाले भी ममता को देखने आए उन्हे भी ममता पसंद आ गयी । अब अनुज और ममता की शादी ठीक हो गयी । अभी शादी ठीक हुये कुछ दिन ही हुये थे तभी अनुज का चयन डिप्टी कलेक्टर के लिए हो गया । ये बात जब अनुज के पिता महेश जी को लगी उन्हे गुस्सा आया वो सरकार को गालियां देने लगे ।
तब उनकी पत्नी ने पूछा कि क्या आप इस बात से खुश नहीं है कि आपके बेटे कि नौकरी लग गयी , तो महेश जी कहते हैं कि ये नौकरी एक महीने पहले नही लग सकती थी क्या ? अगर नौकरी पहले लग गयी होती तो दहेज मे 40 या 50 लाख तो मिल ही जाते और हमे दहेज मे सिर्फ 4 लाख मिला है ।
ये बात सुनकर महेश जी की पत्नी कहती हैं कि मै तो कहती ही थी अभी शादी ठीक मत करिए एक बार अनुज की नौकरी लग जाए इसके बाद ठीक करते हैं शादी लेकिन आपने मेरी बिलकुल भी बात नही मानी । महेश जी की पत्नी कहती हैं कि आप प्रताप बाबू से साफ साफ दहेज की बात कर लीजिये कि हमे 40 लाख चाहिए ।दो चार दिन बाद महेश जी ने प्रताप बाबू को चिट्ठी लिखा ।
“प्रताप बाबू आपको यह जानकर बहुत ही खुशी होगी की अनुज का चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हो गया है शादी के शुभ अवसर पर यह हुआ है आपकी बेटी का भी इसमे योगदान है। आपकी बेटी हमारे बेटे के लिए बहुत ही शुभ है । वैसे इस पद के हिसाब से आप देख लीजिएगा ,वैसे भी आप जो भी देंगे अपनी बेटी को ही तो देंगे ।
वरना हमे दूसरा रिश्ता देखना पड़ेगा ।
इस खबर से वर्मा परिवार मे हलचल मच गयी , और बहुत विचार करने पर प्रताप बाबू ने महेश जी को खत लिखा ,
महेश जी मुझे यह जानकर बहुत खुशी है कि अनुज का चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हो गया है । अनुज मेहनती है इस पद के योग्य लायक है आगे भी खूब तरक्की करेगा । मै ही आपको खत लिखने वाला था । क्यूंकी हमारी बेटी ममता आपके बेटे से शादी नही करना चाहती है ।
आपको यह जानकर बहुत ही खुशी होगी कि ममता का चयन भी कलेक्टर के पद पर हो गया है और ममता अपने से छोटे पद के लड़के से शादी नही करना चाहती है ।
मुझे यह रिश्ता तोड़कर बहुत खुशी हो रही है । और फिर यह रिश्ता टूट जाता है अब महेश जी को शर्मिंदगी महसूस होती है । अब महेश जी को बहुत ही पछतावा होता है अपने किए पर ।