नाजायज रिश्ता (भाग -3)- मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

जैसा कि अभी तक आपने कहानी नाजायज रिश्ता में पढ़ा कि  विभू और रिया की सगाई हो चुकी है……

आज उनकी हल्दी है ……

विभू  पीले रंग का कुर्ता पजामा पहने हुए हैं ……

और दूसरी तरफ रिया पीले रंग की साड़ी में बहुत ही खूबसूरत लग रही है …….

कि तभी रिया को……

अब आगे………

कि  तभी रिया को उसकी दोस्त सुरभि का फोन आता है……

हेलो रिया ……..

हां बोल सुरभि…….

कैसे फोन किया ??

अभी तक आयी नहीं तू ??

कब आ रही है ???

रिया…….

एक बात बोलूं ???

जो भी बोलना है यहां आ जा पहले ,,,तब बोलना…..

सुन तो सही रिया…..

तू  मेरी बेस्ट फ्रेंड है ……

बचपन से बड़े होने तक हम दोनों साथ रहे हैं …….

जहां तक मैंने तुझे समझा है…….

तुझे तो एक बहुत ही मस्त ,,बेफिक्र,,,हैंडसम,,टाल लड़का ही पसंद आएगा ……

मुझे पता नहीं क्यों ……

अंदर से लग रहा है कि तू इस शादी से खुश नहीं है……

सच-सच बता रिया….

तुझे मेरी कसम ……

तुझ पर कोई दबाव तो नहीं है ….??

सुरभि ने पूछा …….

रिया कुछ सोचकर बोली……

अरे नहीं रे सुरभि …….

मुझ पर कोई भी दबाव नहीं है ……

मैं अपनी मर्जी से विभूजी से शादी कर रही हूं …….

पहले की बातें अलग थी …….

हर चीज सुंदरता ही नहीं होती है …….

सुरभि कुछ चीज इंसान के स्वभाव पर भी निर्भर करती हैं……

तू बेफिक्र रह ….

और जल्दी से यहां आ जा…..

मेरी हल्दी शुरू होने वाली है ……

ठीक है रिया ……

बस  मन में यही डर था …..

तू खुश रह बस…..

आती  हूं …….

रिया  ने फोन रख दिया ……..

और वह एक पल को उदास हो गई ………

थोड़ी ही देर में रिया को चारों ओर से सभी लोगों ने घेर लिया……..

सबसे पहले बड़ी मम्मी बिंदु जी ने हल्दी लगाई……..

धीरे-धीरे करके माँ  वैभवी ,,,घर के बाकी लोग हल्दी लगाने लगे……..

आसपास के पड़ोसी भी इकठ्ठे  हो गए थे …….

और अम्मा सुशीला जी हल्दी वाला अपने पुराने जमाने का गाना गाने लगी……..

पाहुनियाँ आज अँगन मेरा सूना, बन्नी तो मेरी पाहुनियाँ -२

उसकी दादी ने ऐसा पाला कि ऐसा पाला कि नैन बिच पूतरिया,,,

उसके बाबा ने ऐसा निकाला कि ऐसा निकाला कि जल बिन मछरिया…..

वाह अम्मा ……

क्या बात है ……

तुम तो अभी भी इतनी बुलंद आवाज में गीत गा लेवे हो ……..

पास में बैठी पड़ोसन बोली…….

पहले की खिलाई है री ……

तुम जैसी मरी हुई थोड़े  ना हो ……जो ना गीत गा पाऊँ हूँ, ना ढ़ोलक पर  हाथ चले है ……

एक बार में 10 गाने ढोलक बजाए  के गा जाऊं……

हां नहीं तो …….

अम्मा ने ढोलक ली ……

और  शुरू हो  गयी…….

ना जाने कितने  गीत गा लिए होंगे उन्होने ……

सभी  लोग डांस करने लगे……

इधर विभू  के घर वाले भी विभू  को  हल्दी लगा रहे थे…..

धीरे-धीरे कर घर के सभी लड़कों ने ,,लड़कियों ने ,,विभू  की बहन ने विभू  को हल्दी लगाई ………

अरे बस भी करो……

मेरे बेटे को क्या पूरा हल्दी में नहला ही दोगी …….

मां आज तो नहीं छोड़ेंगे भैया को ……..

इतने सालों से अरमान थे कि कब विभू भईया की शादी हो…….

अब यह मौका तो हाथ  से  जाने नहीं देंगे……

वैसे भी भैया से सभी डरते हैं …..

उनसे बात करने की हिम्मत नहीं होती……

यह कुछ ही तो मौके हैं …..जब भईया  को हम छेड़ सकते हैं…….

चाचा की लड़की बोली ……

हां हां ……

आज जितना हल्दी लगाना है…..तू लगा ले ……

फिर तुझे छोड़ूंगा नहीं ……

समझी…..

विभू  बोला……

दोनों तरफ हल्दी की रस्म खत्म हो चुकी थी ……

अगले दिन तेल की रस्म भी हो गई ……

मेहंदी की रस्म भी शुरू हो चली थी ……

मेहंदी वाला बुलाया गया …….

रिया को सबसे पहले शगुन की मेहंदी,,,घर की छोटी कन्या बिट्टी ने लगायी …..

फिर मेहंदी वाले ने शुरुआत की ……

रिया बता दे बेटा ……

तुझे कैसी मेहंदी लगवानी है…….

तुझे तो मेहंदी का वैसे भी बहुत शौक है……

अब तो तेरी शादी है…..

जी भर के लगा…..

अब तुझे नहीं रोकूंगी ……

स्कूल जाती थी…..तब भी नहीं मानती थी……

करवा चौथ हो या कोई भी त्यौहार हो …….

अगर माँ ने मेहंदी लगायी है तो अपने हाथ भी भर भर के मेहंदी लगवाती थी ……

रिया   की मां बोली……

हां मां ……

आज तो जी भर के लगवाऊंगी …….

भैया ऊपर तक,,यहां तक लगाना …….

और पूरे पैरों में भी…….

रिया चहकती हुई बोली……

ठीक है दीदी…….

बस आप आराम से बैठी रहिए ……

मैं लगाना शुरु करता हूं……

रिया हरे रंग के लहंगे में बहुत ही प्यारी लग रही थी……

कोई भी होता तो उसे नजर लगा देता …….

तभी विभू  का फोन आया ……

हेलो रिया…..

हेलो….कैसे है आप…..??

हम तो अच्छे है……

आज तो अपना रूप दिखा दीजिए …….

मेरी रिया को मेहंदी किस तरह लगी है……

जरा देखूं तो सही मेरा नाम लिखवाया  या नहीं आपने……

विभू बोला ……

जी बस अभी तो लगना शुरू हुई है…..

आपका नाम कैसे भूल सकती हूं ….

अच्छा जी तो आप क्या नाम लिखवाएंगी  मेरा…….

विशंभर या विभू…….

जो आप कहें …….

विभू ही ठीक है ……

ठीक है जी…….

और आपके यहां आपको भी तो लगी होगी ना मेहंदी…….

नहीं-नहीं मुझे मेहंदी लगवाने का शौक नहीं ……

फिर भी माँ  के कहने पर कि शगुन होता है …….

एक छोटे-छोटे से गोले  लगा दिए हैं……

आपने मेरा नाम नहीं लिखवाया ……

रिया थोड़ा रोष में बोली……

सब हंसेंगे ऑफिस में  रिया……

इसलिए नहीं लिखवाया …..

यह तो गलत बात है जी…..

जब लड़की लिखवा सकती है ……

तो आप क्यों नहीं ……

ठीक है रिया…….

आप बोलती हैं तो लिखवा लेता हूं ……

ओ मेहंदी वाले भईया  जरा इसमें रिया का नाम लिखना तो……

और खूब बड़ा-बड़ा लिखना…..बिल्कुल बीचोंबीच ……

चाहे  अब  कोई भी चिढ़ाये मुझे…….

मुझे फर्क नहीं पड़ता……

बस हमारी होने वाली धर्मपत्नी रिया जी खुश रहनी चाहिए…..

विभू बोला……

रिया खिलखिला कर हंस पड़ी……

आपकी हंसी बहुत ही प्यारी है …..

जीवन भर ऐसे ही हंसिएगा …….

जी आप बस ऐसे ही हंसाते रहिएगा …..तो हंसती रहूँगी…….

ठीक है जी……

मेहंदी लगवा लूं…..

फिर आपसे बात करती हूं…..

ठीक है रात में फ़ोन करूँगा…..

बात ज़रूर करना रिया……

विभू बोला…..

जी देखती हूँ….

यह बोल रिया ने फ़ोन रख दिया…….

आज रिया  बहुत खुश थी…..

मेहंदी अभी एक ही हाथ में लगी थी …..

तभी रिया उठ खड़ी हुई …..

और मेहंदी के  गाने

मेहँदी है रचने वाली ,हाथों में गहरी लाली ,

कहे सखियाँ, अब कलियाँ ,हाथों में खिलने वाली है ,

तेरे मन को जीवन को ,नई खुशियां देने वाली है ,…..

पर जोर से नृत्य करने लगी ……

उसने अपनी मां,,,अम्मा ,,,सभी को हाथ पकड़ कर अपनी ओर ले लिया ……

आज तो पूरा घर जोश में था …..

एक-एक कर सभी  महिलाओं ने ,घर की लड़कियों ने अच्छी -अच्छी परफॉर्मेंस दी …….

सभी आज डांस करके थक गये थे……

मेहंदी की रस्म  पूरी हो चुकी थी……

अगले दिन शादी थी रिया और विभू  की……

रिया पार्लर आई हुई है……

उधर विभू  को भी उसके जीजा तैयार कर रहे हैं……

भाई ,,जीजा जी…..

जल्दी चलो बारात लेट  ना हो जाए ……

भईया  तैयार हो गए क्या ??

कब से बाबा चिल्ला रहे हैं …..

अभी तक बालक तैयार ना हुए…..

लेट है जाएंगे …..

ठीक है ,,ठीक है…….

बस सब लोग रेडी है…..

विभू  को तलवार पकड़ाई  गई……

उसको काला टीका लगाया गया ……

उसकी मां विमला जी  ने विभू की नजर उतारी…..

उनकी आंखों में आंसू आ गए……

आज मेरा बेटा अपनी  दुल्हन लेने जा रहा है ……

बस तू ऐसे ही रहना …..

और हमेशा खुश रहना मेरे लाल ……

हां माँ…..

पर ऐसे क्यूँ क्यों बोल रही हो……

रिया बहुत अच्छी लड़की है ……

पूरे घर को लेकर चलेगी……

आप बेफिक्र रहो……

हां पता है……

तू भी तो बहुत  समझदार है…..

अच्छा चल अब…. सब राह देख रहे हैँ  …..

तुझे  अब घोड़ी पर बैठाया जायें …..

सभी बाराती आ चुके थे……

लड़के डांस करने में लगे थे ……

कुछ लोग नागिन डांस कर रहे थे ……ज़िस पर जैसा बन रहा था ….पर जोश में कोई कमी ना थी…..

विभू के सभी भाई फिल्मी गाने ……

मेरे यार की शादी है पर जोरदार प्रस्तुति दे रहे थे ……

इधर रिया भी तैयार हो चुकी थी……

बारात गेस्ट हाउस पहुंच चुकी थी……

लेकिन यह क्या …..

तभी बारातियों को गेट पर ही किसी ने जोरदार आवाज के  साथ रोक लिया……

खबरदार ……

कोई अंदर आया तो ……

तभी देखा कि  चार-पांच पुलिस वाले खड़े हुए थे …….

ऐसे ही कहानी को अपना प्यार देते रहिए …..

और प्लीज लाइक और कमेंट जरूर करें …..

कहानी लिखने में मेहनत लगती है……

और आपकी प्रतिक्रियाएं एनर्जी का काम करती हैं…..

और लिखने के लिए प्रोत्साहित करती हैं ……

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नाजायज रिश्ता (भाग -4)- मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

राधे राधे

आपकी लेखिका……

मीनाक्षी सिंह

आगरा

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