निर्णय – बीना शर्मा   : Moral Stories in Hindi

“अद्वैत आखिर मुझ में क्या कमी है ?”जो तुम मुझसे शादी नहीं करना चाहते। जब रोशनी ने अद्वैत से पूछा तो अद्वैत ने रोशनी से कहा “तुममे कोई कमी नहीं है तुम तो खूबसूरती का वह नगीना हो जिसे पाकर कोई भी शख्स अपने भाग्य की सराहना करेगा परंतु, मैं क्या करूं मैं अपने दिल के हाथों मजबूर हूं।

“मैं नहीं चाहता ,कि मैं किसी को धोखा देकर तुम्हारे साथ सात फेरे लेकर तुम्हारी जिंदगी बर्बाद कर दू ।”अद्वैत की बात सुनकर रोशनी के चेहरे पर पीड़ा के भाव उभर आए थे। उसने अद्वैत से पूछा ” किसके साथ धोखा”? अभी वह अपनी बात पूरी कर भी नहीं पाई थी कि उसे चक्कर सा आ गया था तभी अद्वैत ने उसे एक गिलास पानी दिया और फिर आराम करने को कहा परंतु, रोशनी ने आराम करने से साफ इनकार कर दिया।

जब से उसने यह सुना कि अद्वैत ने उससे शादी करने से इनकार कर दिया है उसका दिन का चैन और रातों की नींद हराम हो गई थी। वह अद्वैत से पूछ कर जानना चाहती थी आखिर उस में क्या कमी थी जो वह उससे शादी नहीं करना चाहता।

रोशनी के पापा उदित और अद्वैत के पापा रोहित दोनों बचपन के मित्र थे और दोनों ही एक दूसरे से बेहद प्रेम करते थे। जब उदित के यहां रोशनी और रोहित के यहां अद्वैत का जन्म हुआ तो दोनों ने अपनी दोस्ती को और भी मजबूत करने के लिए यह निर्णय ले लिया था जब इनके बच्चे बड़े होंगे तो वह दोनों का विवाह करके दोस्ती को रिश्तेदारी में बदल देंगे।

  जब दोनों विवाह योग्य हुए तो रोहित ने अद्वैत से पूछे बगैर ही अद्वैत का रिश्ता रोशनी के साथ तय कर दिया था। जिससे रोशनी मन ही मन अद्वैत को चाहने लगी थी और अद्वैत के संग विवाह के सपने देखने लगी थी परंतु, जब अद्वैत को अपने और रोशनी के रिश्ते की बात पता चली तो उसने अपने मां बाप से बता दिया कि वह किसी अन्य लड़की से प्यार करता है इसलिए वह रोशनी के साथ विवाह नहीं करेगा।

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      उसने बात ऐसी की मां बाप की आंखों से आंसू छलक आए  दुख के कारण  दोस्त को दिए निर्णय को पूरा करने की खातिर उन्होंने अद्वैत की बात मानने से इनकार कर दिया और उसे धमकी दी कि यदि वह उनकी मर्जी से विवाह नहीं करेगा तो वह उसे अपने घर से बेदखल कर देंगे।  अपने पापा मम्मी की धमकी से भी अद्वैत पर कोई असर नहीं पड़ा था।

    तब विवश होकर उसके पापा ने दुखी मन से उदित से कहा कि “तुम ही उसे समझाओ मेरी बात तो वह मानता ही नहीं है”। जब रोशनी को पता चला कि अद्वैत उससे विवाह नहीं करना चाहता तो उसे बेहद दुख हुआ । वह भी अद्वैत से मिलकर उससे विवाह ना करने का कारण जानना चाहती थी। इसलिए उसने अद्वैत को अपने घर बुलाने का निर्णय लिया।

     जब अद्वैत उनके घर आया तो रोशनी ने अद्वैत से पूछा “आखिर मुझमें क्या कमी है जो तुम मुझसे विवाह करने से इंकार कर रहे हो”? तब अद्वैत ने साफ साफ शब्दों में रोशनी से कहा “मैं रागिनी नाम की एक लड़की से प्यार करता हूं और उसी से शादी करना चाहता हूं।” मैं नहीं चाहता कि उसे धोखा देकर मैं तुमसे विवाह करूं। इसलिए मैंने इस विवाह से इनकार कर दिया।

अद्वैत की बात सुनकर रोशनी की आंखों के सामने अंधेरा सा छा गया था तब रोशनी के पापा ने उसे संभाला और अद्वैत से कहा “तुमने सच्चाई को स्वीकार करके बहुत अच्छा किया।” यदि तुम अपने पापा की बात मानकर यह विवाह कर लेते तो एक साथ तीन जिंदगी बर्बाद होती।

     मैं तुम्हारे साहस की प्रशंसा करता हूं जो तुमने सारी सच्चाई बयां कर दी। अगर हम जबरदस्ती तुम्हें इस रिश्ते में बांध भी देते तो ना तुम खुश होते और ना ही रोशनी खुश होती क्योंकि जब तुम रोशनी से प्यार ही नहीं करते तो यह रिश्ता कैसे निभता?

   फिर उन्होंने अद्वैत के पापा को समझाया की “बच्चों पर अपनी इच्छा जबरदस्ती थोपने से अच्छा है बच्चों की रजामंदी से फैसला लिया जाए बच्चों की खुशी के लिए कभी-कभी अपने अपने निर्णय को बदलना भी पड़ता है मैंने निर्णय ले लिया है अब मैं अद्वैत की शादी रोशनी के साथ नहीं करूंगा इसी में अद्वैत और रोशनी की भलाई है”।

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  अद्वैत के पापा ने सारा सच जानकर अद्वैत का विवाह उसी लड़की से कर दिया जिससे वह प्यार करता था और रोशनी का रिश्ता उन्होंने अपने छोटे बेटे वैभव और रोशनी की रजामंदी से वैभव के साथ पक्का कर दिया था और कुछ समय बाद धूमधाम से उन्होंने वैभव का रोशनी से विवाह कर दिया था ।

    वैभव और रोशनी दोनों अपनी शादी से बेहद खुश थे। रोशनी के मन में अद्वैत के लिए कोई शिकवा नहीं था क्योंकि उसने सच स्वीकार करके अपना और रोशनी का जीवन बर्बाद होने से बचा लिया था।

  दोस्तों यह एक सच्ची घटना है आज भी हमारे समाज में ऐसे बहुत से युवक हैं जो प्यार तो किसी और लड़की से करते है परंतु, माता-पिता के डर से विवाह किसी और लड़की से कर लेते हैं ऐसा करने से लड़का -लड़की दोनों का जीवन बर्बाद हो जाता है यदि लड़का शादी करने से पहले ही सारी सच्चाई बता दे तो दोनों का जीवन बर्बाद होने से बच सकता है इसलिए बच्चों पर अपना निर्णय थोपने से पहले एक बार उनकी राय जरूर लें कि वे किसी और से प्यार तो नहीं करते

#उसने बात ऐसी की मां बाप की आंखों से आंसू छलक आए

लेखिका : बीना शर्मा

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