नाजायज रिश्ता (भाग -27)- मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

जैसा कि अभी तक आपने कहानी “नाजायज रिश्ता” में पढ़ा कि  विभू  के घर में रिया की अम्मा की एंट्री हो चुकी है….जो की बहुत ही तेज तर्रार है….रिया सुबोध के साथ घूम कर आई है ….उसे देखकर अम्मा तरह  तरह की बातें करती है ….रात के समय सुबोध के कई मैसेज देख रिया बाथरूम में उससे बात करने आती है….अंदर से लॉक कर लेती है ….तभी अम्मा जी कान लगाए दरवाजे से सुनती है….और जाकर के विभू  को जगाती है….

अब आगे ….

दामाद जी ….

जल्दी चलो…

क्या हुआ अम्मा……??

काहे रात में जगा रही….

विभू बोला…

दामाद जी…

जाकर देखियो…

लाली किससे  बात कर रही …

मोये तो उसको  चाल चलन ठीक ना लग रहो  है….

काहे  तुम उसे  शहर लेके आए ….

अम्मा जी हांफती हुई बोली ….

अम्मा…..हो सकता है ….

कुछ ऐसे ही मन में पढ़ रही हो ….

या भगवान का जाप कर रही हो रिया….

ना…ना…

वो और भगवान का नाम….

तुम  चलो तो मेरे साथ….

अम्मा जी विभू  का हाथ पकड़ उसे उठाते हुए बोली…

क्या अम्मा….

आप भी रात में नींद खराब करती हो ….

विभू आंखें मलते हुए बाथरूम के पास आया….

तब तक रिया बात कर बाहर आ चुकी थी ….

वह विभू और अम्मा को देखकर सकपका  गई….

फिर बोली….

क्या हुआ अम्मा….??

क्या हुआ जी….??

आप लोग एकदम से ,,ऐसे,,अचानक से,,,कैसे उठ कर आए ….

कैसे अनजान बन रही ….

अम्मा बोली….

अभी मैंने सुना…

कि तू गुसलखाने में किसी से बात कर रही…

किससे  बात कर रही…बता लाली….

अम्मा देखना तो,,क्या बात कर रही थी….

अगर आपको ऐसा लगता है तो बताइए ….

रिया बोली…

मैं बात तो ना सुन पाई….

लेकिन तू फोन पर बात कर रही …

मोये पतो है…

दामाद जी फोन इसी के पास होगा ….

क्या अम्मा  अभी कैसी बातें लेकर बैठी हो ….

चलिए सो जाइए…

विभू बोला…

अम्मा का मन फिर भी नहीं माना ….

उन्होंने रिया की तलाशी ली …

रिया के  पास फोन कहीं भी नहीं मिला ….

अम्मा का शक अभी भी रिया पर था…

लेकिन वो कुछ  बोली नहीं …

ठीक है…

जैसी तुमायी  मर्जी …

अपना परिवार तुम ही जानो….

दामाद जी से बोलकर अम्मा भी अपने कमरे में सोने चली गई….

विभू और रिया भी अपने कमरे में आ गए….

अब विभू  की नींद खुल चुकी थी …

तो उसका रोमांस का मन हुआ…

रिया के पास आया….

और रिया के गालों पर हाथ फेरने लगा ….

रिया भी शर्माकर विभू की बाहों में समा गयी….

अगले दिन सुबह विभू  ऑफिस के लिए निकल गया….

अब रिया को सुबोध से बात करने का मौका नहीं मिल पा  रहा था….अम्मा जी जो थी पहरेदार ….

क्योंकि उसकी बात सुबोध  से  नहीं हो पाई थी ….

उसे शक हो रहा था रात में कि ….

शायद अम्मा खड़ी है  दरवाजे पर …

उनकी परछाई  उसे  दिख रही थी…

अब वह सोच रही …

कि मैं किस तरह बात करूं…

उसने अम्मा से कहा …

अम्मा पास में बहुत बड़ा मंदिर है …

वहां  सुबह शाम भजन होते हैं …

तुम चाहो तो वहां चली  जाओ….

तुम्हारा मन लग जाएगा ….

अच्छा लाली  भजन होवे  हैं ….

ठीक है …

मैं नहाई भी ली हूं…

मैं जा रही…

वैसे भी गुड़िया तेई  अभी सोए रही ….

आये के मालिश करूँगी…

ठीक है अम्मा….

यह बोल रिया ने अम्मा को टरका दिया …

तभी सुबोध की कई मिस कॉल देख रिया ने फोन उठाया …..

क्या बात है सुबोध….

बोलो…

कुछ हुआ है क्या…??

रिया बहुत ही नम्र होकर  बोली…

तुमने रात को फोन क्यों नहीं उठाया ….???

रिया पहले मुझे इसका जवाब दो ….

तुम क्या समझते हो सुबोध ….

क्या मैं हर समय तुम्हारे लिए अवेलेबल रहूंगी….

मेरी भी गृहस्थी है ….

मेरे भी आसपास लोग है….

तुमने कल देखा नहीं….

अम्मा भी घर आई हुई है….

तो मैं  कैसे तुमसे फोन कर लेती ….

रिया बोली….

रिया कल तुम मेरे घर आई थी…??

तुमने यह बात मुझसे नहीं बताई ….

सुबोध सख्त लहजे में पूछता है….

हां …

आई थी …

क्यों ……..??

मैं पूछ सकता हूं …..

सुबोध ने कहा…

क्यों…??

मैं नहीं आ सकती क्या तुम्हारे घर ….??

जब तुम मुझसे प्यार करते हो….और मैं तुमसे ….

तो क्या मैं इस बात की खबर रोशनी को भी ना दूं ….

रिया बोली….

यह  तो गलत है ना…

तो फिर तुम क्यों छुपा रही हो सर से ….

कर लेती उनके  सामने रात में फोन ….

सुबोध बोला….

एक औरत और एक आदमी में  फर्क होता है सुबोध…..

तुम अगर रोशनी से अलग हो जाओगे….

तो तुम्हारे जीवन में कोई फर्क नहीं पड़ेगा….

क्योंकि तुम कमाते हो …

और अगर मैं विभू जी से अलग हुई …

तो मैं अपनी बेटी को लेकर कहां जाऊंगी ….

इस बात को समझो….

अगर तुम खुले मन से कहते  हो कि रिया तुम विभू जी से अलग  हो जाओ…

और मैं तुम्हें अपने साथ रखूंगा….

मैं  रोशनी को तलाक दे दूंगा ….

तो मैं तुम्हारे साथ आ जाऊंगी ….

रिया बोली…

अच्छा…

तो सच में रिया अगर मैं रोशनी से तलाक ले लूं ….

तो तुम मेरे पास आ जाओगी…??

मेरे बच्चों को अपना लोगी…??

सुबोध बोला…

हां…हां …

क्यों नहीं…

तुम और तुम्हारे बच्चे सब मेरे अपने ही होंगे….

रिया बोली …

ओह रिया तुम बहुत अच्छी हो….

ठीक है …

मैं इस चीज के लिए भी देखता हूं ….

वैसे भी रोशनी से मुझे कभी भी वह प्यार नहीं मिला…

जो मैंने तुम्हारी नजरों में अपने लिए देखा …

और तुमने मुझे किया …

सुबोध बोला…

अच्छा ये  बताओ…

रात में हुआ क्या…??

रिया पूछती है….

कुछ नहीं रिया वह बस घर में जाते ही रोशनी ने बच्चों को इतना मारा था …

कि दोनों के चेहरे लाल हो रहे थे…

शायद उसने मेरा ,,तुम्हारा गुस्सा बच्चों पर निकाला था…

जाते ही लड़ाई करने लगी…

इतना झगड़ी  कि मुझे उस पर हाथ उठाना पड़ा ….

रात में ही वह पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट  करने जा रही थी…

वह तो मैंने  किसी तरह से रोका उसे …

माफी मांगी …

सुबोध बोला…

अगर तुम अपनी फैसले पर अडिग हो   तो फिर माफी मांगने और पश्चाताप करने की क्या जरूरत है सुबोध….??

तुम अपना फैसला सीधा-सीधा रोशनी को सुना दो…

नहीं तो मैं आज के बाद तुमसे बात नहीं करूंगी…जब तुम रोशनी से अलग हो जाओ ….

तभी मुझसे बात करना…

तब तक मुझे कॉल करने या मुझसे मिलने की जरूरत नहीं….

रिया बोली ….

नहीं रिया…

मैं तुम्हारे बिना मर जाऊंगा…

ऐसे मत बोलो….

इतने समय के बाद तो मेरे चेहरे पर खुशी आई है….

मैं खुद को पहले जैसा सुबोध महसूस करने लगा हूं ….मेरे साथ यह नाइंसाफी ना करो ….

सुबोध बोला….

ठीक है फिर…

तो जो मैंने बोला है उसे पहले पूरा करो …

फिर देखती हूं ….

रिया बोली ….

अच्छा रिया….

आई लव यू …

सुबोध बोला….

रिया के  तन बदन में आग लग रही थी….

वह कुछ ना बोली…

हंसते हुए उसने फोन काट दिया ….

सुबोध  आज ऑफिस नहीं गया था…

आज उसने रोशनी से बात करने का मन बना लिया था….

रोशनी अगर तुम एक अच्छी मां और एक अच्छी पत्नी के रूप में रहोगी…

तो कोई बात नहीं….

लेकिन अगर तुम्हारा रवैया  ऐसा ही रहा ….

तो मैं तुमसे तलाक लेना चाहता हूं….

सुबोध  बोला….

मुझे पता था यही होने वाला है….

इसलिए मैंने पहले ही वकील से बात कर ली है….

मुझे भी तुम जैसे बदतमीज आदमी के साथ नहीं रहना है….

रोशनी बोली ….

तो ठीक है अपने  परिवार वालों को भी  बता दो …

मैं भी बता देता हूं….

यह बोल  सुबोध  मूड फ्रेश करने के लिए निकल आया….

इधर अम्मा भी आ गई थी घर पर …

लाली नेक पानी ला पीबे को …

मर गई प्यासी ….

मंदिर में का  अम्मा पानी नहीं था …??

रिया बोली…

संझा  कूँ ही  दामाद जी से मटका लाकर रखवाऊंगी….

सब लोग पानी पियो करेंगे…

शाम को सुबोध  रिया को मैसेज करता है …

कि मैंने रोशनी से तलाक के लिए कह दिया है …

अब रिया तुम बताओ…

तुम विभू सर से कब अलग हो रही हो ….

सुबोध का मेसेज देख रिया घबरा गई ….

अब उसने  सोचा कुछ तो फैसला लेना होगा….

तभी विभू आ गया था ….

रिया फोन पर मैसेज टाइप कर ही रही थी सुबोध को…

विभू के आते  ही उसने फोन रख दिया …

और वह किचन में  चाय – पानी लेने चली गई….

विभू ने रिया  का फोन लिया …

क्योंकि वह ऑन था …

उसने  सुबोध के साथ हुई उसकी सारी चैट पढ़ ली…

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तब तक के लिए जय श्री श्याम ….

मीनाक्षी सिंह

आगरा

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