नया सफर – अनुपमा

इरा काम से थोड़ा फ्री हुई तो ऑफिस डेस्कटॉप पर ही थोड़ी देर फेसबुक ओपन करके स्क्रॉल करने लगी , अपने पुराने स्कूल के फेसबुक ग्रुप मैं वो अक्सर लोगो को स्टॉक करती की शायद कोई पुराना स्कूल कॉलेज का साथी मिल जाए उसे , फेसबुक पर उसने अपनी आईडी बनाई ही इसलिए थी

की पुराने लोगो से जुड़ सके , एक दिन उसे अपनी सबसे अच्छी दोस्त की फोटो दिखाई दी जिसे किसी ने अपने प्रोफाइल मैं टैग किया हुआ था , फोटो देख कर वो बहुत खुश हो गई और झट से उसने फोटो पर क्लिक कर दिया , उसके अकाउंट मैं पहुंच कर उसने नोटिस किया की शायद अकाउंट बंद है क्योंकि पिछले पांच साल से उसपर कोई भी एक्टिविटी नही हुई थी , इरा रुआंसी हो गई पर फिर भी उसने फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दी और फिर अपने काम मैं लग गई । 

इरा एक मल्टीनेशनल कंपनी मैं अकाउंटेंट है , उसकी बेटी को उसने बोर्डिंग स्कूल मैं डाल रखा है क्योंकि अकेले घर और नौकरी करने के साथ बच्ची पर वो ध्यान नहीं दे पाती थी ,उसकी अच्छी शिक्षा के लिए उसने उसे बोर्डिंग स्कूल ही भेजना उचित लगा , इतने बड़े शहर मैं नितांत अकेली रहती है इरा न कोई बोलने वाला न कोई मिलने वाला , जब से उसके पति हर्ष की एक्सीडेंट मैं मृत्यु हुई , इरा इस नए शहर मैं आ कर बस गई पर अकेलापन और यादें दोनो ही उसका पीछा नहीं छोड़ती थी , 

घूमने का बहुत शौक था हर्ष को , बहुत जिंदादिल इंसान था बोलता था की बस हंसते गाते ही जीना चाहता हूं छोटी सी तो जिंदगी होती है , और सच मैं उसकी जिंदगी उसकी उम्मीदों से बहुत ही छोटी निकली , अकेले ही चला गया था वो केदारनाथ दर्शन के लिए और फिर वहां से आई तो बस उसकी खबर की भूकंप मैं कई लोग लापता हो गए है शीघ्र ही उसकी मृत्यु की भी पुष्टि कर दी गई थी ।

अगले दिन काम करते करते उसने फिर से अपना फेसबुक ओपन किया तो देखा की उसकी फ्रेंड रिक्वेस्ट अप्रूव हो गई थी और मैसेज भी आया हुआ था । इरा अपने बचपन की साथी अनुजा को दोबारा पाकर बहुत खुश हो गई और जल्द ही नंबरों का आदान प्रदान कर के व्हट्सएप्प पर चैटिंग का सिलसिला चालू हो गया ।

इरा और अनुजा बचपन से साथ थी दसवीं के बाद अनुजा को उसके मां पापा ने बाहर भेज दिया था पढ़ने को और इरा उसी स्कूल मैं रह गई थी ,अनुजा से फिर उसकी या किसी और की कभी मुलाकात ही नही हुई थी जाने कहां गुम सी हो गई थी अनुजा इतने साल तक , पर अब इरा और अनुजा की बातें खत्म ही नही होती थी बहुत पक्की सहेली थी वो , एक दूसरे के बिना न खाती थी न पढ़ती थी , सब उन्हे ट्विन सिस्टर ही बुलाते थे स्कूल मैं ।



इरा अनुजा को अपनी ओर बेटी के बारे मैं बता चुकी थी , पर इरा जब भी अनुजा से उसके बारे मैं पूछती तो अनुजा हमेशा टाल देती , हां अनुजा ने ये तो बताया की वो इंडिया मैं नही है और जब भी वो आयेगी अगर इरा चाहेगी तो जरूर मिलेगी उससे ।

वो दिन भी जल्द ही आ गया जब अनुजा ने उसे बताया की वो इंडिया आ रही है और अगर इरा फ्री हो तो मिलने का प्रोग्राम बनाते है । इरा सहर्ष अनुजा से मिलने को तैयार हो गई ।

निश्चित दिन और समय स्थान पर इरा पहुंच गई , बहुत देर तक इंतजार किया उसने पर अनुजा नही आई , उसने फोन भी करने का प्रयास किया पर अनरीचैबल का रहा था , काफी देर इंतजार करने के बाद इरा जैसे ही उठने को हुई ,सामने वाली टेबल से एक लड़का उसके पास आया

और उसे बैठने को बोला , इरा एकदम से किसी अजनबी को सामने पा कर घबरा सी गई पर जब उसने उसे उसके नाम से पुकारा तो तो उसे हैरानी हुई और वो जानने के लिए बैठ गई की वो उसे कैसे जानता है ,इरा उस लड़के को देखकर बहुत असमंजस मैं थी उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था

तभी उसने बोलना चालू किया इरा मैं तुम्हारी बचपन की दोस्त अनुजा हूं ,पर अब अनुज हूं, मैं जानती हु की तुम्हे विश्वास नही होगा पर मैं वही हूं , जब मुझे पता लगा की मैं आम लड़कियों जैसी नही हूं ,मुझे लड़कों की तरह रहना बोलना बाकी सब पसंद है तब पापा ने शर्मिंदगी से बचने के लिए मुझे कनाडा मामा जी के यहां भेज दिया ,

मामा जी ने और उनके परिवार मैं मेरे ऐसा होने से कोई परेशानी नहीं थी , वहां मैंने पढ़ाई की ओर पैसे कमा कर अपना ऑपरेशन करा लिया । सबकुछ अच्छा चल रहा था जब तक तुम नही मिली थी , तुमसे फिर से मिलते ही मुझे एहसास हुआ की मैं हमेशा से तुम्हे चाहता था ,

पर समझ नही पा रहा था की तुमसे इतना सबकुछ कैसे शेयर करू ,तुम मुझसे मेरे परिवार के बारे मैं पूछती थी , पिक्चर्स मांगती थी , बात करने को कहती थी पर मैं तुम्हे वो सब फोन पर नही बताना चाहता था , तुमसे मिलकर तुम्हे सच बताना था , तुम्हारे बारे मैं इतने दिनो मैं सबकुछ जान ही गया हूं ,मैं तो तुम्हे चाहता हूं अगर तुम भी हां कहो तो क्या हम इस दोस्ती को नए सफर पर ले जाने के बारे मैं सोच सकते है । 

इरा ये सब सुनकर पहले तो बहुत हैरान हुई की इतना समय हो गया था और उसे कुछ पता ही नही चला कभी , फिर वो मुस्कुराने लगी और बोली की मैं तो अनुजा को जानती थी अब पहले अनुज से दोस्ती करते है और फिर आगे का बाद मैं देखेंगे । ये सुनकर अनुज भी मुस्कराने लगा और दोनो वहां से उठ कर चल दिए अपनी नई दोस्ती निभाने ।

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