नाजायज रिश्ता (भाग -28)- मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

जैसा कि अभी तक आपने कहानी “नाजायज रिश्ता” में पढ़ा कि  रिया सुबोध से बोलती  है कि वह रोशनी से तलाक ले ले…तब वह रिया से बात कर सकता है ….इस बात पर  सुबोध  बोलता है..ठीक है रिया…अगर मैं तलाक लूंगा …तो तुम्हें भी विभू सर से अलग होना होगा…इस बात पर रिया अपनी हामी भरती है …सुबोध अपनी पत्नी रोशनी से बात करता है….उसकी पत्नी भी इस बात से सहमत है…कि वह सुबह से अलग होगी…इस बात की खबर  सुबोध रिया को मैसेज से देता है…तो रिया  मैसेज पढ़  घबरा जाती है…वह कुछ मैसेज टाइप करती है….कि तभी अपने पति विभू  के आने पर वह फोन वही रख उसके लिए चाय पानी लेने चली जाती है….विभू  रिया का फोन अपने हाथ में ले लेता है ….रिया, सुबोध की  सारी चैट पढ़ लेता है…..

अब आगे….

चैट पढ़ विभू का सर  चकरा जाता है….

वह शुरुआत से लेकर सारे मेसेज पढ़ता  जाता है ..

वह धीरे से फोन लेकर के बाहर की ओर जाता है ….

और रिया के कॉल लॉग  भी चेक करता है ….

उसमें भी वह सुबोध और रिया के बीच की  कई कॉल को देखता है….

विभू के पैरों तले  जैसे जमीन खिसक जाती है…..

तभी अम्मा बाहर आती है….

बोलती है …

अरे  दामाद जी ….

सुनियो…

विभू  कोई जवाब नहीं देता….

अम्मा जब दो-तीन बार पूछती  है …

तो भी विभू की ओर से कोई  जवाब नहीं आता….

अम्मा फिर  विभू के कंधे को हिलाकर बोली….

क्या हुआ दामाद जी….??

मैंने पूछी…

आए गए …??

दिख नहीं रहा आ गया ….

ऐसा लगता है जैसे विभू  होश में आया हो….

हां …

अम्मा आ तो गया ….

इतना बोल गुस्से में अंदर चला जाता है…

दामाद जी नेक  मेरी बात सुनियो ….

अम्मा बोली….

तब तक रिया भी चाय पानी लेकर के आ गई….

विभू  से पूछने लगी ….

जी…

आज आपका दिन कैसा रहा  ऑफिस में…??

विभू कुछ ना बोला….

जी मैं आपसे पूछ रही हूं ….

रिया  ने कहा….

अभी भी वह कुछ नहीं बोल रहा था….

उसने ग्लास लिया  और पानी पीने लगा….

दामाद जी  सुनियो…

क्या कह रही हो  अम्मा…??

एक घंटे से सुनियो सुनियो कर रही….

विभू बोला…

वो  जाती हूं रोज कीर्तन करने ना..

वहां पानी न है महिलाओं को पीने के लिए….

तुम का एक मटका लाई दोगे …??

सबको शीरो (ठंडा ) पानी मिल जाएगो …

अम्मा बोली….

विभू  फिर किसी सच में डूब गया….

अम्मा के दुबारा बोलने पर अबकी बार वह झल्ला गया….

और चिल्ला कर बोला….

क्या बात है अम्मा ….

बिना सिर पैर की,बेफिजूलू की बातों को लेकर के बैठ जाती हो….

मुझे नहीं लाना कोई मटका वटका….

मत जाओ कीर्तन में…

घर में ही बहुत कीर्तन हो रहा…..

यह बोल विभू बाहर  निकल आया…

लाली घर में कहा है रहो कीर्तन ….?

अम्मा बोली…

चुप करो अम्मा…

गुस्सा दिला दिया ना इन्हे….

रिया भी विभू के पीछे-पीछे गई …

जी…

क्या हुआ….??

आप ऐसे गुस्से में क्यों है …??

कोई बात है क्या…??

रिया पूछती है …

तुम मुझे बताओ रिया….

कोई बात है क्या…??

मैं तुमसे पूछ रहा हूं ….

जी…नहीं तो..

ऐसे अनजान क्यों बन रही हो ….??

मैं तुमसे कुछ पूछ रहा हूं रिया…

कोई बात हो तो अभी भी बता दो….

विभू आज जाग चुका था …

थर्राती आवाज में बोला …

रिया विभू की बात सुनकर घबरा गई…

जी नहीं …

कोई बात नहीं…

ठीक है रिया…

तुम नहीं बताना चाहती तो…

रहने दो ….

आप जा कहां  रहे हैं…??

कहीं नहीं …..

बस थोड़ा घूमने जा रहा हूं…

यह बोल विभू  अपनी गाड़ी लेकर के वहां से निकल गया ….

पता नहीं दामाद जी को का है गयो…

आज तक कभी ऊंची आवाज में मोते  बात ना करी…

आज ऐसे मुझ  पर ऊँ गुस्सा है गए….

आज के बाद कुछ बोल रही…

ना आए मटका…

तूने ही कछू कांड करो होगो…..

गुस्से में अम्मा बड़बड़ा  रही थी ….

रिया भी घबराई हुई थी…

उसने अपना फोन लिया…

और  सुबोध को  फोन लगाया…

सुबोध…

सुनो…

इन्हें सब बात पता चल गय़ा है…

शायद मुझे लग रहा है…

जिस तरह से गुस्से में लग रहे थे…

पता नहीं कहां गए हैं ….

रिया बोली…

तो अच्छी बात है ना रिया…

यह तो एक न एक दिन होना ही था….

समय से हो गया …

ठीक है …

सर को भी  पता चलना चाहिए….

कि तुम मुझसे ,,मैं तुमसे प्यार करता हूं ….

और हम एक दूसरे से शादी करना चाहते हैं …

क्यों रिया …?

ठीक कहा ना  ….

ठीक बोल रहा हूं …..

सुबोध  कहता है….

चुप करो सुबोध….

मैं इस तरह से नहीं चाहती थी…

यह बात  उन तक पहुंचे…

तो किस तरह से चाहती थी रिया …??

सुबोध बोला….

रिया ने गुस्से में फोन काट दिया….

वह विभू को पागलों की तरह ढूंढने के लिए सड़क की ओर दौड़ चली….

विभू  गाड़ी को  शराब खाने के आगे जाकर रोक लेता है…

वह अंदर गया….

उसने आज नशा किया…

जो आज तक उसने कभी नहीं किया था….

वह बाहर आया….

और फूट-फूट कर रोने लगा….

थोड़ी देर शांत होने के बाद उसने अपनी गाड़ी उठाई ….

रात के 10 बज़ गये थे….

उसने अपना फोन देखा ….

उस पर 45 से 50 मिस कॉल रिया की थी …

और न जाने कितने ऑडियो मैसेज थे….

जिसमें रिया गिड़गिड़ा  रही थी….

जी…

कहां गए आप…

बहुत घबराहट हो रही है…

आ जाइए….

अगर मुझसे कोई गलती हुई है …

तो प्लीज बताइए…

प्लीज…प्लीज…

आ जाइए….

गुड़िया भी आपको याद कर रही है ….

गुड़िया का नाम सुन विभू का घर जाने का मन हुआ….

उसने गाड़ी उठाई ….

आज विभू पर गाड़ी भी नहीं चल रही थी ….

किसी तरह वह लड़खड़ाते हुए गाड़ी लेकर घर पहुंचा ….

रिया और अम्मा बाहर ही गस्त लगा रही थी ….

विभू को देख रिया और अम्मा के चेहरे पर सुकून का भाव आया…..

ए दामाद जी….

तुम तो मेई  मटका वाई बात ते नाराज है गए….

लेकिन ऐसे घर छोड़कर ना ज़इयो अब….

खानो खाये लेओ…..

अम्मा बोली …..

विभु जैसे ही गाड़ी से उतरा….

दरवाजे पर ही गिरने वाला था…..

अम्मा और रिया  ने उसे संभाला ….

और अंदर जाकर बिस्तर पर लिटा  दिया…..

रिया ने विभू  से बोला….

जी आपसे तो शराब की बदबू आ रही है….

क्या आपने ड्रिंक की है ….???

ड्रिंक ही की है….

इतना ही गनीमत है….

पता नहीं मैं आज क्या करने वाला हूं…..

यह बोल विभू  ने रिया के बाल कसके पकड़ लिए….

इधर यह देख अम्मा जी ने विभू की मां को फोन लगा दिया….

समधन जी सुनियो…

कल्ल ई आयें जाओ ….

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तब तक के लिए जय श्री राधे….

मीनाक्षी सिंह

आगरा

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