नाजायज रिश्ता (भाग -7)- मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

अभी तक आपने कहानी “नाजायज रिश्ता “में पढ़ा कि विभू और

रिया का रिश्ता अच्छा चल रहा है …..

कि तभी  अचानक से पास वाली दुकान के लड़के की बात  का रिया पर बहुत ही असर होता है…..

वह घर आकर उदास हो जाती है…..

विभू  शाम को थका हारा घर आता है …..

रिया  आज ना तो विभू को पानी देती है …..

ना ही ठीक से बात करती है ….

अपने कमरे में ही बैठी रहती है ……

रात के समय विभू और रिया बिस्तर पर लेटे हुए हैं …..

कि तभी विभू रिया के चेहरे पर हाथ फिराता है …..

रिया उसका हाथ दूसरी ओर  झटक देती है ……

विभू  गुस्से में उठता है और रिया से बोलता है ……

अब आगे…..

क्या बात है रिया???

शाम  से ही देख रहा हूं कि तुम्हारा मूड कुछ  ठीक नहीं है…..

ना तो ठीक से बात कर रही हो …..

और अब यह क्या तरीका है …..

कुछ परेशानी हो तो बताओ मुझे …..

विभू  बोला…..

जी…..कोई परेशानी नहीं है …..

मेरी तबीयत ठीक नहीं है…..

इसलिए प्लीज मुझे परेशान ना करें ……

सो जाइए ना …..

ठीक है रिया…..

जैसा तुम चाहो …..

तुम आराम करो…..

मैं तुम्हें परेशान नहीं करूंगा …..

यह बोल विभू सो जाता है……

रिया  को पूरी रात नींद नहीं आती…..

अगले दिन सुबह उठ विभू  ऑफिस के लिए निकल जाता है ……

रिया विभू  के निकलते ही तैयार होकर जींस , गुलाबी रंग की टी- शर्ट पहन पास वाली दुकान पर आती है…..

उसने आंखों में चश्मा लगा रखा है ….

बेहद ही खूबसूरत लग रही है रिया….

दुकान पर  आते ही मुस्कुरा कर उस लड़के से कहती है ….

ओह  हेलो …..

चाय की पत्ती होगी क्या ??

भाभी जी….कल ही तो आप चाय की पत्ती  लेकर के गई थी …..

जी….जी….वो  खत्म हो गई है…..

थोड़े मेहमान आ गए थे ……

कोल्ड ड्रिंक हो तो वह भी दे दीजिए…..

ठीक है भाभी जी……

वह लड़का कोल्ड ड्रिंक  निकालकर रिया को देता है……

रिया  वहीं खड़ी होकर कोल्ड ड्रिंक पीने लगती हैं……

कोल्ड ड्रिंक उसके होठों से होती हुई उसके कपड़ों पर गिर जाती है……

वह लड़का बस रिया को मुंह फाड़ कर देखता ही रहता है…..

ऐसे क्यों घूर कर देख रहे हैं आप???

शर्म नहीं आती आपको……

पता है ना मैं शादीशुदा हूं…..

रिया एक शरारत भरे लहजे में कहती  है …..

हा हा…..भाभी जी ….

वो  तो जानते हैं….

लेकिन भाभी से मजाक करने का,,उन्हें देखने का हक तो बनता है ना…..

बात को पलटना तो कोई आपसे सीखें  …..

और बताइए भाभी जी ……

कभी-कभी आ जाया करिए इधर भी ……

मन ना लगा कर तो…..

मेरे घर में मेरी मां है,,मेरी बहन है, मेरे पापा हैं ,,,….

सभी बहुत ही अच्छे है ……

जी शुक्रिया …..

आपने पूछा ….अच्छा लगा….

मैं आज आया करूंगी …..

और आपकी पत्नी ,,बच्चे ,,,वो भी तो होंगे??

क्या  मजाक करती है भाभी जी…..

मुझे देखकर की आपको लगता है कि मैं शादीशुदा होऊंगा???

अभी तो मैं बच्चा हूं …..

यह बोल वह लड़का हंस  देता है ……

जी आपने अपना नाम नहीं बताया भाभी जी……

जी मेरा नाम रिया  है…

जी आपका नाम ??

मेरा नाम अंकित  है …..

बहुत ही प्यारा नाम है ….

ठीक है ….

मैं चलती हूं….

भाभी जी अब कब आएंगी ??

जी जब सामान खत्म होगा तब ……

ठीक है भाभी जी…..

रिया उसे बाय बोलती  है…..

वह लड़का भी बाय में हाथ हिलाता है….

तभी वह लड़का फिर से रिया को आवाज लगाता है …..

भाभी जी जरा सुनिए तो सही…..

जी कहिये …..

जी अपना फ़ोन नंबर दे देती तो आप ??

जी….वो क्यूँ ??

सामान खत्म होगा तो भिजवा दिया करूँगा…

खुद ही दे जाया करूँगा….

आपको ऐसी गर्मी में आना नहीं पड़ेगा…

इतनी गोरी  है आप ….काली ना हो जायें….

ओह…इतनी फिक्र मेरी….

रिया अपना नंबर दे देती है….

दोनों ही ठहाके  मार कर हंसते है…..

रिया घर आ जाती है ….

आज रिया के चेहरे पर अलग ही तरह की खुशी है….

वह झट से टीवी ऑन करती है …..

और खुशी-खुशी टीवी देखने लगती है……

शाम को विभू  आता है …..

वह रिया के चेहरे की खुशी देखकर के संतुष्ट होता है……

चलो आज रिया का मूड ठीक है…..

और बताओ रिया आज  क्या किया पूरे दिन???

कुछ नहीं जी….

बस मम्मी से बात की ….

और आपका इंतजार …..

आज तो तुम्हारा  मूड  अच्छा  लग रहा है…..

हां जी….

सॉरी कल के बिहेवियर के लिए….

कोई बात नहीं रिया….

कोई जरूरी नहीं की हर दिन सभी का मूड  ठीक हो ……

रात हो चली है…..

विभू  आज फिर रिया से प्यार जताना चाह रहा है …..

और रिया के सर पर हाथ फेरता है …..

उसे अपने आलिंगन में भरना चाहता है …..

रिया फिर उससे दूर हो रही है….

यह क्या बात है रिया ….

तुम दो दिन से मेरे पास क्यों नहीं आ रही हो …..

पति हूँ तुम्हारा……

कोई बात है क्या ??

जी वो डॉक्टर ने  मना किया है कि इस टाइम आप पति-पत्नी थोड़ा दूरी बनाकर ही रखें…..

तो ज्यादा अच्छा है…..

तुम डॉक्टर के पास कब गई ???

जी …वो  मैंने फोन पर बात की थी …..

ऐसा क्यों बोला डॉक्टर ने ??

जरा  मेरी भी बात करवाना….

क्यों आपको मुझ पर विश्वास नहीं है ??

नहीं नहीं ऐसी बात नहीं है रिया …..

तुमने पूछा होगा तभी तुम कह रही हो ….

दोनों लोग सो गये…..

रात के समय रिया के फोन पर उसी  लड़के का फोन आता है….

रिया बार-बार फोन कट करती है …..

और अपने फोन को साइलेंट मोड पर लगा लेती है……

किसका फोन है रिया???

विभू  पूछता है …..

जी किसी का नहीं ….

पता नहीं क्यों….रात में भी कंपनी वाले फोन करते ही रहते हैं……

रिया गुस्से में टॉयलेट के बहाने बाहर आ  फोन लगाती है ….

अंकित  जी आपको समझ नहीं आता मैं शादीशुदा हूं…..

आप रात को कॉल कर रहे हैं …..

क्या बात है ??

कहिए…..

रिया  उसे लड़के से कहती है ……

भाभी जी अंकित ही कहिये ना ….

जी क्यूँ लगा रही है …..

जब से आपको देखा है….

तब से नींद ही नहीं आ रही है …..

10:00 बजे से लेटा हुआ हूं …..

आंखों में नींद ही नहीं है …..

सोचा आपसे ही बात कर लूं…..

रिया एक पल को तो शर्मा जाती है …..

और अगले ही पल कहती है …..

जी….

अभी सोने दीजिए …..

क्यों मेरा रिश्ता खराब कर रहे हैं …..

कल उनके जाने के बाद मैं आपको फोन करूंगी …..

पक्का ना भाभी जी???

हां हां जरूर…..

लेकिन अब  आप रात में कभी भी फोन नहीं करेंगे…..

समझे…..

ठीक है भाभी जी…..

भाभी जी अपना ख्याल रखिएगा …..

यह बोल अंकित  फोन रख देता है…..

रिया के   चेहरे पर लाली छा जाती है …..

अगले दिन सुबह ही रिया को उल्टियां होने लगती  है…..

चक्कर आने लगते हैं …..

रिया  तुम्हें क्या हुआ ???

विभू पूछता है …..

पता नहीं क्यों आज शरीर ठीक नहीं लग रहा है…..

कुछ भी खाने का मन नहीं हो रहा है …..

चलो रिया तुम्हें डॉक्टर को दिख लाता हूं …..

ऑफिस में कह  देता हूं कि आज मैं थोड़ा लेट आऊंगा…..

वह तुरंत रिया को लेकर के हॉस्पिटल आया है …..

डॉक्टरनी  रिया को देखती  हैं …..

और मुस्कुरा कर कहती है एक खुशखबरी है…..

अगला भाग

नाजायज रिश्ता (भाग -8)- मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

तब तक के लिए जय श्री राधे …..

अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें …..

आपकी लेखिका …

मीनाक्षी सिंह

आगरा

 

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