नाजायज रिश्ता (भाग -26)- मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

जैसा कि अभी तक आपने कहानी “नाजायज रिश्ता” में पढ़ा कि  रिया के मन में पता नहीं क्या चल रहा है…वह सुबोध  से अपनी नजदीकियां बढ़ा रही है….सुबोध से वह मिलने आई हुई है….थोड़ा वक्त साथ में गुजारने के बाद वह बाइक से सुबोध के साथ अपने घर वापस आती है…और जैसे ही बाइक से उतरती है….सामने उसका पति विभू  अपनी कमर पर हाथ रखकर खड़ा हुआ  है….और विभू के पीछे  उसकी अम्मा खड़ी  हैं …

बहुत बढ़िया छोरी…

अब आगे…

रिया और सुबोध सामने विभू  और अम्मा को देखकर  हक्के-बक्के रह जाते हैं..

रिया आंखें नीचे कर धीरे से घर के अंदर जाने लगती है ….

तभी उसकी अम्मा रिया का हाथ पकड़ उसे रोक लेती हैं…

कहां जा रही है छोरी…??

यहां रुक…

तेज आवाज में अम्मा बोली…

अम्मा तुम कब आई…और क्यूँ आयी…??

रिया धीरे से बोली …

क्यूँ आयी … ?? आ ना सकती का..??

तेरे यही कुकर्म देखने आई लाली …

तू इस सुबोधवा के संग  यहां का  कर रही ….

का गुल  खिला रही ब्याह के बाद  …

मैं 4:00 बजे कि आई हूँ …

तब से तेरी राह देख रही…

कि अब आएगी लाली…

अब आएगी लाली …

बेचारे दामाद जी  मोये  लेकर आये गये…..

अम्मा बोली…

सुबोध रिया का बीच बचाव करते हुए आगे आया …

और उसने अम्मा  के पैर छुए…

माफ करिएगा अम्मा जी….

हमें नहीं पता था कि आप आई हुई है…

वह तो बस रिया कहीं मार्केट में कुछ सामान लेने गई थी…

तो मैंने उसे देख लिया …

मौसम बिगड़ रहा था…

इसलिए सोचा उसे घर छोड़ दूं…

सुबोध बोला…

रिया सुबोध की ओर घूरती हुई नजरों से देखने लगी…

विभू अभी भी उसी  स्थिति में खड़ा था…

शायद उसके मन में अभी भी  गुस्सा था…

ठीक है सुबोध,,,तुमने बहुत अच्छा किया …

अब तुम अपने घर जाओ…

तुम्हारे बच्चे और पत्नी इंतजार कर रहे होंगे …

चाय पियो तो बनवाऊँ…??

नहीं …नहीं सर …

मैं चलता हूं ….

वैसे ही बहुत लेट हो गया हूं …

सुबोध  यह बोल सभी को नमस्ते कर वहां से निकल गया….

दामाद जी तुम भी हद कर रहे हो …

तुम्हारी मेहरारू संग वो  छोरा  गयो….

तुमने उससे कुछ ना कही…

चाय पत्ता और पूछ रहे….

प्यार से बात करके  भेज दियो…

मैं तो दो चार लठ्ठ लगाने वाली हती…

अम्मा बोली…

अम्मा अंदर चलिये…

सब अंदर आ गये…

अन्दर आकर विभू रिया से बोला….

रिया अगर कोई दिक्कत थी रास्ते में तो मुझसे कह देती….

मैं आ जाता लेने तुम्हें….

तुम्हे तो पता ही है …

मैं 6- 6:30 बजे घर आ ही जाता हूं…..

अब तो 8:30 बजने को आए हैं ….

जी …

वो  बस थोड़ा सा समय सामान लेने में  लग गया …

इस वजह से ……

सुबोध मिल गया…..

मैने मना भी किया कि मैं ऑटो से चली जाऊंगी …

लेकिन वह जिद करने लगा…

कि मैं छोड़ दूंगा…

गुड़िया इंतजार कर रही होगी….

रिया झूठ बोल गयी…

ठीक है रिया ….

कोई बात नहीं…

अगली बार से ऐसी कोई दिक्कत हो….

तो बता दिया करना….

विभू  बोला….

ठीक है जी…

सॉरी ….

यह बोल रिया अंदर कमरे में  कपड़े चेंज करने चली गई…..

अम्मा अभी भी हांफ रही थी….

उनका गुस्सा सातवें आसमान पर था…

उन्होंने रिया की गुड़िया को अपनी गोद में ले लिया …

उसे चुप कराने लगी ….

रिया जल्दी से कपड़े बदल अम्मा के पास आई ….

और उनकी गोद  से गुड़िया को लेकर उसे दूध पिलाने लगी….

अभी भी अम्मा  गुस्से में थी ….

अरे अम्मा …

क्यों नाराज हो रही….

रिया बोली….

और  बताओ घर में सब कैसे हैं …..??

मां …पापा …आप ….और बाकी लोग….

तूने कभी सुध ली  हम लोगों की ….

हम सब कैसे हैं….

हफ्ता – 10 दिना  में एक बार फोन करती है….

तोये  पता है तेरी अम्मा मर रही….

खाट पर पड़ी है…

वह तो दामाद जी अच्छे …

कल मैंने  फोन करो तो…

बोल रहे की अम्मा तुम यही आ जाओ….

तुम्हारा इलाज करवा  दूंगा….

वहां पर किसी पर बखत  ना हो …

तू तो जाने है अपनी अम्मा को ….

कहीं भी अकेले चली जाऊँ  हूँ …

लला ने बैठाये  दयो बस से….

और यहां मैं आये  गई ….

अब मैं यही रहूंगी….

समझी ….

अब  तेरी  सारी आजादी पर लगाम लगाऊंगी….

अम्मा तुम्हें क्या हुआ हैं…??

रिया बोली…

अंतिम दिन चल रहे मेरे….

यही समझ ले लाली….

अपनी हट्टी कट्टी अम्मा को रिया देखने लगी …..

और मन ही मन सोची…

देखने में तो भली चंगी लग रही अम्मा…….

इन्हें क्या हुआ फिर….

ठीक है ..अम्मा….

तुम जितना दिन चाहो….

उतने  दिन रहो….

अच्छा अम्मा….

खाना बना देती  हूं ….

रिया बोली ….

रिया….

अम्मा ने खाना बना दिया है …

बस अब हम सबको खाना  है….

विभू बोला…

अच्छा जी ….

तीनों ने संग बैठकर खाना खाया….

रात हो चली थी ….

अम्मा अभी भी अपने कमरे में बैठी माला जप रही थी …..

विभू  गहरी नींद में खर्राटे लेते हुए सो गया…..

रिया को  नींद नहीं आ रही थी ….

आज वह पूरे दिन की अपनी की ही हुई गतिविधि पर विचार कर रही थी ….

कि  तभी रिया के फोन पर  सुबोध का फोन आया….

उसने कई फोन किये ….

रिया ने  फोन नहीं उठाया….

फिर सुबोध ने रिया के व्हाट्सएप पर मैसेज किया …

रिया प्लीज फोन उठा लो….

नहीं तो मैं मर जाऊंगा….

मेरे घर में हालत बहुत खराब हो गए हैं ….

सुबोध ने  कई ऑडियो मैसेज भी रिया को भेजे ….

जिसमें उसकी रुआंसी सी आवाज थी….

रिया घबरा गई….

उसे  समझ नहीं आ रहा था ….

कि  अम्मा के सामने वह सुबोध को फोन कैसे करें ….

वह धीरे से उठी ….

बाथरूम में गई…

उसने धीरे से अंदर से सांकर लगा ली….

फिर उसने  सुबोध को फोन लगाया….

यह क्या …

अम्मा भी बाथरुम से कान लगाए दरवाजे पर खड़ी उसकी बातें सुनने में लगी थी…..

और अपनी भौंहे चढ़ा रही थी….

वो जाकर के विभू को उठाने लगी….

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तब तक के लिए जय श्री राधे ….

मीनाक्षी सिंह

आगरा

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