जैसा कि आपने कहानी “नाजायज रिश्ता” में अभी तक पढ़ा कि विभू और रिया का बच्चा इस दुनिया में आने वाला है ….अंकित के प्रति बढ़ने वाला रिया का आकर्षण खत्म हो चुका है…..अंकित को पुलिस गिरफ्तार करके ले जा चुकी है…..रिया को 9 माह पूर्ण हो चुके हैं…..उसे अस्पताल लाया जा रहा है….उसकी सास रिया को लेकर अस्पताल पहुंच चुकी है…विभू दफ्तर के काम से बाहर गया हुआ है….उसे भी खबर कर दी गई है…..लेकिन यह क्या रास्ते में विभू को….
अब आगे…..
लेकिन यह क्या रास्ते में विभू को अचानक से चक्कर आने लगे…..
वह बस के इंतजार में खड़ा था …..
वहीं पर सर पकड़ कर गिर गया…..
आसपास मौजूद लोगों ने विभू को उठाया …..
वहां काफी भीड़ लग गई …..
सभी ने सहारा देकर उसे पास के अस्पताल में भर्ती करवाया…..
डॉक्टर ने उसे देखा ….
जी….इनके साथ कोई है ???
जी नहीं….
हम नहीं जानते इन्हे ….
यह तो बस बाहर रोड पर चक्कर खाकर गिर गए…..तो हम इन्हें ले आए हैं ….
विभू को लाने वाला एक आदमी बोला…..
बहुत अच्छा किया आपने….
इनका बीपी हाई हो गया है….
इन्होंने टेंशन ज्यादा ले ली है ….
शायद किसी जरूरी काम से जा रहे थे….
उसका ही इनके मस्तिष्क पर प्रभाव पड़ा है ….
कोई नहीं ….
अभी थोड़ी देर में ठीक हो जाएंगे ….
डॉक्टर ने जरूरी दवाई दी ….
कुछ ही समय में विभू को होश आ गया ….
वह घबरा गया….
रिया,,रिया….करके आवाज़ लगाने लगा….
आप यहां अस्पताल में हैं ….
रिया जी कौन है ??
जी मेरी वाइफ है ….
सर….वो आज उसकी डिलीवरी है …
मैं वही जा रहा था…
मैं यहां कैसे ??
जी आपको चक्कर आ गए …
इसलिए आप गिर गए…
घबराइए नहीं …
अब आप पूरी तरह ठीक है…
थोड़ी देर आराम करके आप जा सकते हैं…
जी नहीं सर……
मेरी पत्नी को मेरी जरूरत है …
वह अकेली है….
मुझे जाने दीजिए…
ठीक है …
आपको यह जरूरी दवाई दे दी गई है…
अब आगे से अपना ख्याल रखिए…
यह चीज आपके साथ बार बार हो सकती है …
बीपी की समस्या आपको पहले से है या अभी हुई ??
जी पता नहीं सर ….
लेकिन ऐसे चक्कर खाकर तो पहली बार ही गिरा हूं….
अच्छा सर चलता हूं…..
जो भी पैसे हो बता दीजिए ….
जी रहने दीजिए ….
इन्होंने पैसे पे कर दिए हैं….
पास में खड़े आदमी की तरह इशारा करके डॉक्टर साहब बोले…..
अरे आप तो मेरे लिए फरिश्ता बन गए ….
लीजिए ना सर ….
कितने पैसे हुए….??
बताइए ???
जी….
नहीं नहीं….
इंसानियत भी कोई चीज है….
आप जाइए….
अपनी बीवी की डिलीवरी देखिए ….
और मेरा आशीर्वाद है उनके साथ ….
वो आदमी बोला….
विभू उस आदमी को नमस्ते कर जल्दी से चला आया…..
वह अस्पताल आ चुका था….
अंदर ही कुर्सी पर बैठी हुई उसकी मां दिखाई दी….
क्या हुआ मां ??
रिया ठीक है ??
आप इतनी उदास क्यों हो ???
हां लाला …
अभी तक तो मैंने देखा नहीं…
डॉक्टरनी आई थी …
मैंने वाते पूछी ….
तो कह रही …
लाली भई है…
अरे वाह मां ….
हमारे घर कन्या आई है..
मेरी बेटी आ गयी ….
यह सुन विभू की मां मुंह बनाने लगी…
क्या हुआ माँ तुम खुश नहीं हो ??
अरे घर को चिराग आनो चाहिए हतो…
और तू खुश हो रहो है …
अरे माँ तुम कैसी बात करती हो …
आजकल लड़कियां क्या लड़कों से कम है ….
हमारा पहला बच्चा है …
लड़का है या लड़की …
मुझे तो सब बराबर है….
अगर आप इस तरह से रिया के सामने जाएंगी …
तो उस पर क्या प्रभाव पड़ेगा…
खुश रहिए…
बच्चों को मुझे पालना है …
आपको नहीं…
ऐसी बात कर रहो है …
बाऊजी से कह दियो…
मैं कल आये जाऊंगी ….
अरे यह क्या माँ आप तो कह रही थी …
खूब मालिश करूंगी …
खूब अच्छे से परवरिश करूंगी …
अपने आने वाले पोता पोती की…
बहु के छोरा होता तो मालिश करती…..
छोरी तो ऐसे ही बाँस सी बढ़ जावे है…
बहुत सो काम मेरे बिना अधूरो है गाम में ……
ठीक है मां …
तुम्हारी ऐसी ही मर्जी है…
तो मैं कल ही तुम्हें भेज दूंगा….
परेशान मत हो…
विभू गुस्से में बोला…
डॉक्टरनी बाहर आई….
जी….रिया कैसी है ??
उन्हें ऑपरेशन से बच्चा हुआ है…
पहला बच्चा है…
घबराई हुई थी …
डिलीवरी थोड़ा मुश्किल थी …
लेकिन अब दोनों ही लोग ठीक हैं…
आप लोग मिल सकते हैं ….
थैंक यू डॉक्टर….
यह बोल विभू जल्दी से अंदर रिया के पास गया…
उसने पीछे मुड़कर मां की ओर देखा ….
मां अभी भी कुर्सी पर ही बैठी हुई थी….
विभू रिया के पास आया….
उसके हाथ को अपने हाथ में लिया….
रिया तुम कैसी हो ???
जी….
मैं ठीक हूं….
हमारी गुड़िया कैसी है ??
पहले तुम बताओ ….
तुम ठीक हो ना बिल्कुल ??
जी….मैं ठीक हूं ..
मेरी गुड़िया कहां है ???
तभी नर्स रिया और विभू की नन्ही बेटी को लेकर के उनके पास आई …
रिया उसे देखकर के मुस्कुरा दी….
उसकी आंखों से आंसू बह निकले….
विभू भी भावुक हो गया था….
विभू ने अपनी गोद में अपनी बिटिया को लिया ….
और उसे बस देखता ही रहा….
रिया यह तो बिल्कुल तुम पर गई है….
ऐसा ही छोटा सा ,,प्यारा चेहरा ,मासूम सी….
मैं तो बस यही चाहता था….
मेरी रिया ही आ जाए ….
जी …
आप खुश हैं लड़की आने से ??
क्यों ??
मैं तो बहुत खुश हूं …
मुझे बेटी ही चाहिए थी….
बेटी से ज्यादा ख्याल और प्यार क्या कोई कर सकता है ….
रिया यह बात सुन मुस्कुरा दी….
जी मम्मी जी कहां है ??
वो थोड़ा सा घबरा गई थी ….
बाहर बैठी है …
उन्हे दवाई देकर के आया हूं …
अभी आ रही होंगी ….
और हां रिया…..
थोड़ा गांव में बाबूजी की तबीयत भी ठीक नहीं चल रही है…
तो माँ कह रही थी कल जाने को ….
तुम्हारी डिलीवरी भी ठीक से हो गई है ….
मैं एक कामवाली लगा दूंगा….
वो तुम्हारी और गुड़िया की देखभाल कर लिया करेगी….
माँ को कल भेज देते हैं ….
जी इतनी जल्दी??
मम्मी जी….तो काफी दिन रहने वाली थी ना ….
वो थोड़ा सा समस्या आ गई है गांव में….
तुम फ़िक्र मत करो….
मैं हूं ना….
कुछ दिन मैं भी छुट्टी ले लूंगा ….
उसके बाद तो मैं कोई ना कोई इंतजाम देख लूंगा….
तभी रिया की सास भी अंदर आई ….
अगर ज्यादा समस्या है लला…..तो बहू को मेरे साथ गांव भेज दे….
वहां सब जन हैं….
सभी छोरी की और बहू की देखभाल कर लेंगे ….
थोड़ा रोष में रिया की सास बोली….
नहीं माँ….
रहने दो ….
हमारा बच्चा है….
हम उसकी देखभाल कर लेंगे….
आप तकलीफ मत लो….
विभू गुस्से में बोला….
जैसी तेरी मर्जी….
मैं तो बस या लिए कह रही…..
कि ऑपरेशन का शरीर है बहू को….
मां बस ज्यादा मत बोलिए ….
अब आपको जाना है ….
तो आप कल जा सकती हैं….
अगले दो दिन बाद रिया को डिस्चार्ज कर दिया गया ….
रिया घर आ गई….
अभी भी सास उनके पास रुकी हुईं थी ….
अच्छा मां चलो….
तुम्हें बस में बैठा आता हूं ….
ना अभी मैं कुछ दिन और रुक जाऊं का लला ???
तुम ही तो कह रही थी….
तुम्हें गांव जाना है ….
वो बऊ की और छोरी की सुध आयेगी…
रिया की सास की बातों में अपनत्व था….
रिया….अगर तुम जाना चाहो ….तो कुछ दिन घर पर जा सकती हो….
फिर जब कुछ महीने की हो जाएगी गुड़िया….तो आ जाना….
यह सुन रिया उदास हो गई ….
रिया बंदिश में नहीं बंधना चाहती थी ….
वह अकेले विभू के साथ ही रहना चाहती थी ….
जी आप कह रहे हैं ना ….
आप कामवाली रख देंगे ….
मैं कर लूंगी देखभाल ….
आप फिक्र ना करें….
रिया बोली…..
ठीक है जैसी मर्जी तुम्हारी….
रिया की सास ने खूब लाड़ दुलार किया….
अपने पोती और अपनी बहू पर …..
उनकी आंखों में आंसू भी थे ….
लेकिन जाना तो था ही…
विभू उन्हे बस में बैठा आया….
अगले दिन से ही विभू ने घर पर कामवाली लगा ली….
जो 8 घंटे रिया के साथ घर पर ही रहती …..
और सारे कामों में मदद करती ….
रिया की भी मालिश कर देती और उसकी गुड़िया की भी…..
धीरे-धीरे दिन बीतने लगे….
रिया का मन अब मायके जाने का कर रहा था….
जी….
मैं कुछ दिन मम्मी के घर पर हो आऊँ??
रिया ने विभू से पूछा……
हां ..हां…
क्यों नहीं….
वैसे भी बहुत समय से नहीं गई हो ….
चलो पहले घर चलते हैं …
उसके बाद तुम अपने मायके चली जाना ….
विभू रिया को लेकर पहले ससुराल आया….
उनका भव्य स्वागत किया गया….
सभी को दावत दी गई ….
कुछ दिन रहने के बाद रिया अपने मायके आई….
अम्मा ने हाथों हाथ लिया रिया और उसकी बच्ची को….
वहां रिया की संगी सहेली सुरभि मिली….
ए रिया…
तू कैसी हो गई है ???
तो पहले वाली रिया रही ही नहीं….
तेरा शरीर….
तेरी वो खिलखिलाती हंसी ….तेरा चेहरा ….
सब मुरझा गया है ….
अभी एक ही बच्चा हुआ है ….
और तू ऐसी हो गई ….
और वैसे इतनी जल्दी क्या थी तुझे बच्चों की ???
अभी उम्र ही क्या है तेरी ….
ऐसे क्यों बोल रही है सुरभि ….
मुझे अपनी गुड़िया से बहुत प्यार है….
वो हो जाऊंगी धीरे-धीरे सही मैँ….
तू कभी ठीक नहीं होगी…
यह मर्द लोग बस हम औरतों से बच्चे ही पैदा करवाते हैं….
और अच्छा एक बात तू बता क्या जीजा जी तुझसे पहले वाला प्यार करते हैं ??
सच सच बताना….
रिया एक पल को सोचने लगी ….
यह बात तो सही कह रही है सुरभि….
पल-पल ध्यान रखने वाले विभू अब रात को आते ही ऑफिस से सो जाते थे ….
इतना थक जाते थे…..
मेरी तरफ देखते भी नहीं थे….
मुझसे प्यार भरी बातें य़ा स्पर्श किये ना जाने कितना समय हो गया होगा….
सही कह रही हूं ना मैं रिया??
रिया सोच से बाहर आई….
हां बात तो सही है सुरभि …
तू बता मैं क्या करूं??
बच्चा देखूँ कि अपनी देखभाल करूँ…
तू मेरी मान तो मेरी तरह कोई नौकरी पकड़ ले ….
जीजाजी को अपना काम करने दे …
घर पर कोई आया या फिर क्रच में अपनी बेटी को जाने दे….
अब तो चार-पांच महीने की होने को आई…
क्रच वाले खूब ख्याल रखते हैं बच्चे का…
तू अपनी भी जिंदगी जी और जीजा जी को भी जीने दे….
बाहर निकलेगी…
कई लोगों से मिलेगी….
तो अपने आप ही तुझ में….
निखार आ जाएगा…..
क्या ऐसी जिंदगी जी रही है…..
ये कोई जीवन है …..
पढ़ी-लिखी हो करके घर की चक्की में पीसकर रह गई है ….
कह तो सही रही है सुरभि तू …..
ठीक है मैं इनसे कह कर देखती हूं…
अगर यह मुझे नौकरी करने देते हैं तो ….
वैसे मुझे कैसी नौकरी करनी चाहिए ??
अरे …
सुंदर लड़कियों को हर तरह की नौकरी मिल जाती है…
ग्रेजुएट तो तू है ही….
अपना रिज्यूम लगा देना….
वहां जाकर कोई ना कोई नौकरी तुझे मिल ही जाएगी ….
कोई दिक्कत आए…
तो मुझे बताना….
मैं भी पास में ही हूं….
हेल्प कर दूंगी…
थैंक यू सुरभि …
अब रिया का मन बिल्कुल भी नहीं लगता था….
वो अपनी बेटी को देखकर के मन ही मन खुद को कोसती थी….
कि अभी से एक बच्चे की मां बन गई हूं …
मेरा खुद का जीवन क्या रह गया है ….
कुछ ही दिनों में रिया मायके से अपने घर जाने वाली थी विभू के साथ….
विभू के आने का इंतजार कर रही थी पीहर में….
रिया की अम्मा रिया से बोली …
ए री लाली….
सुन …
खबरदार…
इधर विभू की तबियत भी….
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नाजायज रिश्ता (भाग -12)- मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi
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उतार चढ़ाव तो जीवन का अंग है….
आपकी लेखिका…
मीनाक्षी सिंह …
आगरा
जय श्री श्याम…