नसीहत – बीना शर्मा  : Moral stories in hindi

घर में  अपनी पत्नी अर्चना और बेटी पल्लवी को गले मिलते देखकर अविनाश ने सुकून की सांस ली थी पिछले काफी दिनों से उसकी बेटी पल्लवी की जिद की वजह से उसके घर का वातावरण बेहद दुखदाई हो गया था पल्लवी के कहते ही उसकी हर मांग पूरी करने वाली अर्चना ने जब एक दिन बाजार में शॉपिंग करते वक्त पल्लवी को उसकी कंपनी में काम करने वाले मोहित के साथ देखा तो वो बेहद परेशान गई थी उनकी परेशानी का कारण मोहित का चरित्रहीन होना था

अपने कई परिचित लोगों से उन्होंने मोहित के बारे में सुन रखा था कि उसने कई लड़कियों को प्यार के जाल में फंसा कर उन्हें न जाने कहां गायब कर दिया था जब उन्होंने पल्लवी को मोहित से दूर रहने को कहा तो पल्लवी गुस्सा हो कर बोली”मैं सब कुछ छोड़ सकती हूं लेकिन मोहित को नहीं छोड़ सकती मैं शादी भी उसी से करूंगी”बेटी की बात सुनकर अर्चना दुखी हो गई थी  उस वक्त उसके पापा अविनाश भी वहीं थे बेटी की जिद देखकर वह अर्चना को समझाते हुए बोले”प्यार अंधा होता है इसलिए कभी-कभी बड़ों की अच्छी बात भी बच्चों को बुरी लगती है तुम इसे इसके हाल पर छोड़ दो जब इसे ठोकर लगेगी तब  इसे खुद ही अकल आ जाएगी “पति की बात सुनकर अर्चना खामोश हो गई थी।

       अगले दिन जब वह सो कर उठी तो घर में पल्लवी को ना देख कर  वो बेहद दुखी हो गई थी जब अविनाश को इस बारे में पता लगा तो उन्होंने अपने स्तर पर जब पल्लवी की खोजबीन की तो उन्हें पता चला की पल्लवी उनके सोने के बाद घर से अपने कपड़े और गहने लेकर मोहित के साथ शादी करने के लिए घर से भाग गई थी।

          मोहित उससे शादी का झूठा वादा करके अपने घर ले जाने की बजाय अपने एक दोस्त के घर ले गया था जहां पर खाना खाने के बाद पल्लवी जब खाने के बर्तन रखने के लिए रसोई में गई तब दूसरे कमरे से आती आवाज सुनकर उसके होश उड़ गए थे उसने दीवार से कान लगाकर सुना तो उसे अपने कानों पर विश्वास ना हुआ था मोहित अपने दोस्त से उसे किसी कोठेवाली को मोटी रकम लेकर कोठे पर बेचने की बात कर रहा था मोहित की बात सुनकर वह थर थर कांपने लगी थी

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उसे अपने मम्मी  पापा के द्वारा दिया हुआ प्यार और नसीहत याद आने लगी थी उसने धैर्य से काम लेते हुए तुरंत कमरे का मुआयना किया तो उसे कमरे में एक ऐसा दरवाजा दिखाई दिया जो सड़क की तरफ खुलता था उसने चुपचाप कमरे का दरवाजा खोला और इससे पहले की मोहित को पता चल जाए कि उसके बारे में सब पता चल गया है उसने तुरंत सड़क पर चलते हुए एक गाड़ी को रोका और ड्राइवर को अपने घर का पता बता कर तुरंत अपने घर पहुंचाने को कहा उसकी किस्मत अच्छी थी कि ड्राइवर शरीफ था जिसने कुछ देर बाद ही पल्लवी को उसके घर छोड़ दिया था।

       घर पहुंचने के बाद पल्लवी हाथ जोड़कर अपनी मम्मी से माफी मांगते हुए बोली”मम्मी मुझे माफ कर दो मुझसे गलती हो गई आज के बाद में मोहित से कभी नहीं मिलूंगी आप सच कह रही थी मोहित बेहद ही घटिया इंसान है जो अपने प्यार के जाल में फंसा कर मुझे बेचना चाहता था परंतु, भगवान का शुक्र है कि मैंने उसकी बात सुन ली और मैं बर्बाद होने से बच गई “पल्लवी की बात सुनकर अर्चना ने अपने पति की ठोकर लगने वाली बात को याद करके उसे माफ करके  गले से लगा लिया  था

अपनी बेटी को सुरक्षित पाकर अर्चना  राहत की सांस लेते हुए बोली “अपने प्यार में फंसा कर लड़कियों को बेचना बहुत बड़ा जुर्म है मेरे साथ थाने चलकर मोहित के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाओ ऐसा करने से उन लड़कियों का भी पता चल जाएगा जिन्हें मोहित ने अपने प्यार के जाल में फंसा कर गायब कर दिया था।”

  ,मम्मी जी आप बिल्कुल ठीक कर रही हो” पल्लवी ने मम्मी से कहा तो उसके पापा मुस्कुराते हुए बोले” पहले खाना तो खा ले बेटी के घर से चले जाने से मेरी तो भूख ही उड गई थी आज कई दिनों बाद पेट भर के खाना खाऊंगा फिर मैं भी तुम्हारे साथ चलूंगा इस नेक काम में मैं भी तुम्हारी मदद करूंगा।”पति की बात सुनकर अर्चना मुस्कुराते हुए रसोई में खाना तैयार करने लगी थी।

एक सत्य घटना पर आधारित रचना है जिसके माध्यम से यहीं कहना चाहती हूं कि बच्चों को अपने माता-पिता की बात का सम्मान करना चाहिए क्योंकि हर लड़की का भाग्य पल्लवी के जैसा नहीं होता जो ठोकर लगने पर सुधर जाए कभी-कभी जीवन में माता-पिता की बात   ना मानने पर ऐसी ठोकर लगती है कि पूरा जीवन ही अंधकारमय हो जाता है।

बीना शर्मा

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