शोभित! जब देखो मोबाइल से चिपके रहते हो..कभी पढ़ लिया करो! शोभित की मां ने कहा तो वो मुस्करा
दिया…”मां! मैं पढ़ाई ही तो कर रहा हूं।”
“क्या सच में?”रीमा आश्चर्य से बोलीं,पता नहीं आजकल कैसी पढ़ाई हो गई है,किताबें छोड़ कर सब कुछ
मोबाइल पर मिलता है।
शोभित ने अपनी मां को झूठ बोल तो दिया था लेकिन एक गिल्ट उसके मन में घर करने लगा था,उसे
मोबाइल की बुरी तरह लत लग गई थी और उसके लाख चाहने पर भी ये आदत जा नहीं रही थी।
ये वॉट्सएप,इंस्टाग्राम कितनी मस्त चीज बनाई हैं..एक के बाद एक मैसेज आते हैं, रील देखने में कितना
मजा आता है लेकिन हर समय मोबाइल पर चिपके रहने से उसका खुद का दिमाग चलना लगभग बंद ही हो
गया था।पहले जब वो गाड़ी ड्राइव करता,खुद रास्ते चुनता पर अब गूगल मैप जहां चाहे ले जाता।
धीरे धीरे,शोभित में एक और कमजोरी पनपने लगी थी और वो थी कि वो मोबाइल की कही हर बात को सच
मान लेता।उसने एक बार खबर पढ़ी किसी व्हाट्सप्प मैसेज में कि कल बहुत बड़ा भारत बंद का आयोजन
किया गया है क्योंकि विरोधी पार्टी रूलिंग पार्टी के खिलाफ किसी मुद्दे पर विरोध प्रकट करेंगी।
उसने बिना ये सोचे समझे कि ये मैसेज सच है या नहीं ,उसे अपने सभी फ्रेंड्स को फॉरवर्ड कर दिया।
एकाध ने कहा भी…भाई कल तो हमारा प्रैक्टिकल एग्जाम है..
नहीं..सब पोस्टपोंड हो गए हैं,इतने बड़े बंद में किसी की क्या मजाल जो कॉलेज खोले?
तब भी अपने प्रोफेसर से पता तो कर लें.. मैं नहीं मानता…उसका दोस्त विश्वास बोला।
तुझे जो करना है कर.. मैं नहीं जाऊंगा कल,शोभित बोला और निश्चिंतता से अगले दिन घर में ही मूवी का
प्रोग्राम बना डाला।
दो दिन बाद जब कॉलेज पहुंचा ,सब हंसने लगे और शोभित को कान का कच्चा कहकर हंसी बनाने
लगे।उसका नुकसान भी हुआ था लेकिन किसी तरह उसने प्रोफेसर को मोबाइल में मैसेज दिखाकर ,बहुत
मिन्नतें करके प्रैक्टिकल एग्जाम करा लिया।
उसके मित्र ने उसे बहुत समझाया..भाई!आज तो बच गया लेकिन ये कान का कच्चा होना तुझे कहीं का नहीं
छोड़ेगा..किसी दिन बहुत नुकसान हो जाएगा तेरा।
बात आई ,गई हो गई।शोभित ने सोचा कि अब ध्यान रखा करूंगा।उसकी फ्रेंड रत्ना थी जिससे उसकी बड़ी
पक्की दोस्ती थी लेकिन आजकल उस पर उसका एक दूसरा दोस्त रोहन भी डोरे डाल रहा था पर
रत्ना,शोभित को ही पसंद करती।
एक दिन रोहन, शोभित के पास आया और बोला…तुझे पता है..रत्ना की इंगेजमेंट हो रही है शक्ति के साथ..बड़ा
पैसे वाला है वो।
नहीं..तू झूठ बोल रहा है…रत्ना सिर्फ मुझे चाहती है…शोभित बौखला उठा, मैं अभी उससे फोन पर बात करता हूं
लेकिन उसका फोन तो स्विच ऑफ आ रहा था।
दरअसल रोहन ये बात जानता था क्योंकि उसके सामने ही रत्ना का फोन अभी पानी में गिर गया था,उसने
शोभित से मज़े लेने के लिए ही ये बात की थी।
शोभित गुस्से में पागल हो गया। मैं रत्ना के घर जाकर हंगामा करूंगा और ये सगाई तोड़ दूंगा।वो दहाड़ा और
रत्ना के घर जाने को उतावला हो गया।
वो झट रत्ना के घर जाने को हुआ,तभी मुस्कुराती हुई रत्ना उसकी तरह आती दिखी,उसने बिना सोचे समझे
उसे बुरा भला कहना शुरू कर दिया कि तुम धोखेबाज हो,नीच हो…मुझसे इतने गिफ्ट्स लिए और अब दिल
भर गया ,दूसरे से सगाई करने चल दी..लालची कहीं की!
रत्ना घबरा गई और बुरी तरह अपसेट हो गई,बिना मेरी बात सुने बुरा भला कहना..ये कहां के मैनर्स हैं,उसने
शोभित से वहीं ब्रेक अप कर लिया।
जब शोभित को सच्चाई पता चली ,वो बहुत पछताया लेकिन अब क्या हो सकता था,उसकी कान से कच्चा
होने की आदत उसे धोखा दिला चुकी थी और अब उसे उसके दुष्परिणाम भुगतने ही थे।
डॉक्टर संगीता अग्रवाल
वैशाली,गाजियाबाद
#कान का कच्चा होना