नाजायज रिश्ता (भाग -9)- मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

जैसा कि आपने कहानी “नाजायज रिश्ता ” में अभी तक पढ़ा कि रिया गर्भवती है….वह अपने आने वाले बच्चे  को दुनिया में नहीं लाना चाहती है….लेकिन अपनी मां और अम्मा के समझाने पर वह अपना निर्णय बदल देती है….वह खुश है….और विभू की ख़ुशी का तो ठिकाना ही नहीं हैं….उसकी सास  बोलती  हैं ….बहू….मैं आ रही हूं शाम की बस से …..विभू  से बोल देना…..यह सुन रिया उदास हो जाती है…..अगले ही पल वह अंकित को फोन लगाती है …..

आप आगे…..

हेलो….

भाभी जी…..

आप कैसी हैं ??

जी बढ़िया हूं….

आप बताइए ??

जी बस अब सांस में सांस आयी हैं…..

आपके ही फ़ोन इंतजार कर रहे थे इतनी देर से…..

इतनी देर से क्यूँ किया आपने फ़ोन….??

जी….

बस यूं ही….

आपसे एक रिक्वेस्ट है ….

क्या आप मानेंगे ??

हां जी भाभी जी….

कहिए ….

आपकी तो हर बात मानने को हम तैयार हैं….

जी आज शाम को मेरी सास  आ रही है….

अब वो   कुछ टाइम यहीं पर रहेंगी….

तो आपसे हाथ जोड़कर विनती है….

कि प्लीज मेरे घर ना आइयेगा….

और ना ही फोन कीजिएगा….

मुझे जब भी समय मिलेगा….

मैं आपको फोन कर लिया करूंगी ….

मैं शादीशुदा हूं अंकित जी….

मेरी अपनी घर गृहस्थी  है ….

तो प्लीज आप इस बात को समझ सकते होंगे ….

हां जी….

भाभी जी….

बिल्कुल……

क्यों नहीं….

हम पूरी तरह से समझते हैं आपकी बात को…..

लेकिन ये क्या भाभी जी आप एक बुड्ढे के साथ रह रही हैं….

आपके घर वालों ने भी क्या देख करके उनसे आपको ब्याह दिया……

आपके लिए तो कोई मुझ जैसा कोई  हैंडसम जवान लड़का होना चाहिए…..

जिसके साथ चलने में आपको भी अच्छा लगे ……

यह सुन रिया दुखी हुई…..

क्या हुआ भाभी जी ??

आप कुछ बोल नहीं रही….

अरे सॉरी सॉरी…..

अगर आपको बुरा लगा हो तो ….

मैं तो सच बोलता हूं….जो मेरे मन में आता है ….

ठीक है भाभी जी …..

आप बेफिक्र रहिये….

मैं आपको फोन नहीं करूंगा…..

बस जब भी मुझे पैसों की जरूरत हो तो भेज दिया कीजिएगा…..

बाकी आपके बिना मन तो लगाना ही पड़ेगा …..

ठीक है जी …..

लेकिन प्लीज पैसे के लिए भी मैसेज कीजिएगा…..

फोन न करिएगा…..

ठीक है भाभी जी…..

अच्छा अंकित जी….

मैं फोन रखूँ ??

भाभी  जी ….

फिर वही अंकित जी….

मैंने कितनी बार आपसे कहा है कि आप अंकित बोला करिए ….

यही अच्छा लगता है …..

ठीक है अंकित …

यह बोल  हंसकर रिया फोन रख देती है …..

विभू  आज जल्दी ही घर आ गया है…..

आते ही बोला….

रिया….

मैं सारा जरूरी सामान ले आया हूं….

जो भी खत्म हो गया था…..

तुम सारा घर ठीक कर लो…..

थोड़ी देर में मां आने वाली है …..

और उनके लिए भी एक अलग बिस्तर लगा दो…..

मां को घुटने में दिक्कत रहती है …..

वह लंबा सफर नहीं कर पाती हैं….

तो आते ही आराम करेंगी….

ठीक है जी…..

आप आज जल्दी आ गए  ??

हां बस इसीलिए जल्दी आ गया ….कि मां के आने से पहले सभी व्यवस्था ठीक हो जाए…..

चलो रिया….

कुछ और सामान रह गया हो तो बाजार से ले आते हैं ….

जो भी सब्जी और बाकी सामान तुम्हें चाहिए हो …..

ले लेना….

ठीक है ….

बस 2 मिनट में आई तैयार होकर….

रिया और विभू बाइक से सब्जी मंडी आए हुए हैं….

वहां भीड़ होने की वजह से बाइक को पार्किंग में ही लगाना पड़ता है…..

विभू  आगे आगे चल रहा है ….

रिया आओ ना जल्दी….

रिया जानबूझकर विभु के साथ नहीं चल रही है….

उसे विभू के साथ  चलने में शर्म आ रही है …..कि कोई उनकी जोड़ी को देखकर क्या सोचे….

क्या ….

अरे रिया….

तुम फिर पीछे रह गई…..

रुको मैं ही धीरे चलता हूं ….

विभू ने रिया  का हाथ पकड़ लिया…..

और रिया के साथ चलने लगा….

आसपास मौजूद सभी लोग रिया और विभू  को देख रहे थे…..

रिया को लगा कि शायद वह इसीलिए देख रहे हैं कि इसका पति कितना बुड्ढा है…..

और यह लड़की कितनी खूबसूरत,,पतली दुबली है…..

रिया को सकुचाहट  हो रही है…..

रिया गोभी खरीदने का बहाना कर विभू  से हाथ छुड़ा लेती है…..

और वो गोभी खरीदने लगती है …..

जी आप गोभी लीजिए…..

मैं आगे आलू देखती हूं …..

यह बोल रिया आगे बढ़ जाती है…..

जब कुछ समय तक ये सिलसिला चलता है….

तो विभू  को भी महसूस होता है कि रिया उसके साथ चलने में शर्म महसूस कर रही है …..

लेकिन वह कुछ कहता नहीं ….

वो सारी सब्जियां ले लेते हैं….

रिया तुम अनार का जूस पी लो ….

अब हर दिन तुम्हारे लिए अनार का जूस ले आया करूंगा…..

जी ….

मुझे नहीं अच्छा लगता….

हमारे होने वाले बच्चे  के लिए बहुत जरूरी है….

मां बता रही थी कि इससे खून बढ़ता है …..

विभू  ने दो गिलास अनार का  जूस बनवाया…..

रिया ने नाक बंद कर मुंह बनाते हुए जूस पिया….

जिसे देख विभू मुस्कुरा दिया…..

रिया  तुम सच में बिल्कुल बच्ची हो….

मुझे तो डर था कि अगर तुम्हारी शादी मुझसे ना होकर किसी और से होती तो वह तुम्हारी नासमझी को समझ ही नहीं पाता….

बहुत प्यारी हो तुम…….

यह बोल विभू फिर मुस्कुरा  दिया…..

रिया भी विभू को देख शर्मा गई …..

दोनों लोग वापस घर आ गए …..

शाम हो चली थी ….

अच्छा रिया तुम साड़ी पहन लो ….

माँ  आने वाली होगी …..

मैं उन्हें ले आता हूं…..

साड़ी क्यों….??

मुझे साड़ी में उलझन होती है…..

आज पहन लो रिया….

बाकी दिन मत पहनना…..

मां आएंगी  तो उन्हें भी अच्छा लगेगा ….

ठीक है आप कहते हैं तो पहन लेती हूं…..

लेकिन मैं हर दिन नहीं पहनूंगी….

पता नहीं माँ जी  कब तक रहे…..

ठीक है …

ठीक है रिया….

यह बोल विभू चला जाता है …..

थोड़ी ही देर में मां को लेकर के विभू आता है…..

रिया दरवाजा खोलती है….

अपने सर पर पल्लू रखती है …..

और अपनी सास के पैर छूती है……

सास के  पैरों पर जाने से पहले ही रिया को सासू माँ अपने गले से लगा लेती है ….

अरे मेरी लाडो….

तूने तो मुझे इतनी खुशी दी है कि मैं बता ना सकूँ….

पता है री तेरे  बाऊजी भी इतने खुश हैं…..

वो तो ख़ुशी से फूले नहीं समा रहे हैं ….

बांवरे है गये है …..

सास की आंखों में नमी है…..

आईये ना …मम्मी जी ….

बैठिये….

उन्हें सोफे पर बैठाती  है रिया….

और पानी लाती है …..

अब से तू कुछ नहीं करेगी…..

तेरी  सास  आ गई है ना…..

बस तेरी खातिर के लिए ही आई हूं ….

और देख कितना सारा सामान तेरे बाऊजी ने बान्ध के भेजो है …..

कह रहे कि सारा का सारा बहू को खिलाना है …..

लला तो वैसे ही तंदुरुस्त है…..

यह बोल सासू मां हंस पड़ती हैं …..

नहीं नहीं….

तू भी ले लेना…..

मैं तो हंसी ठिठोली कर रही…..

अच्छा…..

मांजी …..

खाना बन गया है…..

लगा दूं ??

अब तू नहीं ….

मैं लगाती हूं….

खाने में का बनायो बहू….??

माँ जी….

करेला….दाल,,,चावल और चपाती…..

वाह…..

मेरी बहू  तो बड़ी होशियार है  गई है ….

करेला भी बनाये लेती है ….

हां माँजी…..

फोन से देख कर सीखे …..

आपको पसंद है ना….

इसलिए ….

अभी आए तुझे 6 महीना भी ना  हुए घर में…..

सभी की पसंद का कितना ख्याल रखती है…..

तेरी जैसी बहू भगवान सभी  को दे …..

रात हो चली है….

सभी लोग सो गए हैं ….

पर रिया का मन बेचैन है…..

वह बार-बार विभू  को देखती  है …..

अपनी सास को देखती है ….

और मन में कई तरह के विचार  आते हैं….

कि  क्या सच में विभूजी और मेरा जोड़ा अच्छा नहीं लगता …..

वह अपनी पुरानी शादी की फोटोस देखती  है…..

उसे विभू  में बहुत कमियां नजर आने लगती  हैं…..

पूरी रात आज रिया को नींद नहीं आती …..

अब तो हमारा रिश्ता और पक्का होने जा रहा है बच्चा होने के बाद …..

लेकिन मेरे मन में अभी तक विभू जी के लिए वह प्यार नहीं जगा है…..जो एक पति के लिए होना चाहिए …..

हे भगवान…..

तू मेरे साथ क्या कर रहा है ??

यह बोल भगवान का नाम ले रिया  सो जाती है …..

अगले दिन सुबह फिर डोर बेल बजती है …..

एक आदमी चिल्लाता हुआ कहता है…..

पास वाली दुकान के लड़के अंकित को पुलिस गिरफ्तार करके ले जा रही है…..

पुलिस ने सभी को बुलाया है …..

वह जिस जिसके घर पर सामान देने जाया करता था …..

उसकी मां ने आपका भी नाम लिया है …..

चलिए जल्दी….

विभू  घबराता हुआ दुकान पर आता है…..

अगला भाग

नाजायज रिश्ता (भाग -10)- मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

तब तक के लिए जय श्री श्याम…..

प्रतिक्रिया अवश्य दें ….

आपकी लेखिका …..

मीनाक्षी सिंह…..

आगरा

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