अभी तक आपने कहानी नाजायज रिश्ता में पढ़ा कि विभू और रिया की शादी हो चुकी है….
अभी एक ही दिन हुआ है कि तभी पता चला कि विभू का तबादला दूसरे शहर में हो गया है…..
रिया उदास रहने लगी….
उसकी सासू मां ने उसे विभू के साथ भेजने की तैयारी करी…..
उन्होंने विभू को बिना जानकारी दिए रिया को अपने छोटे बेटे विक्रम के साथ भेज दिया…..
विभू के कमरे पर आ रिया के पैरों तले जमीन खिसक गई…..
विभू का हुलिया देख रिया सहम गई …..
अंदर का नजारा ही कुछ और था…..
अब आगे…..
विभु अपने दो-तीन दोस्तों के साथ बैठकर शराब पी रहा था …….
और सभी के बीच हंसी मजाक चल रहा था …..
तभी सामने खड़ी रिया को देख विभू एक पल को तो घबरा गया……
उसके सभी दोस्त विभू का सफेद पड़ा चेहरा देख सब माजरा समझ गए ……
और बिना कुछ बोले उठकर वहां से चले गए ……
रिया और उसका देवर अंदर आयें…..
यह क्या भईया आप ड्रिंक करते हो ????
अरे नहीं रे विक्रम……
वह तो बस ऐसे ही ……
आज जरा यह जो हमारे सर हैं ,,,जो लम्बे से थे…..
इनका जन्मदिन था ……
तो इन्होंने कहा,,चलो ,,,,विक्रम तुम्हारे घर पर ही छोटी सी पार्टी हो जायें …..
मैंने हाथ भी नहीं लगाया शराब को…..
इन्ही लोगों ने ही पी है …..
मैंने तो बस सॉफ्ट ड्रिंक पी है…..
चाहे तो तू मेरा ग्लास देख सकता है …..
विक्रम ने विभू का गिलास लेकर के उसको सूंघा…..
सच में वह सॉफ्ट ड्रिंक थी …..
नहीं नहीं ….भाभी …..
आप घबराइए नहीं …..
यह शराब नहीं है …..
सच में सॉफ्ट ड्रिंक ही है …..
लेकिन भईया इस तरीके से सबको बुला करके पीना ठीक नहीं है……
अब तो भाभी भी आपके साथ ही रहेंगी…..
मां ने आपके पास यहीं भेज दिया है …..
मैं शाम को निकल जाऊंगा…..
कुछ भी सामान मंगवाना हो बता दीजिएगा ,,,मैं ले आऊंगा …..
ठीक है विक्रम ….
बैठ जा……
रिया अभी भी गुस्से में थी…..
विभू ने रिया से कहा…..
वह जाकर फ्रेश हो ले …..
जैसे ही रिया दूसरे कमरे में गई…..
उसके पीछे-पीछे विभू भी आ गया……
रिया …..
सॉरी…..
रियली वेरी सॉरी……
तुम गलत मत समझो ……
मेरा ऐसा कोई इंटेंशन नहीं था …..
वह तो बस ऐसे ही…..
अगर तुम्हे ऐसा पसंद नहीं तो आगे से कोई भी घर पर नहीं आएगा …..
ठीक है …..
विभू ने दोनों कान पकड़कर माफी मांगी…
रिया भी पिघल गई…..
और विभू के गले से लग गई…..
पता है जी …..
आपकी बहुत याद आ रही थी…..
घर में बिल्कुल भी मन नहीं लग रहा था …..
मम्मी जी को भी समझ आ गया कि मेरा मन नहीं लग रहा है ……
तो उन्होंने यहां भेज दिया …..
अब मैं आपके साथ ही रहूंगी…
सच में रिया …..
यह तो बहुत ही खुशी की बात है ……
मैं सारा इंतजाम कर दूंगा…..
कुछ चीज घर में नहीं है वह भी ला दूंगा…..
विभू और रिया एक दूसरे को प्यार भरी नजर से देखने लगे …..
श्याम के समय रिया का देवर घर की ओर जाने लगा…
भईया कोई भी दिक्कत हो तो बता दीजिएगा …..
मैं आता जाता रहूंगा …..
गांव से कुछ सामान चाहिए हो तो बता दीजिएगा…..
किसी के हाथ या मैं खुद ही आकर दे जाऊंगा…..
ठीक है विक्रम ….
अब तो आराम से जा….
विक्रम ने विभू के पैर छुये …..
विभू विक्रम को छोड़ आया……
दिन अच्छे गुजर रहे थे…..
विभू सुबह 9:00 बजे ऑफिस निकल जाता ….
और शाम को 8:00 बजे ही आता…..
पूरे दिन रिया घर में रहकर बोर हो जाती …
खाना सुबह ही बन जाता…..तो काम ही क्या रह जाता …..
एक दिन घर में जरूरत का कुछ सामान खत्म हो गया …..
तो रिया पास की ही एक दुकान पर सामान लेने चली गई……
उसने दुकान वाले भईया से सामान बताया …..
उस लड़के ने एक-एक कर सारा सामान निकाल दिया…..
वो बस रिया के चेहरे की ओर ही देख रहा था ….
तभी वो बोला…
भाभी जी बुरा ना माने तो आपसे एक बात कहूं …..
जी कहिये ….
रिया और सामान याद करते हुए बोली…..
आप को कॉलोनी में आये 20 -25 दिन तो हो ही गए होंगे…..
हां जी …..तो??
मैं देख रहा हूं कि आपके हस्बैंड सुबह ही निकल जाते हैं…..
और शाम को आते है……
आपका मन कैसे लग जाता है घर में …..
वह आपके हस्बैंड ही है ना…..जहां तक मैं गलत नहीं समझ रहा तो……
लगते तो बहुत ही उम्र दराज हैं आपसे ……
कहां आप छोटी सी कम उम्र की ,,,प्यारी सी,,,खूबसूरत,,छरहरे शरीर की लड़की लगती है…..
और कहां सर एक परिपक्व आदमी जैसे लगते हैं……
जोड़ा कुछ जमा नहीं आप दोनों का…..
क्या भईया सरकारी नौकरी में है …..
जी हां …..
वो सरकारी नौकरी में है …..
और आपको हिदायत देने की जरूरत नहीं है …..
वह जैसे भी हैं मेरे हस्बैंड है…..
आगे से आप उनके बारे में कुछ नहीं कहेंगे…..
समझे ……
यह बोल रिया सामान लेकर और पैसे देकर वापस आ गई…..
सारा सामान रख ,,,रिया ने फ्रिज से पानी निकाल कर पिया …..
और बेड पर लेट गई …..
पता नहीं क्यों आज रिया को नींद नहीं आ रही थी …..
रिया के मन मस्तिष्क में उसी दुकान वाले लड़के की बात चल रही थी ….
कि आप कितनी सुंदर और आपके हस्बैंड एक उम्र दराज आदमी लगते हैं …..
रिया का मन बेचैन था….
वह उस लड़के के बारे में ही सोचती रही ….
जो उम्र में रिया के बराबर का ही लगता था….
और देखने में भी बहुत ही खूबसूरत था…..
शाम को विभू आया …..
और कुर्सी पर बैठ गया….
वो बहुत थका हुआ था…..
रिया अभी भी अपने कमरे में बैठी हुई थी…..
वह गुमसुम सी थी…..
आज रिया का व्यवहार बदला हुआ था …..
विभू को भी लगा जो रिया आते ही चहकती थी …..
दरवाजा खोलती थी…..
और गले से लग जाती थी…..चाहे मैँ कितने भी पसीने में रहूं
….
पानी देती थी….
मेरा बैग रखती थी…..
मुझे कुछ बना कर देती थी…..
आज वह अभी तक पानी की भी नहीं पूछ रही …..
विभू अंदर आया …..
रिया तुम्हारी तबीयत तो ठीक है…..
मुझे आए आधा घंटा होने को आया …..
तुमने कुछ बोला भी नहीं …..
जी …..
क्या बोलूं ??
आए हैं तो पानी पी लीजिए….
नहाना हो नहा लीजिए …..
खाना लगा दूंगी…..
रिया का इस तरह का रूखा व्यवहार विभू को अच्छा ना लगा…..
लेकिन फिर भी उसने कुछ ना कहा…..
रात हो चली थी ….
विभू और रिया लेटे हुए थे….
विभू ने रिया के चेहरे पर हाथ फिराया….
रिया ने छट से विभू का हाथ दूसरी ओर हटा दिया…..
और करवट बदल सो गई …….
विभु को गुस्सा आया ….
वह उठा और रिया से बोला……
आगे की कहानी जल्द….
इस बार के भाग की देरी के लिए क्षमा प्रार्थी हूं…..
थोड़ा समय लगा ….
अब भाग रेगुलर आएंगे ……
प्रतिक्रिया ज़रूर दें……
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नाजायज रिश्ता (भाग -7)- मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi
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