विवाह संबंध ऐसा अनोखा बंधन है, जिसमें दो अनजाने, जो न कभी एक दूसरे से मिले, न एक दूसरे को जाने बगैर, बंधते चले जाते हैं, कभी अलग न होने के लिए!!
हम दोनों पति पत्नी, अपनी स्वतंत्र सोच, और विचार रखते हुए भी बिल्कुल एक से रहे, कारण
” हम और हमारा परिवार ” की भावना दोनों में जबरदस्त थी , अपने बच्चों के लिए लिए सर्वश्रेष्ठ करने की चाहत हमारे बीच में सर्वोपरी रही ,जिसके तहत हम दोनों हर परिस्थिति को पार करते चले जा रहे थे!!
1999 फरवरी में पापा को हम भाई बहनों ने खो दिया, मम्मी को 1989 मैं खो चुके थे, अंदर से इतना खालीपन आ गया था जिसे शब्दों में बताया भी नहीं जा सकता, ऐसे में छोटे भाई का राखी पर बुलावा बहुत सुखद लगा ।
हमेशा मेरा साथ देने वाले पति पता नहीं क्यों अनमने से हो गए, मना करने लगे, साड़ी का प्रलोभन देने लगे, जो मेरी कमजोरी थी पर मैं जिद पर आ गईं आखिर वो भी मेरे साथ, जबलपुर गए।
7 अगस्त को हम पहुंचे, सब भाई बहन मिले, एक अलग सी शान्ति मिली. दूसरे दिन राखी थी, दिन भर खूब खाना पीना बातों में पूरा दिन निकल गया, जीजाजी सिंचाई विभाग में अफसर थे, सभी बहनोई भाई दीदी के घर चले गए मैंने भी जिद की पर, भाभी बहनों ने जाने नहीं दिया, हमेशा शांत रहने वाली मैं जिद पर आ गईं और छोटे भाई को लेकर दीदी के घर पहुंच गईं जो बर्गी हिल्स में सरकारी आवास में रहती थी, खाना पीना हुआ , ज्यादा लोग होने के कारण मैं और दीदी डाइनिंग रूम में गद्दा डालकर नीचे सो गए ।
रात करीब 1 बजे मुझे कलाई में दर्द हुआ हार्ट में बहुत दर्द होने लगा , सांस लेने में दिक्कत होने लगी , दीदी को उठाया वो समझ नहीं पाई पतिदेव को उठाया, आते ही इन्होंने जैसे ही लाइट ऑन की देखा अलमारी के पास कुंडली मार के ब्राउन कलर का सांप पड़ा है, पहले तो उसको भगाने में सब लग गए मेरी तरफ किसी का ध्यान ही नही, इधर मेरा जबड़ा कसने लगा , जीभ सूख गई पूरा शरीर अकड़ने लगा मैं बैठ भी नहीं पा रही आवाज निकलना बंद हो गईं तब मुझे लेकर सब जबलपुर मेडिकल कालेज भागे, Dr संदेह करने लगे जहर खिलाने का मामला है, मुश्किल से समझाया मायके वाले हैं ऐसा कुछ नहीं इन सब में मेरी हालत लगातार बिगड़ती जा रही, डॉक्टर्स ने इलाज शुरू किया ही था कि अचानक मेरे मुंह से झाग की उल्टी हुई और मेरी सांस पूरी तरह रुक गईं ।
डॉक्टर वेंटिलेटर लगा रहे हड़बड़ी में होने के कारण मुंह से खून आना शुरू मेरा परिवार पागल सा हो रहा , डॉक्टर ने चेक करके बताया करैत सांप ने काटा है, अब तो सबकी हालत और खराब क्योंकि करैत बहुत जहरीला सांप होता है। वेंटिलेटर की तकलीफ बहुत जानलेवा थी, मेरे दोनो हाथ बांध दिए जिससे मैं वेंटिलेटर निकाल न पाऊं, इतने ज्यादा जोर से चक्कर आ रहे थे मैं शब्दो में लिखने में असमर्थ हूं डॉक्टर मुझे,, सोने नहीं दे रहे लगातार बोलते जा रहे सोना नहीं है आपको। सिर घूमता जा रहा ।
मुझे मेरा 13 साल का बेटा, 10साल की बेटी, हमेशा बराबरी का दर्जा देने वाला पति, मेरा सजा संवरा घर याद आ रहा था वो कष्ट मैं कभी भूल नहीं पाती पर मैंने अपनी पूरी ताकत लगा दी की मुझे मरना नही हैं मुझे जीना है , पूरा दिन पूरी रात मुझे सोने नहीं दिया गया 10अगस्त को मेरा बर्थडे था शाम 7 बजे मेरे बच्चे आईसीयू के बाहर खड़े, उनके हाथ में मेरे लिऐ गिफ्ट , मेरे होठों पर मां दुर्गा और महादेव के मंत्र अचानक डॉक्टर ने ” वेंटिलेटर ” हटाया बच्चो को अन्दर बुलाया और मुझे बहुत बधाई दी, मेरा पूरा परिवार खुशी से नाच उठा ,सच है जीवन है तो कोई भी बला आ जाए कुछ नही बिगाड़ सकती अपना मनोबल कम न होने दे, सद्कर्म करें, न जाने कौन सा किया सद्कर्म उस समय काम आ जाए
समय परिर्वतन शील है, पता ही नहीं चलता, समय कब पलट जाए, हंसते हंसते, समय कब रुला दे, कौन बता सकता है ? जीवन के उतार चढ़ाव………सशक्त बनाते हैं, हमें भी हमारे रिश्तों को भी . तैयार रखें अपने को हर चुनौती का सामना करने को, क्योंकि ” जीवन में तो आते ही रहेंगे कभी खुशी कभी गम “
पर हमने भी ठान लिया है, हाथों में हाथ देकर,
एक दूसरे को वचन देकर,
” न जुदा होंगे हम “चाहे जीवन में ” कभी खुशी हो या गम “
#कभी_खुशी_कभी_ग़म
प्रीती सक्सेना
इंदौर