हेलो नीरूजी,मैं रोहित की मम्मी सुमन बोल रही हूं ।मैं एक दम घबराई..कैसे है आप? हम ठीक है दो दिन बाद रोहित के छुट्टी पङ रही है
आप कहे तो रोहित और आपकी अनुजा को मिलवा देते है हेलो… नीरूजी क्या ठीक रहेगा..
मैंने कहा हाँ-हाँ ठीक रहेगा।उधर से सुमनजी की आवाज आई ठीक है नीरूजी फिर कल आप से मुलाकात होगी ठीक है।
मैंने अपना मोबाईल रखा और सोचने लगी
आनन्द, अभिनव के जन्म के बाद मैंने व अशोक ने सोच लिया कि बेटे हो या बेटी दो ही अच्छे ,लेकिन अभिनव के लगभग नौ साल बाद मैं प्रेग्नेंट हो गई हम दोनों अब बच्चा नहीं चाहते लेकिन सास के आगे एक न चली और हमारे आंगन में एक नन्ही परी के रूप में अनुजा का आगमन हुआ। अनुजा का हाल ही में MBBS पूरा हुआ और वह अब PG की
तैयारी कर रही है।
अभिनव और आनन्द की शादी हो गई, वे दोनों बाहर सेटल हो गए। उनकी शादी के समय अशोक थे ।
दो साल पहले अचानक हार्ट अटेक आने से अशोक की मृत्यु हो गई ।
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अशोक के जाने के बाद मैं टूट-सी गई ,उस विकट परिस्थितियों से बच्चों ने उबारा ।
आज सुमन जी के फोन आने से अन्दर हल-चल हो गई…सारा अरेंजमेंट कैसे होगा….
मैंने आनन्द और अभिनव को काॅल किया ..अभिनव ने कहा भैया तो USA से आ नही सकते, मैं कल आ जाउंगा आप चिंता न करें ।
मैंने अभिनव को मना कर दिया मैं मैनेज कर लूंगी । इतने में अनुजा कोचिंग से आ गई मैने अनुजा को सारी बात बताई साथ ही
घर की काम सहायिका को घर की साफ- सफाई व व्यवस्था की जिम्मेदारी देकर मैं व अनुजा बाजार चले गए सामान की खरीदारी के बाद माॅल गए वहाँ से अनुजा के लिए सुन्दर-सा बेबी पिंक सलवार कमीज खरीदा।
दूसरे दिन
कल कैसे होगा? इसी उहापोह में नीरूजी को ढंग से नींद भी नही आई ,नीरूजी चार बजे
ही उठ गई नहा धोकर, पूजा-पाठ करके किचन के कामो में लग गई। अचानक घङी पर ध्यान गया साढे छ: बज गए ।अनुजा को आवाज लगाई बेटा उठो वे लोग दस ,साढे दस तक आ जायेंगे।
अनुजा ने देखा मम्मी ने लगभग सारा काम कर लिया वो बोली – मम्मा आप भी….।
अनुजा ने जल्दी से चाय ब्रेकफास्ट करके तैयार होने चली गई। जब तैयार होकर आई नीरूजी अपलक उसे देखतेही रह गए।
वैसे तो अनुजा को सुन्दरता ऊपर वाले की देन थी गोरा रंग, लम्बी,दुबली-पतली,बङी-बङी कजरारी आँखे लम्बे घने बाल ऊपर से आज हल्का मेकअप करके बेबी पिंक सलवार कमीज पहना बहुत
सुन्दर लग रही थी।
रोहित के परिवार का परिचय-
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रोहित का परिवार बैंगलोर में रहता है।रोहित MBBS के बाद PG कर रहा था ,पिता हेमन्त जी के बहुत बडा बिज़नेस है, बङा भाई MBA करने के बाद पिता के बिजनेस मे लग गया और एक छोटी बहिन अनन्या BA Third year में है ,उसकी पढाई में उसकी ज्यादा रूची नहीं है।
दोनो परिवारों का मिलन-
करीब 11 am रोहित का परिवार नीरूजी के वहाँ पहूँच गया,अनुजा के चाचा, चाची व नीरूजी ने उनका स्वागत किया ।जल-पान के साथ दोनो परिवारों में बात-चीत चलती रही।
अनुजा व रोहित की सहमति के दोनों परिवारो ने आपस में एक दूसरे का मुँह मीठा किया और बधाईयां दी।
अनन्या चहक उठी ,उठकर सीधी अनुजा के गले मिली और बोला मुझे तो भाई, भाभी के साथ-साथ एक बडी बहन मिल गई। अनुजा भी बहुत थी ।
रोहित-अनुजा की शादी-
रोहित और अनुजा की शादी बडी धूमधाम से हुई। अनुजा के दोनों भाई और भाभियों ने शादी में कोई कसर नहीं छोङी बहुत भव्य शादी की।सभी ने भरे गले से विदा किया।
इधर ससुराल में भी अनुजा का स्वागत शानो-शौकत से हुआ।
समय बितता गया और दोनो ननद -भाभी का प्यार बढता गया। कभी अनन्या अनुजा के साथ पिक्चर देखने,कभी शॉपिंग करने माॅल तो कभी घन्टों बैठकर हॅसी- मजाक चलता रहता।
जब कभी रोहित की नाईट ड्यूटी होती तो रात को दोनो ननद – भाभी साथ ही सोते वे ननद भाभी ही नहीं अच्छी सहेलियाँ बन गई थी।
अनन्या का BA कंपलीट हो गया,दिखने में ठीक-ठाक थी छोटा कद ,रंग पक्का,शादी के लिए रश्ते चलने लगे,लङके वाले देखने आने लगे हर बार अनुजा उसे तैयार करती,अनन्या भाभी का हाथ पकङ कर कहती भाभी आप साथ चलो अकेले में घबराहट होती है अनुजा हर बार साथ जाती। हर बार रिश्ता रिजेक्ट हो जाता।
एक बार जब लङके वाले अनन्या को देखने आए बातों ही बातों में अनुजा को बोल दिया बेटा ईश्वर ने आपको फुर्सत में बनाया आप बहुत खूबसूरत हो। उन लङके वालो ने भी बहाना बनाकर मना कर दिया।
धीरे-धीरे अनन्या को अनुजा की खूबसूरती से ईर्ष्या होने लग गई, वो बात बात पर भाभी से चिढकर बात करने लगी,ज्यादातर अपने फोन पर व्यस्त रहती ,अनुजा उसे छोटा समझ कर नजर अंदाज करती।समय बीतता गया अनन्या की शादी की उम्र भी बीत रही थी।
आज अनन्या को लङके वाले देखने आने वाले थे।अनुजा ज्योही उसके पास गई पास आता देख अनन्या का गुस्सा फूट पड़ा वो शेरनी की तरह दहाङ कर बोली आपकी वजह से मेरा रिश्ता नही बन रहा,आज आप कान खोलकर सुन लेनाजब तक वे लोग यहाँ रहेंगे तुम कमरे से बाहर मत निकलना नही मुझे अपनी सूरत दिखाना ।अनन्या का ऐसा रौद्र रुप देखकर अनुजा ङर गई। वह अपने कमरे में जाकर फूट-फूटकर रोने लगी जिसको मैंने आननद न समझकर छोटी बहिन जैसा प्यार दिया उसके मन में मेरे प्रति इतना जहर मैं तो कल्पना भी नहीं कर सकती।
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वही हुआ …वहाॅ भी रिश्ता जमा नही।अनन्या खूब रोयी माता पिता ,भाई सभी ने समझाया ।वो रोती जा रही थी, बीच बीच में अनुजा को कोसती जा रही थी ।आज माँ भी बेटी का पक्ष ले रही थी ,रोहित भी हैरान था,पर चुप था।
आज अनुजा का छोटा चचेराभाई सुधीर जो इसी शहर में M.Tech की पढाई कर रहा था।
आज उसके M.Tech का आखिरी पेपर था।वह आज दिल्ली जा रहा है अनुजा को भी साथ ले जा रहा है।जब वह आया तब अनुजा बाथरूम में नहा रही थी ,सास-ससुर घर पर नहीं थे।अनन्या मजबूरी में सुधीर के पास बैठी इधर-उधर की बात करते हुए धीरे से झिझकते हुए अपने मन की बात कही..क्या अनन्या जी क्या आप मुझे अपना जीवन साथी के रूप में स्वीकार करना चाहोगी?
यह बात सुनते ही अनन्या की ऑखें भर आई।उसने अपनी मौन स्वीकृति दे दी।
संतोष शर्मा