नाजायज रिश्ता (भाग -17)- मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

अभी तक आपने कहानी “नाजायज रिश्ता” में पढ़ा कि रिया  के जीवन में उसका पुराना दोस्त सुबोध  वापस आ गया है….जो रिया से  सिर्फ दोस्ती ही रखना चाहता है ….कि वह पहले की तरह उससे बातचीत करती रहे…जहां तक रिया ने भी हामी भर दी हैँ ….रिया  रात में विभू के साथ लेटी हुई है….

तभी  वो विभू के सीने पर हाथ रख बोलती है…सुनिये जी… मुझे एक बात कहनी है… मेरा एक अतीत है ….

जिसके बारे में आपको बताना चाहती हूं …..

अब आगे….

तुम अपने अतीत के बारे में सब कुछ तो बता चुकी हो रिया….

और जो है थोड़ा बहुत तुम्हारे मायके ,,तुम्हारे दोस्तो से पता चल जाता है…

जी वो बात नहीं है …

जैसे यंग एज बहुत ही नाजुक होती है ….

इस तरह मेरे भी जीवन का एक फेज  था….

जिसके बारे में आपसे शेयर करना चाहती हूं….

हां कहो …

रिया ….

मैं तुम्हारी बात सुन रहा हूं….

विभू  ने रिया के हाथों को अपने हाथ में लेकर कहा ….

जी …

मैँ और सुबोध  ना दोनों कॉलेज में पढ़ा करते थे….

हमें कॉलेज का सबसे अच्छा कपल बोला जाता था…

क्योंकि उस समय सुबोध भी यंग एज  में था….

हम दोनों के बीच ऐसा कुछ नहीं था ….

लेकिन धीरे-धीरे कर सुबोध का आकर्षण मेरी ओर बढ़ने लगा….

तुम हो ही इतनी खूबसूरत रिया कि कोई भी तुम्हे पसंद कर ले…

जी आगे तो सुनिये….

रिया आगे कुछ कहती है …

उससे पहले ही विभू  ने रिया के होठों पर उंगली रख दी….

हां ….

मैं जानता हूं रिया …

आगे की बात…

क्या सच में…??

हां मुुझे सब पता है….

आपको किसने बताया …??

मैं जानता हूं…

तुम और सुबोध एक दूसरे को पसंद करते थे …

वह तुमसे शादी करना चाहता था…

लेकिन वो  सेटल नहीं था….

इसलिए तुम्हारे पिताजी ने मना कर दिया….

और वो  बात वहीं  खत्म हो गई….

सुबोध नौकरी की तलाश में बाहर चला गया…

बस यही ना….

विभू बोला…

ओह…तो आप यह सब जानकर भी अंजान बने हुए थे ….

आपको यह सुनकर बुरा नहीं लगा….

नहीं  रिया ….

बिल्कुल नहीं….

हर एक का कुछ ना कुछ अतीत होता है….

अभी अगर वर्तमान में तुम मेरे साथ हो..

हम दोनों की प्यारी सी एक बेटी है …

हम दोनों एक दूसरे के साथ खुश हैं ….

तुम्हारी उस दिन की वह बात सुनकर मुझे बहुत ही अच्छा लगा…

जी.. कौन सी बात …???

तुमने कहा कि सुबोध को मेरा नंबर मत दिजियेगा ….

मुझे इस बात पर विश्वास हो गया कि….

रिया  अपने पुरानी अतीत को हमारे वर्तमान के बीच बिल्कुल नहीं लाना चाहती ….

मुझे बिल्कुल भी खराब नहीं लगा रिया….

विभू  बोला ….

आप सच में भगवान समान है…

आपकी मैं जितनी पूजा करूं…

उतनी कम है …

रिया बोली…

नहीं रिया …

मुझे इंसान ही रहने दो…

मैं जैसा हूं बस तुम्हारा हूं……और तुम मेरी….

मेरे जीवन की सबसे बड़ी ख़ुशी यहीं है ….

यह बोल रिया और विभू एक दूसरे में खो गए ….

आज रिया विभू को कुछ अलग ही नजरों से देख रही थी….

उसकी नजरों में विभू  की इज्जत कुछ ज्यादा ही बढ़ गई थी….

अगले दिन सुबह उठ  रिया जल्दी-जल्दी तैयार हुई ….

वो ऑफिस के लिए निकल रही थी ….

अच्छा रिया ….

उस क्रच  वाली का नंबर मुझे भी दे देना….

बीच में 1 घंटे का ऑफ होता है …..

मैं जाकर लाडो  को देख आया करूंगा ……

यह तो बहुत ही अच्छी बात है….

ठीक है जी….

विभू  और रिया ऑफिस के लिए निकल गए….

रास्ते में बेटी को क्रच  छोड़ दिया ….

रिया आज ऑफिस में आई …

वो  अपनी चेयर पर आकर बैठी ही थी…

कि तभी सुरभि उसके पास आती है ….

हे रिया हेलो….

हेलो सुरभि ….

पता चला कि सुबोध भी इसी  सिटी में रहता है …

उसने फेसबुक पर मुझे मैसेज किया …

रहता है तो क्या…??

रिया बोली….

यार पुराना दोस्त है अपना….

चल कभी पार्टी करते हैं मिलकर ….

तेरा तो बहुत कुछ था वो….

मैँ  पहले भी कह चुकी हूं ….

मुझे इन सब चीजों में इंटरेस्ट नहीं……

मैं जॉब करने आती  हूं ….

सीधा मुझे उसके बाद अपना घर याद आता है ….

मुझे अपने घर जाना होता है …

रिया गुस्से में बोली…

वाह भाई ….

एक तो  मैंने ही तेरी नौकरी लगवाई….

मैंने ही तुझे इतना सपोर्ट किया……

अब आई है…

सरकारी नौकरी वाला लड़का क्या मिल गया ….

अपने सभी दोस्तों को भूल गई….

जा भाड़ में ….

मुझे नहीं करनी तेरे से बात ….

सुरभि बोली….

और वो अपनी सीट पर चली गयी….

रिया को बहुत  बुरा लगा ….

उसकी आंखें नम हो गई ….

उसे विश्वास नहीं था कि उसकी बेस्ट फ्रेंड  उसे इस तरीके से भी कह सकती है …

इस तरह बर्ताव कर सकती है….

उसे लग रहा था कि यह जो नौकरी कर रही हूँ मैँ सुरभि की वजह से ही  है ….

अब उसे वह नौकरी काटने को दौड़ रही थी ….

रिया ने  ऑफिस का काम कंप्लीट किया ….

वो ऑटो में बैठी हुई थी कि तभी सुबोध का फोन उसके फोन पर आया …

रिया ने दो-चार बार तो फोन कट किया….

फिर अचानक से रिया को याद आया …

कि अभी अगर मैं फोन नहीं उठाऊंगी….

तो ये  रात में विभू  के आने के बाद कॉल करेगा….

जो अच्छा नहीं लगेगा…

कुछ सोचकर रिया ने कॉल उठाया …

रिया बोली …

क्या है सुबोध…???

ना हेलो ना हाय …

फिर तुम र् यूड  होकर बात कर रही हो रिया…

बस मैंने  तुम्हारे हाल-चाल जानने के लिए फोन किया…

नहीं जरूरत है …

कि तुम मेरा हाल-चाल जानो….

हाल-चाल जानने  के लिए मेरा परिवार, मेरे घर वाले बहुत है….

रिया फ़ोन रखने वाली थी…

तभी सुबोध ने बोला …

रिया वो रात याद है …

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नाजायज रिश्ता (भाग -18)- मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

तब तक के लिए जय श्री राधे ….

मीनाक्षी सिंह

आगरा

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