नेकराम की नई गुल्लक – नेकराम Moral Stories in Hindi

मेरा मुरझाया हुआ चेहरा देखकर हमारी श्रीमती बोली तुम मुंह लटकाए क्यों बैठे हो
क्या हुआ,, छत से जरा से कपड़े लाने में थक गए हो क्या ,,
मैंने मोबाइल दिखाते हुए कहा,, मोबाइल पानी के टब में गिरकर गीला हो गया शाम को ड्यूटी भी जाना है मोबाइल की जरूरत पड़ती है
सातवीं कक्षा में पढ़ रही हमारी बिटिया रानी मेघा बोल पड़ी पापा पड़ोस में हमारे एक अंकल है वह पुराना मोबाइल बेंचते हैं आप कहो तो आपके लिए एक सस्ता सा मोबाइल ले आऊं
मैंने मेघा को समझाया इन पुराने मोबाइल के चक्कर में मत पड़ा करो शायद चोरी के भी हो सकते हैं कुछ दिनों के बाद सैलरी मिलेगी तब एक सस्ता सा नया मोबाइल खरीद लूंगा
शाम हो चुकी थी श्रीमती जी ने टिफिन तैयार कर दिया था रोज की तरह में अपनी ड्यूटी पर पहुंच गया
रात के 3:30 बज चुके थे
तभी सामने से एक 21,,, 22 ,,,साल का लड़का आता नजर आया उसने कंधे पर एक बैग टांग रखा था जिसमें कुछ किताबें भी दिखाई दे रही थी
कहने लगा नमस्ते गार्ड अंकल क्या आप बता सकते हैं यहां पुलिस चौकी कहां पर है मैं एक स्टूडेंट हूं लाइब्रेरी से पढ़ाई करके वापस अपने पी.जी जा रहा था कि अचानक कोई बाइक वाला मेरा मोबाइल छीन कर भाग गया ,,
कुछ दिन पहले किस्तों पर एक नया टच वाला फोन खरीदा था जिससे मेरी पढ़ाई ना रुके मेरी सारी पढ़ाई ऑनलाइन ही होती है मैं यहां मुखर्जी नगर में आईएएस की तैयारी करने के लिए आया हूं
पिताजी बहुत गरीब है मजदूरी करते हैं अगर मैं उन्हें कहूं कि मेरा मोबाइल चोरी हो गया है तो पिताजी मुझे वापस गांव बुला लेंगे और मेरी पढ़ाई रुक जाएगी
मेरा मोबाइल एकदम नया है उसमें मैंने सलेटी रंग का एक कवर भी चढ़ाया हुआ है उस कवर के अंदर मैंने एम पी लिखा हुआ है क्योंकि मैं मध्य प्रदेश से हूं
मैंने कहा यहां से 500 मीटर की दूरी पर पुलिस थाना है वहां जाकर आप मोबाइल की रिपोर्ट लिखवा दीजिए
1 घंटे बाद वह स्टूडेंट फिर वापस मुंह लटकाए हुए आया
गार्ड अंकल अगर मोबाइल नहीं मिला तो मेरी ऑनलाइन क्लास मिस हो जाएगी पढ़ाई के लिए जो मैंने फीस भरी थी सब मिट्टी में चली जाएगी आंखों में आंसू लिए वह सीधा अपने पी.जी का नाम बताकर वहा से चल गया,,
सुबह हो चुकी थी मैं झटपट घर पहुंचा श्रीमती जी गैस चूल्हे पर चाय बना रही थी
मैंने श्रीमती जी से कहा कल शाम को मेघा जिस अंकल की बात कर रही थी जो पुराने फोन बेचता है मुझे भी एक पुराना मोबाइल चाहिए टच वाला
श्रीमती जी बोली मेघा तो स्कूल चली गई तुम्हें पता नहीं आज सोमवार है मेघा जिस अंकल की बात कर रही थी उन्हें तो मैं भी जानती हूं
बहुत बड़ा घर है कुछ दिन पहले ही उन्होंने मोहल्ले में घर खरीदा था बहुत अमीर है ,, अपने घर से सातवां मकान उनका ही तो है
मैंने तुरंत अलमारी खोली वहां मेरी एक गुल्लक रखी थी हर महीने उसमें पांच सौ का एक नोट डाल देता था 6 महीने पहले ही वह गुल्लक ली थी अब तक तो उसमें 3 हजार रुपए जमा हो चुके होंगे यह सोचकर मैंने तुरंत गुल्लक फोड़ दी ,,
,मैंने श्रीमती जी से कहा ,,,चलो पुराना मोबाइल खरीदने के लिए
हमारी श्रीमती जी एक बड़े से मकान के पास मुझे ले गई वहां कुर्सी पर एक सज्जन बैठे थे हमने मोबाइल खरीदने का जिक्र किया तो वह सज्जन हमें कमरे के भीतर ले गया वहां दस ग्यारह मोबाइल दिखाते हुए बोला इसमें से जो आपको लेना है ले लो दो हजार रुपए का एक है
मैंने सज्जन की ओर देखते हुए कहा इसमें से तो कोई मुझे पसंद नहीं है कोई और मोबाइल दिखाइए,,,,
तब वह सज्जन बोला ठीक है अब जो मोबाइल दिखाऊंगा इसकी शुरुआत 3 हजार रुपए से है उसने कुछ और मोबाइल दिखाएं
उनमें ,,,एक मोबाइल था उसका कवर का रंग सलेटी रंग का था
मैंने तुरंत कवर को खोला तो उसके अंदर एमपी लिखा हुआ था
यह वही फोन था जो कल रात को उस स्टूडेंट के हाथों से किसी बाइक वाले ने छीना था मैंने मोबाइल वाले से कहा देखो मुझे यही वाला मोबाइल चाहिए ,,उसे 3 हजार रुपए देकर
मैंने मोबाइल को जेब में रख लिया और अपनी श्रीमती से कहा तुम घर चलो मैं अभी आता हूं मैं तुरंत लंबे-लंबे कदमों से ढाई किलोमीटर चलने के बाद मुखर्जी नगर पहुंचा
2 घंटे भटकने के बाद मुझे वह पी .जी मिल गया जिस पीजी का उसने जिक्र किया था बालकनी पर वह खड़ा मुझे देखकर हैरान रह गया और मैं खुशी से उसकी तरफ एक मोबाइल दिखाते हुए बोला नीचे आ जाओ बेटा
वह स्टूडेंट तुरंत नीचे आया बोला गार्ड अंकल आप यहां इस समय
मैंने वह मोबाइल दिखाते हुए कहा जरा इस मोबाइल को पहचानो
उसने मोबाइल देखते ही तुरंत पहचान लिया अंकल जी यह मोबाइल तो मेरा ही है आपके पास कैसे आया ।
देखो बेटा आपका मोबाइल मिल गया आप अपनी ऑनलाइन पढ़ाई कीजिए मैं चाहता हूं तुम पढ़ लिखकर देश के आईएएस ऑफिसर बनो
इतना कहकर मैं वहां से चल दिया,,,
आधे घंटे में,,, मैं घर पहुंच गया श्रीमती जी मेरा इंतजार कर रही थी मुझे देखते ही कहने लगी
लाओ फोन मैं भी तो देखूं,,,, मैंने कहा ठीक है पहले कमरे का दरवाजा बंद कर दो
मैंने अपनी श्रीमती जी को सब कुछ बता दिया
और यह भी बता दिया मैंने थाने में उस चोरी के फोन बेचने वाले की रिपोर्ट भी लिखवा दी है,,,
1 घंटे के भीतर ही पुलिस ने छापा मार कर सारे चोरी के मोबाइल अपने कब्जे में ले लिए और मोबाइल चोरों को
पुलिस ने कोर्ट में पेश किया
जज साहब ने,,, मोबाइल चोरों को बीच सड़क पर उनके हाथ काटने का आदेश दे दिया ताकि जेल से छूटने के बाद वह फिर कभी किसी का मोबाइल न छीन सके
नेकराम की तरफ देखते हुए जज साहब ने कहा,,
भले ही कलयुग आ गया हो लेकिन आज भी मानवता जिंदा है
और यह अदालत नेकराम को 3 हजार रुपए सम्मान के साथ वापस देती है और साथ में एक नई गुल्लक भी
जज साहब के इस फैसले पर,, वहां बैठे तमाम लोगों ने जोरदार तालियां बजाकर जज साहब का स्वागत किया ।
नेकराम सिक्योरिटी गार्ड मुखर्जी नगर दिल्ली से

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