Moral Stories in Hindi : बारात दरवाज़े पर पहुँच चुकी थी । सब वर पक्ष का स्वागत करने में लगे हुए थे । दूल्हे को स्टेज पर बैठाने के बाद दुल्हन की बहन और सखियाँ मैथिली को लेने के लिए कमरें में दाखिल होती है । लेकिन कमरें में मैथिली को ना पाकर एक दूसरे की आँखो में जवाब खोजने लग जाती है ।
लड़के वालों को इस बात की खबर ना हो इसलिए सब खामोशी से मैथिली को ढूँढने लग गए । थोड़ी देर में एक दस वर्षीय बच्चा वहाँ आता है ,और बताता है कि मैथिली दीदी ने स्टेशन के लिए कैब बुक करी थी । ये जान उसका भाई दो लड़कों के साथ स्टेशन के लिए रवाना हो जाता है ।
स्टेशन पहुँच वो मैथिली को ढूँढते है और उसे अपने सामने देख पकड़ के घर ले आते है । घर आकर भी मैथिली किसी की बात नहीं सुन रही थी । वो शादी ना करने की ज़िद पे अड़ गई । मैं इससे शादी नही करूँगी बोल ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लगी । उसका शोर सुन कानाफूसी शुरू हो गयी । थोड़ी ही देर में ये बात लड़के वालों तक पहुँची । तो रामा ग़ुस्से में अंदर गया और मैथिली के घरवालों से ऊँची आवाज़ में बात करने लगा । जब मैथिली को शादी नहीं करनी थी । तो हम सबका समय क्यों बर्बाद किया ।
मैथिली के दादा जो बहुत देर से सब सुन रहे थे ।चिल्लाते हुए बोले – सब चुप करो ! उन्होंने मैथिली से शादी ना करने की वजह जानने की कोशिश की । क्या बात है बेटा तुम्हें शादी क्यों नहीं करनी ??
मैंने आप सब से कितनी बार कहा था कि मुझे अपने ख़ानदान में शादी नहीं करनी ।
ये सुन रामा की माँ बोली – “ क्यों बेटा हमारे ख़ानदान में क्या बुराई है “?
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बात बुराई की नहीं है आंटी बात सही और ग़लत की है ।
अच्छा तो अब तुम बताओगी की सही ग़लत क्या है ।
उनकी बात को अनसुना कर वो दादा से पूछने लगी कि आख़िर हम ख़ानदान से बाहर शादी क्यों नहीं कर सकते ??
बेटा ! ख़ानदान से बाहर के लोग ना जाने कैसे निकले ? और सब से बड़ी बात हमारी संस्कृति और परंपराओं की है । हम सब एक दूसरे को जानते है इसलिए अपनाने में कोई दिक़्क़त नही होती ।
लेकिन ये सोच गलत है दादा जी !
तभी मैथिली की चाची बोली बाहर से यही सब सीख के आई हो ।
हाँ चाची ! मैंने सही और ग़लत में फर्क जाना है । और वहीं सब बताना चाहती हूँ ।
सारे ख़ानदान वाले मैथिली की इस हरकत पर ग़ुस्सा थे । लेकिन उसके दादा जी आज की पीढ़ी का भी नज़रिया जानना चाहते थे । इसलिए वो मैथिली की बात को समझना चाहतें थे ।
आप सब ने कभी सोचा कि हमारे ख़ानदान में कितने बच्चे पैदा होने से पहले ही मर जाते है । हमारे परिवार में स्वस्थ बच्चों का औसत कितना है ।
मैथिली ने जैसे कृष्णा ताई के मन की बात पढ़ ली हो और वो चिल्लाई बिलकुल सही कह रही हो बेटा !
हमारे ख़ानदान में अक्सर कज़िन शादी होती है । जिसका परिणाम आने वाली पीढ़ी को भुगतना पड़ रहा है ।
तो तुम कहना चाहती हो कि हमें अपने ख़ानदान की परम्परा को तोड़ देना चाहिए ।
जी बिलकुल , अगर आप नही तोड़ सकते कोई बात नहीं लेकिन मैं ये शादी नहीं करूँगी ।
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तभी मैथिली के अप्पा ने उसे चुप रहने को कहा । ठीक है अप्पा मैं चुप हो जाती हूँ ! पर हर बात का हल चुप्पी नही होता । अगर आप लोग चाहतें हो मैं रामा से शादी करूँ तो उसे अपने कुछ टेस्ट कराने होंगे ।
यें सुन रामा के माँ-बाप एक दूसरे का मुँह ताकने लगे । चाचा आपकी पोती क्या बोल रही है??
तभी रामा बोला मुझे टेस्ट कराने में कोई दिक़्क़त नही है । क्या तुम भी अपना टेस्ट कराओगी ??
ये सुन मैथिली मुस्कुराई और अपनी रिपोर्ट हाथ में लिए बोली मेरी रिपोर्ट ये रही आप देख सकते है ।अगर रामा की रिपोर्ट ठीक आती है तो मैं शादी करने के लिए तैयार हूँ ।
ये सुन सब ख़ानदान वाले बोले दादा जी इस लड़की ने हमारे ख़ानदान की सारी इज़्ज़त दांव पे लगा दी है । अब आप ही फ़ैसला करे । आज तक हमने अपने बड़ों की हर बात का मान रखा है । कभी उनकी सीख या बात पर प्र्श्न चिह्न नही लगाया ।
थोड़ी देर मौन रहने के बाद दादा ने सबको शांत रहने का कहा । जब लड़का लड़की को कोई परेशानी नहीं है । तो हम कौन होते है फ़ैसला करने वाले । ये सुन सब ख़ामोश हो गए और रामा की रिपोर्ट का इंतज़ार करने लगे ।
कुछ दिनो बाद रामा की रिपोर्ट आ गयी जो पूरी तरह ठीक थी । लेकिन डॉक्टर ने बताया कि अगर रामा और मैथिली की एक दूसरे से शादी होगी तो उनकी संतान स्वस्थ नहीं होगी । ये सब जान दादा ने दोनो से पूछा – तो उन्होंने एक दूसरे से शादी के लिए मना कर दिया ।
दादा ने कहा कि शादी हम ख़ानदान को बढ़ाने के लिए करते है । अगर ऐसी शादी से ख़ानदान की नसल पर ही सवाल उठे तो हमें इस परम्परा को यहीं रोक देना चाहिए । दादा परिवार के बड़े थे तो सबको उनकी बात माननी पड़ी ।
दादा ने भी नई सोच को सलाम किया और बरसों से चली आ रही ख़ानदान में शादी की प्रथा का अंत किया । ज़रूरी नही की बड़े हर बार सही फ़ैसला ले । कभी-कभी छोटे भी बड़ों को सोचने पर मजबूर कर जाते है ।
#ख़ानदान
स्नेह ज्योति
Hindu me apne khandan me shadi nahi hoti hai. Bakwas
Is liye hatao ise